कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहें है एवं वैज्ञानिक पद्धति से मत्स्य पालन की ओर अग्रसर

जे टी न्यूज, समस्तीपुर: पिछले 05 वर्षों में मत्स्य उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। किसान बंधु मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं यथा तालाब निर्माण, मत्स्य विपणन कीट एवं परिवहन प्रशिक्षण सहित अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहें है एवं वैज्ञानिक पद्धति से मत्स्य पालन की ओर अग्रसर है।
शुक्रवार को जिला मत्स्य कार्यालय समस्तीपुर के कार्यालय प्रकोष्ठ में विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी मो० नियाजुद्दीन ने उक्त बातें कही। उन्होंने बताया कि विश्व मात्स्यिकी दिवस प्रत्येक वर्ष 21 नवम्बर को विश्व के मछुआरों में जागरूकता एवं नीली क्रांति में उत्पादन में वृद्धि एवं प्राकृतिक जलक्षेत्रों में पर्यावरणीय सुरक्षा को स्थायित्व व मजबूती देने केलिए मनाया जाता है।
कार्यक्रम के दौरान पदाधिकारियों ने मौजूद मत्स्य पालक किसानों के साथ जिले में संचालित राज्य एवं केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के क्रियांवयन के बारे में विस्तृत परिचर्चा की। साथ ही मत्स्य उत्पाद में अभिवृद्धि एवं मत्स्य पालन में आ रही कठिनाईयों के बारे में भी विचार विनिमय किया।
इस दौरान मत्स्य पालक किसानों ने बताया कि सरकारी तालाबों का सीमांकन कर अतिक्रमण मुक्त व उनका जीर्णोद्धार कराये। प्रत्येक सरकारी तालाब पर बोरिंग एवं पंपसेट अधिष्ठापन कराने से मछली उत्पादन में आशातीत वृद्धि हो सकती है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि बाजार के बदलते स्वरूप और उपभोक्ताओं के अभिरूची पर बाजारवाद के प्रभाव के बीच परंपरागत मत्स्य पालन अधिक लाभकारी नहीं रहा। इसलिए मत्स्य पालन व्यवसाय को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने और इसे लाभकारी बनाने में फिश फार्मर प्रोड्युसर आॅर्गेनाईजेशन (एफएफपीओ) एक बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण साधन है।
इसके अलावा भी सरकारी स्तर पर भी कुछ प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति का चयन किया गया है जिसकी व्यवसाय योजना तैयार कर आर्थिक मदद मुहैया कराई जाएगी। कार्यक्रम को सुधीर सहनी, लालो सहनी, नरेन्द्र किशोर एवं प्रकाश कुमार बादल ने भी संबोधित किया।
मौके पर जिले के सभी प्रखंडो के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्रीए अध्यक्ष, प्रगतिशील मत्स्य कृषक एवं कार्यालय के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
