आंतरिक ध्यान ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र मार्ग : संजीवानंद बाबा
आंतरिक ध्यान ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र मार्ग : संजीवानंद बाबा
गम्हरिया में 15 दिवसीय ध्यान साधना शिविर आयोजित
जे टी न्यूज, गम्हरिया, मधेपुरा, राजीव

प्रखंड मुख्यालय के कायस्थ टोला स्थित महर्षि संतसेवी अवतरण भूमि के प्रांगण में महर्षि संतसेवी जी महाराज की 106वीं जयंती के उपलक्ष्य में चल रहे पंद्रह दिवसीय ध्यान साधना शिविर में आध्यात्मिक प्रवचनों का दौर अनवरत जारी है।
सत्संग कार्यक्रम के दूसरे दिन, मुख्य वक्ता स्वामी संजीवानंद बाबा ने अपने उद्बोधन में महर्षि संतसेवी के कालातीत विचारों को साझा किया। उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा, “महर्षि संतसेवी जी कहते थे कि ईश्वर न तो मंदिर में मिलते हैं और न ही मस्जिद में; उनकी प्राप्ति का एकमात्र मार्ग आंतरिक ध्यान है।”
*आंतरिक ध्यान और गुरु कृपा का महत्व*
स्वामी संजीवानंद ने आत्म-साक्षात्कार के लिए ध्यान और भजन के महत्व पर विशेष जोर देते हुए कहा कि ये दोनों ही स्वयं को जानने और परम सत्य का अनुभव करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इस आध्यात्मिक अवसर पर, स्वामी कैलाशानंद बाबा ने गुरु की कृपा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि सच्चे गुरु के मार्गदर्शन और कृपा के बिना आत्म साक्षात्कार कदापि संभव नहीं है। वहीं, स्वामी हंसराज बाबा ने मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव शरीर की उपयोगिता केवल सांसारिक सुखों की बहुलता में नहीं, बल्कि ईश्वर की भक्ति के दिव्य आनंद को प्राप्त करने में है।
*प्रमुख आयोजन एवं कार्यक्रम*
आश्रम के व्यवस्थापक अरविंद कुमार प्रभाकर, धीरज भगत और नीरज कुमार इस संपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में तन-मन से जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान दो दिवसीय विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं:
19 दिसंबर: दिन के 11:00 बजे एक विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
19 और 20 दिसंबर: विशाल सत्संग और विशाल भंडारे का आयोजन किया जा रहा है।
इस पुनीत कार्य को सफल बनाने में राजो भगत, वीरेंद्र यादव (अमहा), पंकज कुमार वर्मा, कलानंद मंडल, रामानंद यादव, विनय शंकर यादव, प्रकाश लाल दास, बिट्टू लाल, रविंद्र शर्मा और श्रवण शर्मा सहित कई सत्संग प्रेमी सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।



