विश्वविद्यालय आठवीं वर्षगांठ मनाने को तैयार स्थायी भवन और स्थाई प्राध्यापकों के इंतज़ार में है
विश्वविद्यालय आठवीं वर्षगांठ मनाने को तैयार स्थायी भवन और स्थाई प्राध्यापकों के इंतज़ार में है

जे टी न्यूज़, मुंगेर: एक तरफ सरकार उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के ढोल पीटते नहीं थकती, वहीं दूसरी तरफ अपने स्थापना के आठ वर्ष पूरे करने की ओर अग्रसर मुंगेर विश्वविद्यालय आज भी अपने स्थायी भवन और स्थाई प्राध्यापकों के इंतज़ार में है। आगामी मार्च 2026 में विश्वविद्यालय अपनी आठवीं वर्षगांठ मनाने को तैयार है।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय प्रशासन वर्षों से भूमि चयन, भवन निर्माण और संरचनात्मक विकास की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग करता रहा है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस प्रगति नहीं हो सकी है।
इसका सीधा असर शैक्षणिक गतिविधियों, प्रशासनिक कार्यों और छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं पर दिखाई देता है। विश्वविद्यालय स्थापना के बाद इसकी व्यवस्था और संचालन के लिए पद सृजित कर दिए गए, लेकिन नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी। फलस्वरूप, स्थापना के 7 साल बाद भी मुंगेर विश्वविद्यालय के अधीन महाविद्यालयों की छोड़िए, मुंगेर विश्वविद्यालय का मुख्यालय तक आज तक प्रतिनियुक्त व अस्थाई कर्मचारियों के सहारे चल रहा हैं।
बताते चलें कि मुंगेर विश्वविद्यालय में 20 स्नातकोत्तर विभाग और 9 पीजी सेंटर संचालित हैं, मगर इनमें कहीं भी अब तक स्थायी शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति नहीं हुई है। कई विभाग तो सिर्फ अतिथि शिक्षकों पर निर्भर हैं। उनमें से भी कई शिक्षकों का कार्यकाल पूरा होने को है।
नियमित कर्मियों के अभाव में विभागीय कार्यों में गंभीर कठिनाइयां उत्पन्न होती रहती हैं। साथ ही शोध, अध्ययन सामग्री, प्रयोगशाला, पुस्तकालय गुणवत्ता सीधे तौर पर प्रभावित हो रही हैं। रोस्टर क्लीयरेंस नहीं हो पाने के कारण अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति का मामला भी अधर में लटका हुआ है। ऊपर से कई अतिथि शिक्षकों के पद रिक्त होने वाले हैं।
विश्वविद्यालय का मुख्यालय किराए के परिसर में संचालित होने से जहां एक तरफ प्रशासनिक कार्यों में अव्यवस्था बनी रहती है, वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय के दीर्घकालीन विकास लक्ष्य भी प्रभावित होते हैं। साथ ही छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के लिए निर्धारित सुविधाएं भी अधूरी पड़ी हैं।
छात्रों का कहना है कि मुंगेर विश्वविद्यालय के आठ वर्ष होने को है, वाबजूद विश्वविद्यालय का अपना भवन नहीं बन पाना इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। वहीं शिक्षकों का मानना है कि स्थायी संरचना, स्थायी शिक्षक और आवश्यक कर्मियों की नियुक्ति बिना विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण के शिक्षा प्रदान नहीं कर सकता।
इस संबंध में पूछे जाने पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ) घनश्याम राय ने मुंविवि के लिए जो पद सृजित हुए हैं, उस पर सरकार को बहाली करनी है, जो अबतक नहीं हो सका है। चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का काम, आउटसोर्स से बहाल कर्मियों से कराना है, जो किया जा रहा है। रही बात शिक्षक की, तो इनके नियुक्ति की प्रक्रिया 2020 से ही चल रही है, अबतक पूरी नहीं हो सकी है। रोस्टर क्लीयरेंस होते ही अतिथि शिक्षक की नियुक्ति कर शिक्षकों की कमी पूरी कर ली जाएगी।
बड़ा सवाल यह है कि, किराए के भवन में अस्थाई कर्मियों के सहारे सरकार का उच्च स्तरीय गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का दावा सिर्फ फाइलों और अखबार की सुर्खियों केलिए तो नहीं है? बहरहाल दिख तो यही रहा है।


