संकल्प संस्थान और विश्व हिंदी परिषद, ओड़िशा प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में “पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न”
यूट्यूब लाइव प्रसारण के साथ प्रख्यात कवियों ने बिखेरा काव्य-रस
संकल्प संस्थान और विश्व हिंदी परिषद, ओड़िशा प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में “पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न”
यूट्यूब लाइव प्रसारण के साथ प्रख्यात कवियों ने बिखेरा काव्य-रस
डॉ. मुन्नीलाल जयसवाल रहे मुख्य अतिथि

जे टी न्यूज, राउरकेला: राउरकेला में संकल्प संस्थान एवं विश्व हिन्दी परिषद, ओड़िशा प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में 28 दिसम्बर रविवार को होटल शुभम्, राउरकेला के वातानुकूलित सभाकक्ष में पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में दीप प्रज्ज्वलित कर माता शारदे का आह्वान किया गया एवं सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. मुन्नीलाल जयसवाल, भूतपूर्व प्राचार्य, डालमिया कॉलेज ने हिंदी साहित्य की सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डालते हुए आयोजन की सराहना की एवं संकल्प संस्थान के संस्थापक श्री मधुसूदन साहा जी ने ओड़िशा में हिंदी साहित्य एवं क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हिंदी के दूरगामी प्रभाव पर प्रकाश डाला।
इस साहित्यिक आयोजन में डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति की गज़ल संग्रह ” अपनी फ़िक्र ” डॉ मधुसूदन साहा की दोहा मुक्तक संग्रह ” पलभर का मृदु प्यार” एवं श्रवण कुमार पारीक की कहानी संग्रह “अर्पण” का विधिवत लोकार्पण किया गया। इन पुस्तकों पर संक्षिप्त परिचयात्मक परिचर्चा श्री अजय प्रजापति एवं श्री श्रमण कुमार पारीक द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण कवि सम्मेलन रहा जिसमें विक्रमादित्य सिंह, किशन खंडेलवाल, कृष्ण कुमार प्रजापति, विनोद कुमार, अजय प्रजापति, डॉ. मधुसूदन साहा, श्री गोपाल बगड़िया, ऊषा अग्रवाल, सुनील सावन, पायल अग्रवाल आदि ने विविध रसों से युक्त काव्य-पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। कभी हास्य-व्यंग्य ने चेहरे पर मुस्कान बिखेरा तो कभी गजलों ने मन की संवेदना की छू लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन डॉ. कृष्ण कुमार प्रजापति ने किया वहीं मंच संचालन कवि विक्रमादित्य सिंह के द्वारा किया गया साथ ही कार्यक्रम में संरक्षक, महासचिव एवं उपाध्यक्ष का विशेष सहयोग रहा।
इस साहित्यिक आयोजन का सीधा प्रसारण यूट्यूब पर किया गया, जिसे देश-विदेश के साहित्यप्रेमियों ने काव्य सुधा का आनंद उठाया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों व कवियों के सम्मान के साथ स्वरुचि भोज की व्यवस्था की गई। यह आयोजन राउरकेला के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य में एक यादगार उपलब्धि के रूप में दर्ज हुआ वही धन्यवाद ज्ञापन श्री गोपाल बगड़िया ने दिया।


