विद्यापतिधाम मंदिर के सभागार में बाल-विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान के तहत आहूत की गई संवेदी करण बैठक…।

विद्यापतिधाम मंदिर के सभागार में बाल-विवाह एवं दहेज उन्मूलन अभियान के तहत आहूत की गई संवेदी करण बैठक…।

जेटी न्यूज़/ कार्यालय

समस्तीपुर::- जिला अंतर्गत दलसिंहसराय अनुमंडल में अनुमंडलाधिकारी की अध्यक्षता में महिला विकास निगम (समाज कल्याण विभाग) बिहार सरकार, यूनिसेफ व एक्शन एड के संयुक्त तत्वावधान में बाल- विवाह व दहेज उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे राज्य व्यापी अभियान के तहत आज विद्यापतिधाम मंदिर के पुजारी, कमिटी के अध्यक्ष, सदस्यों, विकास मित्रों, विवाह संपन्न कराने वाले सेवा प्रदाताओं ( कैटरर्स, टेंट हाउस, प्रिंटिंग प्रेस, विडियो ग्राफर) के साथ संवेदीकरण बैठक संपन्न हुई।

बैठक में काफी संख्या में महिलाओं की भी भागीदारी रही। बैठक में विषय प्रवेश कराते हुए बाल-विवाह व दहेज उन्मूलन अभियान के जिला समन्वयक, एक्शन एड के अरविन्द कुमार ने उपस्थित प्रतिभागियों को बाल-विवाह व दहेज उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे राज्य व्यापी अभियान के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की और बताया कि किस प्रकार 2017 से हीं मानव श्रृंखला, दीवारों पर नारा लेखन, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक आदि का कार्य चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक समस्तीपुर में 53.5 प्रतिशत बाल-विवाह के दर की वजह से बिहार के 13 हाई बर्डेन जिलों में से एक है। गौरतलब हो कि बिहार का औसत बाल विवाह की दर 42.5 प्रतिशत है।

बाल विवाह व दहेज के प्रभावी नियंत्रण के लिए उन्होंने बताया कि जिला से लेकर पंचायत स्तर तक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में एक्शन एड की स्टेट मैनेजर, डाॅ० शरदा कुमारी ने उपस्थित प्रतिभागियों को धर्म, धर्म का समाज पर प्रभाव व धार्मिक पुरोहितों पुजारियों की आम जनमानस में पकड़ को लेकर धार्मिक ग्रंथों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उनसे इस अभियान की सफलता के लिए यह अपील की कि वे आम लोगों को बाल-विवाह करने से रोकें

। पुजारी, पुरोहित अपना पतरा तब खोलें जब वे उम्र के संबंध में पूर्ण रुप से जांच लें कि उनके यजमान बाल-विवाह को प्रोत्साहित तो नहीं कर रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी, दलसिंहसराय ने उपस्थित प्रतिभागियों को बाल-विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि अभी 2 महीने में अनुमंडल स्तरीय टास्क फोर्स व बाल-विवाह उन्मूलन अभियान के प्रयास से 12 बाल विवाह को रोकने में सफलता मिली है तथा वैसे 4 व्यक्ति को गणतंत्र दिवस के अवसर पर अनुमंडल स्तर पर सम्मानित किया गया है जिन्होंने बाल विवाह को रोकने को लेकर मदद पहुंचाई है। उन्होंने पंडित, पुजारी, पुरोहितों व सेवा प्रदाताओं को बताया कि बाल विवाह कराना व प्रोत्साहित करना संगीन अपराध है जिसमें संलिप्त व्यक्तियों को 2 वर्षों तक सश्रम कारावास और 1 लाख रुपए तक अर्थ दंड का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि बाल-विवाह को प्रोत्साहित करने वाले के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। प्रिंटिंग प्रेस जो शादी विवाह का कार्ड छापते हैं, हलवाई, विडियो ग्राफर, टेंट हाउस के संचालक तथा मंदिर प्रशासन विवाह संपन्न कराने से पूर्व वर व वधू के उम्र सत्यापन के लिए किसी भी मान्य दस्तावेज को अपने साटा- ब्याना से पूर्व रख लें और फिर रजिस्टर में संधारण करें। विद्यापतिधाम मंदिर के अध्यक्ष व मुखिया गणेश गिरी ने आगंतुक अतिथि व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए विद्यापति की रचना को गायन के माध्यम से जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार विद्यापति बाल-विवाह के विरोधी थे। उन्होंने मंदिर प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया कि मंदिर में बाल-विवाह बिल्कुल नहीं होगा और इसको लेकर मंदिर प्रशासन एक बड़ा फ्लैक्स मंदिर गेट पर लगायेगा। बैठक को भूमि सुधार उपसमाहर्ता ज्ञानेंद्र कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी रेणु सिन्हा, बुद्धिजीवी व समाजसेवी धीरेन्द्र कुमार सिंह, मुखिया कैलाश पासवान, पंडित शंभू झा, अमेरिका देवी, वीणा देवी आदि व्यक्तियों ने संबोधित किया। बैठक में बाल-विवाह व दहेज उन्मूलन अभियान की प्रखंड समन्वयक महिला विकास निगम से रश्मी कुमारी ने उपस्थित प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए अपील करते हुए कहा कि बाल- विवाह उन्मूलन में सभी सामाजिक क्षेत्र के लोग यदि अपनी भूमिकाओं का निर्वहन करेंगे तो हम सब अवश्य इस कुप्रथा से जल्द निजात पा सकेंगे क्योंकि प्रभावी कानून के साथ ही साथ इस विषय पर राज्य के मुखिया की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति भी हासिल है।R.k.Roy/9431406262

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