दुनियां में संस्कृत फ्यूचर की भाषा बन रही है- डॉ.झा

दुनियां में संस्कृत फ्यूचर की भाषा बन रही है- डॉ.झा

– प्राचीन भाषा के साथ फ्यूचर की भाषा बन रही है संस्कृत

बाथ गांव में संस्कृत शोभायात्रा निकालकर लोगों को किया गया जागरूक
जेटी न्यूज/ मधुबनी

बर्षों से सुनते आ रहे हैं कि संस्कृत सबसे प्राचीन भाषा है। परंतु बदलते परिदृश्य में अब संस्कृत केवल प्राचीन भाषा के रूप में ही सिमट कर नहीं रह गई है। पूरे दुनियां में संस्कृत फैशन की भाषा बनती जा रही है। अब यह भाषा न केवल प्राचीन भाषा अपितु फ्यूचर की भाषा बन गई है। क्योंकि मनुष्य का समग्र व्यक्तित्व का विकास इसी भाषा में समाहित है। ये बातें मधेपुर प्रखंड के बाथ दुर्गास्थान प्रांगण में संस्कृत शोभायात्रा के उद्घाटन समारोह में वक्ताओं ने कही।

 

संस्कृत भारती, बिहार तथा उदय मेमोरियल प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित संस्कृत सप्ताह समारोह के छठे दिन संस्कृतशोभायात्रा को मधेपुर प्रखंड के प्रमुख राधा देवी एवं बाथ पंचायत के मुखिया सुभाष झा ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया। बतौर मुख्यातिथि राधा देवी ने कहा कि संस्कृत भाषा में वर्णित सुभाषित श्लोकों का आश्रय लेकर हम सामाजिक सौहार्द स्थापित कर सकते हैं। इस भाषा के अध्ययन से वाणी,मन तथा चित्त की शुद्धि होती है।

मुखिया सुभाष झा ने अपने पंचायत में इस तरह के संस्कृत कार्यक्रम आयोजित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लोगों को संस्कृत भाषा से प्रेम करने का आग्रह किया। बतौर विशिष्ट अतिथि देवानंद झा ने कहा कि संस्कृत भाषा से हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। इस भाषा में भारत की आत्मा का निवास है। वहीं बाथ पंचायत के सरपंच सुबोध झा ने न्यायिक प्रक्रिया में संस्कृत को पथप्रदर्शक बताया। निदेशक मनमोहन मिश्र ने नैतिक मूल्यों का विस्तार से चर्चा करते हुए संस्कृत भाषा की अहमियत पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए संस्कृतभारती के प्रान्तप्रचार प्रमुख डॉ.रामसेवक झा ने कहा कि संस्कृत मानव जीवन के प्रबंधन के लिए प्राण है। यह भाषा आने वाले समय में देश-विदेशों में फैशन की भाषा बनेगी। हजारों लोग संस्कृतभारती से नि: शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर धाराप्रवाह संस्कृत अभी भी बोल रहे हैं।


संस्कृत शोभायात्रा बाथ दुर्गास्थान से प्रस्थान कर गांव के प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई तख्तियां पर लिखी संस्कृत सुक्तियां तथा हाथ में तिरंगा लेकर बच्चों ने जयतु संस्कृतम् – जयतु भारतम्  आदि जयघोष लगाते हुए विद्यालय परिसर पहुंचे । वहां बच्चों ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आधारित संस्कृत भाषा में गीत-संगीत,नाटक, कविताएं आदि प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में संतोष झा,बाबुसाहब झा,दीपक कुमार जगदीश झा,आशीष झा, द्रौपदी कुमारी, मुकेश मिश्रा सहित सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तरकर्मी तथा दर्जनों ग्रामीण गणमान्य लोग शामिल थे। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाध्यापक शंकर झा ने किया। संस्कृतभारती द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह महोत्सव के अन्तिम दिन संध्या सात बजे से संस्कृत कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

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