जालसाजी कर जमीन निबंधन कराने का लगाया आरोप, नगर थाने में मुकदमा दर्ज, मुख्य आरोपी का जमानत रद्द – झंझट टाइम्स
समस्तीपुर 20 दिसंबर 2019
रिपोर्ट : राजेश कुमार ।
समस्तीपुर : बिहार में भू माफिया, अंचल अधिकारी और जिला अवर निबंधक, बैंक मैनेजर के मिलीभगत से जमीन खरीद बिक्री अवैध रूप से किए जाने का धंधा जारी है प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय निवासी सरोज कुमार सिन्हा पर जालसाजी कर जमीन निबंधन कराने का लगाया आरोप, नगर थाने में हुआ मुकदमा दर्ज । बताया जाता है कि समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना अंतर्गत बैकुंठपुर ब्रहण्डा निवासी राकेश रमन ने नगर थाने में विगत 15 अक्टूबर 19 को एक आरोप पत्र देते हुऐ कहा है की सरोज कुमार सिन्हा वो शेखर प्रियदर्शी पिता स्व० मिथिलेश कुमार सिन्हा ने खुद को लाभ पहुंचाने के लिए एक गलत आदमी को खड़ा कर मेरे नाम से समस्तीपुर निबंधन कार्यालय में फर्जी दस्तावेज तैयार कर एक षड्यंत्र के तहत जाल फरेबी कर फर्जी केवाला निष्पादित कराया ।
(निबंधित दस्तावेज में अंकित डी डी )
उक्त फर्जी केवाला में शीलवन्त कुमार पिता सत्येंद्र नारायण सिंह निवासी बैकुंठपुर ब्रहण्डा ने गलत ब्यानबाजी कर उपरोक्त जालसाज की पहचान किया है वहीं सुजीत कुमार पिता स्व० रामाश्रय महतो निवासी मोख्तियारपुर थाना दलसिंहसराय ने गवाह के तौर पर अपना हस्ताक्षर किया है । श्री रमण ने आगे आरोप पत्र में कहा है की मैं करीब २५ वर्षों से नोएडा युपी के गौतमबुद्ध नगर सेक्टर ४७ प्लाट नं०- ए , ३६३ में रहकर नौकरी करते हुऐ वर्ष २०१७ में सेवानिवृत्त हो गया। उन्होंने आगे कहा है तत्पश्चात मैं कारपोरेट हाउस में कन्सलटेंसी सर्विस चला रहा हूं । उन्होंने यह भी कहा है कि वर्तमान समय में मधुमेह रोग , उच्च रक्तचाप के साथ ही लकवा रोग से ग्रसित होने के कारण जे०पी० अस्पताल नोएडा के अधीन नियमित चिकित्सा में हूं ।
(आरोपी का फाईल फोटो )
उन्होंने आगे आरोप पत्र में कहा है कि मेरे पिता स्व० गोपी रमण से हम चार भाई क्रमशः राकेश रमण,अमरेश रमण,राजेश रमण व शैलेश रमण हैं , दो भाई अमेरिका में सपरिवार नौकरी करते है । इसके साथ ही एक भाई बोकारो स्टील सीटी में नौकरी करते है । इसके साथ ही मेरे दो बच्चे अमेरिका एंव मुम्बई में रहकर नौकरी करते है । उन्होंने आरोप पत्र में आगे कहा है कि इधर कुछ दिनों से हमलोगों के द्वारा पैतृक जमीन को बेचने की बात हम चारों भाईयों के बीच हुई ।
(निबंधन कार्यालय समस्तीपुर )
जिस पर सहमति बनी की हमलोग अपनी पुरी पैतृक संपत्ति बेच देंगे।क्योंकि हमलोग देखभाल करने में असमर्थ हैं। उन्होंने आगे आरोप पत्र में आगे कहा है कि इस बात की जानकारी मेरे ग्रामीण सरोज कुमार सिन्हा व शेखर प्रियदर्शी दोनों के पिता स्व० मिथिलेश कुमार सिन्हा को होने पर नोएडा आकर मिले, जिनकी गिद्ध जैसी दृष्टि हमारे सम्पत्ति पर बहुत पहले से थी कहा कि आप अपनी संयुक्त पैतृक संपत्ति मेरे हाथ से बेच दें ।जिसका कीमत उन्होंने बहुत ही कम बताया । उन्होंने आगे कहा है कि मैंने उनके हाथों से जमीन बेचने से इंकार कर दिया। इस पर वे दोनों भाई यह कहते हुए धमकी देकर चले गए कि मैं आपका सारा पैतृक संपत्ति किसी ना किसी तरीके से कब्जा कर लूंगा। इस गोरखधंधे पर जिला प्रशासन का ध्यान नहीं जाने के कारण आम लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. भू माफिया इतना चालाक है कि बैंक से मिलकर बैंक ड्राफ्ट बनवाकर निबंधन कार्यालय में निबंधन के समय बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से फर्जी जमीन मालिक को दिए जाने की भी चर्चा की है जिस बैंक ड्राफ्ट ₹ 18 लाख रुपए जमीन के एवज में दिए जाने की दस्तावेज में अंकित की गई है उस डीडी को निबंधन के बाद रद्द किए जाने की भी बात सामने आई है. इस भूमाफिया के कौन गोरखधंधे में बैंक कर्मी, निबंधन कार्यालय के कर्मचारी अधिकारी और चर्चित अपराध भी इस गोरखधंधे में शामिल होने की चर्चा है. आम लोग इस गोरखधंधे में शामिल लोगों के खिलाफ जब प्रशासनिक अधिकारी के पास जाते हैं ,तो वहां से उन्हें डांट डपट कर भगा दिए जाने की भी समाचार प्राप्त हुए हैं इस जिले का यह पहला मामला है कि पुलिस ने एफ आई आर के बाद जालसाज लोगों के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने का प्रयास किया है जैसा कि समस्तीपुर न्यायालय से मुख्य आरोपी के खिलाफ जमानत याचिका रद्द किए जाने की भी सूचना है. इस तरह के गोरखधंधा है न केवल समस्तीपुर जिले में है बल्कि बिहार के 38 जिला में इस तरह के गोरख धंधा जोरों से चल रहा है. इस गोरखधंधे में थाने का चौकीदार से लेकर डीजीपी तक, राजस्व कर्मचारी से लेकर बिहार के चीफ सेक्रेटरी तक, सहायक निबंधन पदाधिकारी से लेकर प्रधान निबंधन अधिकारी तक ,वार्ड मेंबर से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री तक, सरपंच से लेकर मुख्य न्यायाधीश तक और राज्य के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में यह गोरखधंधे में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से नियम कानून का हवाला देकर लोगों को परेशान करने के सिवा कुछ नहीं मिलता है, बिहार सरकार का नियम अगर ठीक-ठाक हो तो भू माफियाओं गिरोह पर कार्यवाही करना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि इनके पास हर तरह की सुविधा उपलब्ध है. बिहार में सुशासन के नाम पर कुशासन चल रहा है. सबका विकास सबका साथ के नाम पर, सबका विनाश मुट्ठी भर लोगों का विकास की योजना चल रही है.