अगुवानी में ध्वस्त हुए पिलर के फाउंडेशन की जांच के बाद शुरू होगा पुल निर्माण का कार्य
अगुवानी में ध्वस्त हुए पिलर के फाउंडेशन की जांच के बाद शुरू होगा पुल निर्माण का कार्य

जे टी न्यूज, परबत्ता/खगड़िया: अगुआनी सुलतानगंज फोर लाइन पुल से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आया है मिली जानकारी के मुताबिक कुछ दिनों के बाद एक बार पुनःपुल निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा और निर्माण कार्य एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी ही पुरा करेंगी लेकिन उसके पहले क्षतिग्रस्त हुए पिलर के फाउंडेशन का तकनीकी टीम जांच करेगी और वह रिपोर्ट बिहार पुल निगम के पास जाएगा रिपोर्ट मिलने के बाद युद्ध स्तर पर पुल निर्माण की प्रक्रिया एक बार फिर शुरू हो जाएगी निर्माण कंपनी एसपी सिंगला के एक अधिकारी की मने तो गंगा के जलस्तर में करीब 1 मीटर की कमी होने का इंतजार किया जा रहा है उसके बाद ही ध्वस्त हुए पिलर के फाउंडेशन के वर्तमान स्थिति का सटीक पता लग पाएगा है.
(क्यों आई फाऊंडेशन जांच की नौबत)
दरअसल इसी वर्ष जुन महीने पुल का करीब 200 मीटर हिस्सा गिर गया था इस दौरान पिलर संख्या 10 11 एवं 12 का एक बड़ा हिस्सा (स्ट्रेक्चर सहित)भरभरा कर नदी में समा गया जिसके बाद पुल निगम की देखरेख में टूटे हुए हिस्से को गंगा की धारा से बाहर निकाला गया लेकिन अभी भी बड़ा हिस्सा पानी में मौजूद है और इसे भी हटाया जाएगा उसके बाद इस बात का पता लगाया जाएगा की पीलर ध्वस्त होने के बाद फाउंडेशन की क्या स्थिति है बता दे की ध्वस्त हुए कारणों की जांच आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ टीम द्वारा किया गया है संभवतः इसी के द्वारा फाउंडेशन का भी जांच किया जाएगा और रिपोर्ट बिहार पुल निगम को सौंपेंगे इसके बाद हीं पुल निगम आगे बचे हुए कार्यों को पूरा करने का निर्देश निर्माण एंजेसी को देगी.

(पुल निर्माण की दिशा में नहीं आएगी अड़चन)
बिहार पुल निगम एवं निर्माण कंपनी के अधिकारियों की बातों पर गौर करें तो पुल र्निर्माण को लेकर किसी प्रकार की अड़चन नहीं आएगी एक बार ध्वस्त हुए फाउंडेशन की जांच का कार्य पूरा होने के बाद नए सिरे से इन हिस्सों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा जानकार बताते हैं कि यदि फाउंडेशन में भी खामियां पाई गई तो उसका भी हल निकाला जाएगा और जल्द इस पर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.
( खुलेंगे संभावनाओं के द्वार)
पुल बन जाने से ना केवल दो जिले की बीच की दूरियां कम हो जाएगी बल्कि क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार भी खुल जाएंगे. भागलपुर एवं खगड़िया जिले के लाखों की आबादी को ना केवल इससे फायदा होगा बल्कि सामरिक दृष्टिकोण से भी यह पुल अति महत्वपूर्ण है आर्थिक तरक्की के द्वार खुलेंगे और लाखों लोगों के जीवन में खुशहाली का संचार हो जाएगा.
(दो बार हो चुकी है पुल गिरने की घटना)
पुल निर्माण के दौरान छोटे-मोटे हादसों को दरकिनार कर दे तो पहली बार 30 अप्रैल 2022 की देर रात जबकि दूसरी बार इसी वर्ष 4 जून की शाम को एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त होकर गंगा नदी में समा गया.
(दशकों से था पुल निर्माण की आस)

कई दशकों से इस जगह पर पुल निर्माण की मांग चल रही थी परबत्ता के तत्कालीन विधायक रामानंद सिंह के अभूतपूर्व प्रयास के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को जिले के परबत्ता केएमडी कॉलेज मैदान में इसका शिलान्यास किया था वहीं बाद में 9 मार्च 2015 को सुल्तानगंज की तरफ से मुरारका कॉलेज से कार्यारंभ किया था. इस पुल का निर्माण पूरा होने में करीब 1710 करोड़ रुपये खर्च होने का प्रारंभिक अनुमान था एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इसके निर्माण की जिम्मेदारी मिली. वर्ष 2019 में इसे पूरा किया जाना था लेकिन पहले कोरोना के चलते और बाद में अचानक दो बार स्ट्रक्चर गिरने की घटनाओं के बाद इसके निर्माण कार्य को पूर्ण होने में फिलहाल ग्रहण लग गया है. सरकार ने जहां जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं यह मामला हाईकोर्ट के भी संज्ञान में पहुंचा कोर्ट ने निर्माण कंपनी बिहार पुल निगम एवं सरकार से इसको लेकर आवश्यक जवाब मांगा वही पुल निर्माण कंपनी की ओर से कोर्ट को यह स्पष्ट कराया गया है कि बाकी बचे हुए हिस्से का कार्य निर्माण एजेंसी अपने ही खर्च से पूरा करेगी.
(संपर्क पथ का निर्माण जारी)

हादसे के बाद से ही जहां पुल का निर्माण कार्य ठप पड़ा है तो वही 25 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ का कार्य लगातार जारी है इस मार्ग में पढ़ने वाले छोटे बड़े सभी अंडरपास का निर्माण पूरा कर लिया गया है मिट्टी वर्क भी अंतिम चरण में है लगभग 5 किलोमीटर के एरिया में कालीकरण का भी कार्य पूरा हो चुका है देखा जाए तो संपर्क पथ का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है.
बोले अधिकारीपुल निर्माण कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आलोक कुमार ने बताया कि जलस्तर घटने के बाद बिहार पुल निगम के निर्देश पर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा


