स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी में उमड़ी लोगो की भीड़

स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी में उमड़ी लोगो की भीड़

जे टी न्यूज, शिवाजीनगर/समस्तीपुर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा आयोजित स्वर्णिम भारत नवनिर्माण आध्यात्मिक प्रदर्शनी के आखिरी दिन स्थानीय लोगों की उत्सुकता देखने को मिली और बड़ी संख्या में उन्होंने प्रदर्शनी के माध्यम से परमात्म-ज्ञान अर्जन किया।

वहीं सात दिवसीय राजयोग मेडिटेशन शिविर के दूसरे दिन परमात्मा के सत्य परिचय के बारे में प्रकाश डालते हुए रोसड़ा से आई ब्रह्माकुमारी कुंदन बहन ने कहा कि भारतवर्ष भगवान की अवतरण भूमि एवं कर्तव्य भूमि है। भारत भूमि पर प्राय: सभी के मुख पर ईश्वर का नाम होता है। हम उन्हें परमपिता, गॉडफादर, त्वमेव माताश्च पिता कहते हैं। पिता का नाम बच्चा मुख पर नहीं लेता, वरन् बच्चे की स्मृति में पिता सदैव होता ही है क्योंकि दोनों का आपस में गहरा संबंध है। वह उनकी आज्ञा पर चलकर अपना जीवन सुखी बनाता है। हम आत्माओं के पिता निराकार परमपिता परमात्मा शिव हैं। उनका रूप बिंदु है किंतु वह गुणों में सिंधु हैं। अति धर्म ग्लानि के समय वह प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के तन में अवतरित होकर दिव्य संदेश देते हैं कि स्वयं को आत्मा निश्चय कर मुझ परमधाम निवासी परमात्मा को याद करो तो मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्त कर 21 जन्मों के लिए देव पद प्रदान करूंगा। अभी कुछ समय के लिए ही यह कल्याणकारी समय बचा है। देवी-देवतायें अनेक हैं लेकिन परमात्मा एक हैं और उनका नाम शिव है।

लगभग 100 लोगों ने शिविर का लाभ लिया एवं प्रदर्शनी के दौरान सैकड़ों लोगों ने शिविर के लिए नामांकन भी कराया।

 

दुर्गा मंदिर परिसर में सात दिवसीय नि:शुल्क शिविर दोपहर 2 से 3:30 बजे तक प्रतिदिन चलता रहेगा।

Pallawi kumari

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