“यह सफलता मेरे पैतृक विश्वविद्यालय के प्रति मेरी आस्था और समर्पण का परिणाम है” – डॉ. जवाहर पासवान

“यह सफलता मेरे पैतृक विश्वविद्यालय के प्रति मेरी आस्था और समर्पण का परिणाम है” – डॉ. जवाहर पासवान

 


जे टी न्यूज़, मधेपुरा : भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय (बीएनएमयू), मधेपुरा के पूर्व विद्यार्थी और वर्तमान में के. पी. कॉलेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य, डॉ. जवाहर पासवान को बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा स्थायी प्रधानाचार्य के रूप में चयनित किया गया है। इस अवसर पर डॉ. पासवान ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “यह सफलता मेरे पैतृक विश्वविद्यालय के प्रति मेरी आस्था और समर्पण का परिणाम है। मुझे गर्व है कि आज मुझे वही विश्वविद्यालय मिला है, जहां से मैंने अपनी शिक्षा की शुरुआत की थी।”

 

डॉ. पासवान ने अपनी शैक्षिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्होंने भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय से स्नातक से लेकर पीएचडी तक की डिग्री प्राप्त की। 2003 में वे इस विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हुए थे और उनका पहला योगदान कमलेश्वरी प्रसाद महाविद्यालय, मुरलीगंज में हुआ था। इसके बाद उन्होंने ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में भी कार्य किया और वहां के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

सफलता के बाद परिवार का आभार
डॉ. पासवान ने इस सफलता को अपने परिवार, स्वजन , परिजन, मित्रगण, कुटुंबजन और सुभेक्षुओं के समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “इस सफलता में मेरी पत्नी, डॉ. अंजली पासवान (सहायक प्रोफेसर, हिन्दी, पार्वती विज्ञान महाविद्यालय, मधेपुरा) और मेरे बच्चों शुभम, शिवम्, सत्यम, सुंदरम् और ओम का अहम योगदान है। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे और इस खुशी के मौके पर मुझे गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। मैं उनके बिना इस सफलता को हासिल नहीं कर पाता।”

शिक्षा और समर्पण की ओर कदम
डॉ. पासवान ने अपने इस नए अध्याय को लेकर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि वे इस नई जिम्मेदारी को पूरी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे। उन्होंने कहा, “इस नई भूमिका में मेरी पहली प्राथमिकता भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को और बढ़ाना है। मैं अपने विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जिससे वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हो सकें।”

अगले कदम और लक्ष्य
डॉ. पासवान ने आगे कहा, “इस सफलता से मुझे और भी ऊर्जा मिली है, और मैं इस विश्वविद्यालय के छात्रों को एक बेहतर भविष्य देने के लिए निरंतर कार्य करता रहूँगा। शिक्षा के क्षेत्र में मेरा प्रयास हमेशा यही रहेगा कि हम छात्रों को हर दृष्टि से मजबूत और सक्षम बनाएं ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।”

समाज और शिक्षा में योगदान
डॉ. पासवान ने अपने करियर में कई महत्त्वपूर्ण योगदान दिए हैं और उनके कार्यों की वजह से उन्हें कई बार सम्मानित भी किया गया है। उनका मानना है कि शिक्षा समाज को बदलने का सबसे सशक्त माध्यम है और वे हमेशा इसे एक सशक्त बदलाव के रूप में देखने के लिए कार्यरत रहेंगे।

उनकी यह सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय और आदर्श गांव भागीपुर, बिहारीगंज मुरलीगंज, सहरसा सुपौल सहित कोसी और मिथिला क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।

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