चैती गीत
चैती गीत

जे टी न्यूज़
आओल चैत प्राणघाती,
हे बहिना किछु नै सोहाती ।
सबहक पिया बहिना लऽग बसै अछि .. 2
हमर बसै गुजराति ।
हे बहिना किछु नै सोहाती …
आओल चैत प्राणघाती…
दिन महिना बितल कोना बहिना .. 2
भेजल ना पिया कोनो पाती ।
हे बहिना किछु नै सोहाती…
आओल चैत प्राणघाती….
अगहन बीतल, पूसो बीतल .. 2
बीतल फागुन मधुमाती ।
हे बहिना किछु नै…..
आओल चैत प्राणघाती।
नैन थकित भेल, जिया घबरायल … 2
धक – धक धरकय छाती ।
हे बहिना किछु नै सोहाती
आओल चैत प्राणघाती ..
भोरे – भोरे कागा बोली सुनाबय .. 2
कोयली मधुर सुर गाती।
हे बहिना किछु नै सोहाती
आओल चैत प्राणघाती…
पिया दरश केरऽ सखी हम अभिलाषी.. 2
बाँट निहारूँ दिन – राती।
हे बहिना किछु नै सोहाती
आओल चैत प्राणघाती..
धैरज धरि अहाँ रहु मोरी बहिना… 2
आओत पिया गुजराती ।
हे बहिना किछु नै सोहाती..
आओल चैत प्राणघाती
हे बहिना किछु नै सोहाती।
स्वरचित:-
मनु रमण “चेतना”
पूर्णियाँ, बिहार।
