खिचड़ी में ज़हर या सिस्टम की लापरवाही? बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं?

शिक्षा में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं!"

खिचड़ी में ज़हर या सिस्टम की लापरवाही? बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करने वालों पर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं?” / शिक्षा में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं!” जे टी न्यूज़, सुपौल : महज एक थाली खिचड़ी ने 100 से अधिक मासूम बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर दिया। महम्मदगंज पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय शंकर पट्टी में शनिवार को मिड-डे मील खाने के बाद बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने की घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। घटना की गंभीरता को भांपते हुए विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पनोरमा ग्रुप के प्रबंध निदेशक संजीव मिश्रा ने बुधवार को विद्यालय पहुंचकर घटनास्थल का औचक निरीक्षण किया और शिक्षा व्यवस्था की गहराई से पड़ताल की।

निरीक्षण के दौरान मिड-डे मील में इस्तेमाल किए गए चावल को सड़ा हुआ पाया गया, जो न केवल भोजन गुणवत्ता की निगरानी पर सवाल उठाता है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और संभावित भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है।

इसके अतिरिक्त श्री मिश्रा ने यह भी पाया कि विद्यालय में सरकार द्वारा भेजी गई पाठ्यपुस्तकें और शैक्षणिक सामग्री इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं, जिससे विद्यालय प्रशासन की उदासीन कार्यप्रणाली का पर्दाफाश हुआ।

“यह छातापुर में पहली घटना नहीं है। पहले भी बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ हुआ, लेकिन दोषी आज तक बचे हुए हैं। जब तक जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं होती, हम चुप नहीं बैठेंगे।”

शिक्षा का मंदिर या उपेक्षा का मैदान?

निरीक्षण के दौरान विद्यालय की जर्जर संरचना और अव्यवस्था भी सामने आई —

केवल 4 कमरे, लेकिन कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई।

शिक्षकों की भारी कमी,

और बच्चों के लिए शौचालय, पीने का पानी, बैठने की व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव।

1. मिड-डे मील की गुणवत्ता की नियमित निगरानी हो।
2. दोषी आपूर्तिकर्ता व विद्यालयकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. विद्यालय की भवन एवं आधारभूत सुविधाएं सुदृढ़ की जाएं।
4. शिक्षकों की संख्या में तुरंत बढ़ोतरी हो।
5. बच्चों को समय पर पाठ्य सामग्री और बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं।

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