संस्कार, प्रेरणा और मार्गदर्शन से भरपूर ‘दीक्षारंभ–2025’ का सफल आयोजन

संस्कार, प्रेरणा और मार्गदर्शन से भरपूर ‘दीक्षारंभ–2025’ का सफल आयोजन

जे टी न्यूज, दरभंगा: बिलट महथा आदर्श महाविद्यालय, बहेड़ी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर सत्र 2025–27 के नव-प्रवेशित छात्र–छात्राओं के लिए आयोजित दो-दिवसीय इंडक्शन/दीक्षारंभ कार्यक्रम 26 और 27 नवंबर को गरिमामय, ऊर्जावान और अत्यंत प्रेरक माहौल में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन विद्यार्थियों को महाविद्यालय की शैक्षणिक संरचना, संसाधनों, नियमों, अवसरों और भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराने वाला एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ। दोनों दिनों में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की उपस्थिति और सक्रिय सहभागिता ने कार्यक्रम को विशेष रूप से सफल बनाया।


पहले दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ सभागार में दीप प्रज्वलन और प्रार्थना के साथ हुआ। इसके पश्चात् महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) कुशेश्वर यादव ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि महाविद्यालय जीवन केवल पढ़ाई का औपचारिक चरण नहीं, बल्कि यह वह दौर है जब व्यक्ति लक्ष्य निर्धारित करता है, दृष्टि विकसित करता है और चरित्र निर्माण की दिशा तय करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे महाविद्यालय में उपलब्ध स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएँ, डिजिटल संसाधन और आईसीटी लैब जैसी सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करें। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के सभी शिक्षक विद्यार्थियों के मार्गदर्शन और सहयोग के लिए निरंतर तत्पर हैं। प्राचार्य के वक्तव्य ने छात्रों में उत्साह और अपनत्व का भाव जगाया।
उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न विभागों के शिक्षक डॉ. नरेश कुमार, डॉ. अभिमन्यु कुमार राय, श्री मृत्युंजय मंडल, डॉ. सुधांशु कुमार झा आदि क्रमवार विद्यार्थियों को महाविद्यालय की कार्यप्रणाली, परीक्षा प्रणाली, मूल्यांकन पद्धति, मेंटर–मेंटी व्यवस्था, छात्र-सेवा सुविधाओं, एंटी-रैगिंग नियमों, समय-निर्धारण, उपस्थिति नीति और महाविद्यालय की शैक्षणिक भावना के बारे में विस्तारपूर्ण जानकारी दी। छात्रों ने इस दौरान अनेक जिज्ञासाएँ रखीं जिनका समाधान शिक्षकों द्वारा सहज, धैर्यपूर्ण और स्पष्ट रूप में किया गया। पहले दिन का संचालन परसियन विभागाध्यक्ष डॉ. मो. मंजर हुसैन ने अत्यंत प्रभावशाली ढंग से किया, वहीं, धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. विजय प्रताप सिंह ने किया।
दूसरे दिन इंडक्शन कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहे कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, विधायक-बेनीपुर, प्रो. विनय कुमार चौधरी । उन्होंने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि महाविद्यालय जीवन अवसरों का स्वर्णिम द्वार है और यह समय आत्म-खोज, लक्ष्य निर्धारण और जीवन-दृष्टि को विकसित करने का सबसे उपयुक्त चरण है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ-साथ संवेदना, अनुशासन, उत्तरदायित्व और समय प्रबंधन जीवन को सफलता की ओर ले जाने वाले प्रमुख तत्व हैं। उनके वक्तव्य ने विद्यार्थियों में नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का संचार किया। उनके भाषण के उपरांत सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।।

इस अवसर पर महाविद्यालय के अनेक शिक्षकों ने भी विद्यार्थियों के मार्गदर्शन हेतु अपने विचार व्यक्त किए। मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार ने कहा कि इंडक्शन कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए नए वातावरण से परिचित होने का अत्यंत प्रभावी माध्यम है और उनकी सक्रिय जिज्ञासा इस आयोजन की सफलता का वास्तविक प्रमाण है। भौतिकी विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. सुधांशु कुमार झा ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा कि विज्ञान और तकनीक के इस युग में प्रयोगधर्मिता, जिज्ञासा और अनुसंधान-आधारित सीख विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अभिमन्यु कुमार के प्रेरणादाई विचारों के लिए सभागार तालियों से गूंज उठा उन्होंने कहा कि- कितनी देर पढ़कर कितना याद रखना है? अगर यह कला सीख ली, तो पढ़ाई बोझ नहीं—आपकी सुपरपावर बन जाएगी। कम पढ़िए लेकिन गहराई से पढ़िए। एक बार पढ़िए लेकिन समझकर पढ़िए। और हाँ— अपनी किताबों को अपना हथियार मत बनाइए… उन्हें अपना साथी बनाइए। शिक्षा केवल परीक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि यह संवेदनशील, तर्कशील और जिम्मेदार नागरिक बनाने की प्रक्रिया है, और यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को उसी दिशा में ले जाता है। रसायनशास्त्र विभाग के प्राध्यापक श्री मृत्युंजय मंडल ने महाविद्यालय संसाधनों की जानकारी के साथ महाविद्यालय जीवन में अनुशासन और लक्ष्य-केन्द्रित अध्ययन को सफलता का आधार बताया। वहीं, डॉ. मो. मंजर हुसैन ने नए विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और सीखने की उत्सुकता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महाविद्यालय के शैक्षणिक वातावरण का ही परिणाम है।
दो दिनों के दौरान विभागीय परिचय, महाविद्यालय की शैक्षणिक–तकनीकी सुविधाओं का प्रस्तुतीकरण, डिजिटल लाइब्रेरी एवं ई-लर्निंग संसाधनों का प्रदर्शन, एनसीसी एवं एनएसएस इकाइयों का परिचय, खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के अवसर, करियर काउंसलिंग की संभावनाएँ, प्लेसमेंट एवं कौशल विकास संबंधी जानकारी, और स्वास्थ्य एवं कैंपस अनुशासन से जुड़े मार्गदर्शन सहित अनेक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए। सभी सत्र संवादात्मक रहे, और विद्यार्थियों ने उत्साहित होकर पूर्ण सहभागिता दिखाई।
दूसरे दिन के कार्यक्रम के अंतिम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुधांशु कुमार झा के द्वारा द्वारा किया गया। उन्होंने विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य, आयोजन समिति, तकनीकी टीम, सभी विभागों के शिक्षकों, कार्यालय कर्मचारियों और स्वयंसेवी विद्यार्थियों के सहयोग एवं समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता महाविद्यालय परिवार की सामूहिक भावना, एकजुटता और सकारात्मक सोच का परिणाम है। दूसरे दिन का संचालन डॉ. विजय प्रताप सिंह ने सुचारू एवं प्रभावशाली ढंग से किया।
कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य प्रो. (डॉ.) कुशेश्वर यादव, विशिष्ट विशिष्ट अतिथि, विधायक-बेनीपुर, प्रो. विनय कुमार चौधरी, शिक्षकों में डॉ. पृथ्वी पासवान, डॉ. सज्जन साह, डॉ. सुजीत कुमार द्विवेदी, डॉ आदित्य नारायण मन्ना, डॉ. मोहम्मद सलामुद्दीन, डॉ. राकेश रोशन, डॉ. अनुज कुमार, डॉ संजीत कुमार राम, डॉ. मनोज साह वहीं शिक्षकेत्तर कर्मियों में श्री मनोज कुमार चौधरी, श्री मायानंदन सिंह, श्री सुजीत कुमार, श्री कपिल मंडल, श्री कृष्णकांत चौधरी, श्री शंकर यादव, मो. इम्तियाज, संतोष मनीषा मुरारी, दीपा आदि समेत बड़ी संख्या में छात्र–छात्राएँ उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति और उत्साहपूर्ण सहभागिता से दो-दिवसीय कार्यक्रम अत्यंत सफल, सार्थक और यादगार बन सका।

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