स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण मरीज होते हैं रेफर
स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण मरीज होते हैं रेफर
जेटीन्यूज/मधुबनी

पांच लाख की आबादी वाले इस प्रखंड के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा के लिए एकमात्र सीएचसी का सहारा है। जहां आधुनिक सुविधा व कर्मियों का घोर अभाव है। मिली जानकारी के अनुसार यहां सर्जन, फिजिशियन, ड्रेसर, ओटी सहायक, वार्ड वाई, स्त्री रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ व मूर्छक के पद बिल्कुल रिक्त हैं। स्टाफ नर्श सोरह की जगह मात्र तीन कार्यरत हैं। एमबीबीएस का एक पद रिक्त है। चिकित्सक की कमी के कारण प्रसव के मरीज कम आते हैं। महीने में प्रसव के 15 से 20 मरीज आते हैं, जिसमें लगभग आधे को रेफर कर दिया जाता है। गरीब मरीजों को लेकर आशा कार्यकर्ता प्रसूति विभाग पहुंचती है, जहां नोर्मल डिलीवरी नर्श के भरोसे हो पाती है। विशेष परिस्थिति में बाहर भेज दिया जाता है।
इलाज कराने सभी प्रकार के मरीजों को मिलाकर प्रतिदिन 60 से 90 लोग पहुंचते हैं, जिन्हें जरूरत की सभी दवाएं अस्पताल में नहीं मिलती है। नहीं मिलनेवाली दवाओं की खरीद बाजार की निजी दवा दुकानों से करनी पड़ती है।
रामकुमार यादव ने बताया कि लोगों को अधिक जरूरत सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ व शिशु रोग विशेषज्ञ की होती है, जिसका सर्वथा अभाव है। जबकि यहां इनका पद सृजित है। इसप्रकार कर्मियों की भारी कमी के कारण लोगों को बाहर का रास्ता देखना पड़ता है। इमरजेंसी की स्थिति में पहुंचने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार कर सीधे बाहर भेज दिया जाता है।
पिकू बनकर तैयार है। एक वर्ष पूर्व इसका उद्घाटन किया गया था। कर्मियों के अभाव में इसका लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन के जरूरतमंदों को बाहर भेजा जाता है। बाहर जाकर लोगों को ऊंची कीमत चुकाना पड़ता है, जो लोगों की मजबूरी होती है। प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र वर्षों से बंद पड़ा है। होस्पिटल की जमीन अतिक्रमित रहने के कारण खुली है। पदाधिकारी से मिले आदेश के बाद भी जमीन की घेराबंदी के लिए चारदीवारी नहीं हो सकी है। इसप्रकार खुले अस्पताल परिसर के कारण मरीज रात में असुरक्षित महसूस करते हैं।

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ. कुमार अमन ने बताया कि कर्मियों की भारी कमी व होती कठिनाई की जानकारी विभाग को दी जाती रही है।

