योगी सरकार और सांप्रदायिकता के आधार पर अपराध

योगी सरकार और सांप्रदायिकता के आधार पर अपराध
आलेख : -प्रभुराज नारायण राव

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 132 वी जयंती बड़ा ही धूमधाम से देश के कोने कोने में मनाया गया । इस जयंती को मनाने में देश के शासक वर्ग के मंत्री तथा भाजपा और संघ के लोग भी पीछे नहीं दिखे । यह बात दिगर है कि कुछ लोग मुंह में राम और बगल में छूरी लेकर अल्प संख्यकों की हत्या के नियत से चल रहे हैं । इसके शासन काल में 2014 से अप्रैल 2023 तक जो स्पष्ट रूप से देखने को मिला है । वह देश की संविधान की मर्यादाओं को , उनके कर्तव्यों को ताक पर रखकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का लगातार मोदी सरकार द्वारा काम किया गया है । जब भारत का संविधान सेकुलर है ।

जिसका मतलब सभी धर्मों को अपने स्तर से पूजा पाठ करने का पूरा अधिकार है ।लेकिन किसी भी धर्म को सड़कों पर नंगा नाच करने का इजाजत नहीं देता है । तो फिर धर्म को राजनीति से जोड़कर चलने वाली सांप्रदायिक पार्टियों पर कानून तथा चुनाव आयोग कारवाई क्यों नहीं करता । यह सर्व विदित है कि भारतीय जनता पार्टी तथा मोदी सरकार के मंत्री गण किसी भी सरकारी या दल के स्तर पर होने वाले सभाओं में जय श्रीराम का नारा लगाते हैं । तो वह हिंदू बहुल बहुसंख्यक वर्ग के आस्था के प्रतीक भगवान राम के अनुवाइयों को आकर्षित नहीं करता । तो वैसे दल या व्यक्तियों पर कानूनी कारवाई क्यों नहीं होती । चुनाव आयोग उसे अयोग्य करार क्यों नहीं करता । आज चुनाव आयोग और कानून के लचीलेपन का हीं देन है कि अपराधियों से भी मोदी और योगी सरकार सांप्रदायिकता के आधार पर व्यवहार रही है ।

उसे अतीक अहमद , मुख्तार अंसारी जन प्रतिनिधि और कुख्यात अपराधी नजर नहीं आता । बल्कि मुस्लिम अपराधी नजर आता है। ठीक उसी तरीके से हिंदू बहुसंख्यक समुदाय के अपराधियों को देखने का नजरिया बदल देता है । अब उसे यह सब हिंदू नजर आते हैं ।इसलिए इनका बचाव भी खुलेआम डंके की चोट पर करते हैं। इन्हें रघुराज सिंह उर्फ राजा भैया , बृजभूषण शरण सिंह , धनंजय सिंह , बृजेश सिंह , उदयभान सिंह , अशोक पटेल , सोनू सिंह , बुलबुल सिंह , शनि सिंह , संग्राम सिंह , बादशाह सिंह , चुन्नू सिंह जैसे हजारों सातीर भाजपाई अपराधी द्वारा किए जा रहे नरसंहार और मानवीय हत्या , लूट में भी अपराध नजर नहीं आता । इन्हें मासूम बच्चियों का बलात्कारी तथा सैकड़ों हत्याओं का नामजद अपराधी कुलदीप सिंह सेंगर या विल्किस बानो के बलात्कारियों के जेल से रिहा होने के बाद भाजपाइयों द्वारा योगी शासन में फूल का माला पहनाकर और लड्डू खिलाकर महिमा मंडित होने वाला उसे हिंदुत्व के प्रतिक नजर आते हैं । अब तो मोदी और योगी सरकार तथा संघ परिवार ने इस व्याख्या से ईत्तर अल्पसंख्यक समुदाय को ही अपराधकर्मी मानने लगे हैं और इस तरीके से इस देश में अल्पसंख्यकों को रहने का कोई अधिकार नहीं है ।

ये वे लोग हैं जो आजादी की लड़ाई के दिनों में हिंदू और मुसलमान के आधार पर देशभक्तों को अंग्रेजों की हित में बांटने का काम करते थे । ये वे लोग हैं जो आजादी के बाद द्विराष्ट्र वाद की परिभाषा गढ़ते थे । ये वे लोग हैं जो गुलामी के दौर को बेहतर मानते थे । इतना ही नहीं ये वे लोग हैं जो छे छे बार माफी मांगने वाला और अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलने की शपथ लेने वाला , बल्कि अंग्रेजी हुकूमत की सरपरस्ती करने की लिखित घोषणा करने वाला देश का महा गद्दार सावरकर जो शहीद ए आजम भगत सिंह अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद , अशफाक उल्ला खां , रामप्रसाद बिस्मिल , रोशन सिंह , राजगुरु , सुखदेव जैसे शहादत देने वाले देश के सच्चे सपूतों को भी शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ते । ये वे लोग हैं जो आजादी के ठीक बाद आजादी के महानायक महात्मा गांधी की हत्या करने में भी कोई हिचक महसूस नहीं किए । ये वे लोग हैं जो देश के लिए एक कतरा खून तक नहीं बहाए और आज अपने को सच्चे राष्ट्रभक्त बतलाने में थोड़ा भी शर्म नहीं करते । इसलिए आज एक बार फिर इस सांप्रदायिक तथा फासीवादी शक्तियों के खिलाफ एक मजबूत संघर्ष को ।।खड़ा कर देश की स्मिता की रक्षा , अनेकता में एकता देश की विशेषता की हिफाजत , बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में निर्मित भारत की संविधान की रक्षा और उसके द्वारा प्रदत सभी लोकतांत्रिक तथा मौलिक अधिकारों को हासिल करने के लिए आगे बढ़ने की जरूरत है ।

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