महिलाओं की सहभागिता से देश में शीर्ष मशरूम उत्पादक बना बिहार: डॉ मयंक राय फोटो – दीप प्रज्वलित करते अतिथि व अन्य।

महिलाओं की सहभागिता से देश में शीर्ष मशरूम उत्पादक बना बिहार: डॉ मयंक राय
फोटो – दीप प्रज्वलित करते अतिथि व अन्य।


जेटी न्यूज।
समस्तीपुर/पूसा। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मशरूम उन्नयन शोध केंद्र की ओर से विद्यापति सभागार में राष्ट्रीय मशरूम दिवस के अवसर पर जलवायु आधारित सालों भर मशरूम उत्पादन विषय पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सबसे पहले मुख्य अतिथि निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ मयंक राय ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्धघाटन किया। कुलगीत प्रसारण एवं स्वागत संबोधन के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रयास एवं खास कर महिलओं की सहभागिता से बिहार में मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति आई है। जिसका परिणाम है कि आज बिहार देश भर में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पी एस पांडेय के निर्देशन में अब झारखंड, उड़ीसा, गोवा तथा अन्य राज्यों में भी मशरूम उत्पादन को लेकर किसानों को प्रशिक्षित किया रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले दो वर्षों में कुलपति डॉ पांडेय के नेतृत्व में ग्यारह से अधिक पेटेंट हासिल किये हैं और कृषि के कई क्षेत्रों में देश भर में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बेसिक साइंस के अधिष्ठाता डॉ अमरेश चंद्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले दो वर्षों में मशरूम उत्पादों में चार पेटेंट हासिल कर चुका है जो कि एक रिकॉर्ड है। वहीं डीन फिशरीज डॉ पीपी श्रीवास्तव ने मशरूम उत्पादन में बिहार को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने में मशरूम वैज्ञानिक डॉ दयाराम के अहम योगदान को याद कर उन्हें बधाई दी। इस दौरान मशरूम की खेती करने वाली रेखा देवी और किसान नृपेन्द्र शाही ने मशरूम से जुड़े अपनी अनुभवों को साझा किया और कहा कि उनकी सफलता में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का अहम योगदान रहा है और अब वे लाखों रुपए महीने की आमदनी कर रहे हैं।

इस अवसर पर मशरूम वैज्ञानिक डॉ दयाराम ने कहा कि अनिश्चित जलवायु परिवर्तन के दौर में सेहत-स्वाद-समृद्धि का काॅम्बो खेती बिना खेत मशरूम की खेती सबसे बेहतर है और जलवायु अनुकूल भी है। कार्यक्रम के दौरान एसएलएस ट्रस्ट के तत्वावधान में आये उड़ीसा के मशरूम महिला प्रशिक्षुओं ने गीत और संगीत प्रस्तुत कर मशरूम की खेती को बढ़ावा देने की बात को कही। कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण डॉ आरपी प्रसाद ने किया। जबकि संचालन डॉ कुमारी अंजनी एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ सुधा नंदिनी ने किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ शंकर झा, डॉ आशीष पांडा, डॉ एस एस प्रसाद, डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न शिक्षक, वैज्ञानिक, छात्र-छात्राएं एवं किसान उपस्थित थे।

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