संत रविदास भक्ति आंदोलन के रहस्यवादी कवि और महान संत थे: शास्त्री
संत रविदास भक्ति आंदोलन के रहस्यवादी कवि और महान संत थे: शास्त्री

जे टी न्यूज, खगड़िया:
प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी माघी पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्राथमिक विद्यालय कमलपुर तथा नन्हकू मंडल टोला में संत शिरोमणि रविदास जी की 648 वीं जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई गई। समारोह की अध्यक्षता सेवा निवृत्त शिक्षक रामलखन प्रसाद पासवान व जदयू के जिला प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने संयुक्त रूप से किया। आयोजन समिति के कार्यकर्ताओं के द्वारा भव्य तरीके से शोभा यात्रा निकाली गई। वहीं संतों और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया और मन चंगा तो कठौती में गंगा व संत शिरोमणि रविदास जी की जयकारे भी लगाए गए।
समारोह को सम्बोधित करते हुए राम लखन प्रसाद पासवान ने कहा कि संत रविदास जी का मानव कल्याण के लिए आविर्भाव हुआ है। वे सदैव सामाजिक दुर्गुणों को प्रवचन दोहा भजन क्रांति से खत्म करने का प्रयास करते रहे। वे शांति सहार्द , प्रेम, एकता और सामानता के संदेश वाहक थे।
आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने कहा कि संत रविदास जी भक्ति आंदोलन के रहस्यवादी कवि और महान संत थे। उनके भक्ति गीतों व छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थाई प्रभाव डाला था। उनके योगदान को आज की दुनिया श्रद्धा से स्मरण करती है।
उन्होंने कहा कि संत रविदास जी के विचारों से यह स्पष्ट होता है कि अहंकार और अभिमान रहित मानव ही सफल जीवन का आनंद प्राप्त कर सकते हैं। उनके छंदों से यह भी बतलाता है कि शुद्धता हो तो हर जगह पवित्रता ही है। मन चंगा तो कठौती में गंगा, जहां प्रेम नहीं वहां नर्क है, जहां प्रेम है वहां स्वर्ग है। साथ ही उन्होंने सद्गुरु के वचनों को दोहराते हुए कहा कि माता-पिता और गुरु ईश्वर समान होते हैं। जिनकी सेवा से ही भक्ति और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
इस अवसर पर शिक्षक सनातन कुमार शिक्षक डॉक्टर पुरातन गांधी शिक्षक संजय गांधी मेनका देवी कला देवी राजकुमारी देवी सुमित्रा देवी ईशा देवी दीपक कुमार पासवान हरवंश कुमार, डॉ नवीन कुमार पासवान, केपी समदर्शी, नवल किशोर सहनी, सूरज दास, भुनेश्वर पासवान एवं सूर्यवंश कुमार सहित दर्जनों साधु संत उपस्थित थे। मौके पर गायक संतो द्वारा सत्संग एवं संत शिरोमणि रविदास जी रचित भजनों के प्रस्तुति से श्रोतागण मंत्र मुग्ध हो गए।

