शिक्षा नहीं, बाज़ार की पूर्ति का साधन बना रही है नई शिक्षा नीति: मालाकार
नेप 2020 सामाजिक न्याय पर हमला है: प्रो. एस.एन. मालाकार
शिक्षा नहीं, बाज़ार की पूर्ति का साधन बना रही है नई शिक्षा नीति: मालाकार /नेप 2020 सामाजिक न्याय पर हमला है: प्रो. एस.एन. मालाकार
जे टी न्यूज, समस्तीपुर – ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन की समस्तीपुर जिला इकाई का बहुप्रतीक्षित जिला कन्वेंशन समस्तीपुर के बंगाली टोला स्थित ब्रजकुमार पांडेय सभागार में बड़ी भागीदारी और जोश के साथ आयोजित किया गया। कन्वेंशन से पूर्व एआईएसएफ के बैनर तले जिले भर से आए छात्र-युवाओं ने ‘शिक्षा बचाओ, नौकरी दो’ नारे के साथ एक प्रभावशाली मार्च निकाला। यह जुलूस बंगाली टोला से प्रारंभ होकर स्टेशन रोड और स्टेशन चौक गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए पुनः आयोजन स्थल पर पहुंचा। जुलूस के बाद ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसे AISF बिहार राज्य परिषद के अध्यक्ष कामरेड सुधीर कुमार ने संपन्न किया।कन्वेंशन के उद्घाटन सत्र की शुरुआत जेएनयू के पूर्व प्राध्यापक एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद् प्रो. एस.एन. मालाकार के विचारोत्तेजक भाषण से हुई। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि यह नीति शिक्षा को एक सार्वजनिक सेवा के बजाय एक व्यापारिक उत्पाद में बदलने की दिशा में उठाया गया खतरनाक कदम है। प्रो. मालाकार ने कहा, “NEP 2020 छात्रों को समावेशी, वैज्ञानिक और समान शिक्षा के अधिकार से वंचित कर, उन्हें केवल श्रम बाज़ार की आवश्यकता के अनुसार ढालने का औजार बना देना चाहती है। यह नीति न केवल शिक्षा के लोकतांत्रिक स्वरूप पर प्रहार है, बल्कि हमारे सामाजिक न्याय के ढांचे को भी कमजोर करती है।”यू आर कॉलेज रोसड़ा के प्रो उमाशंकर साह ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली ज्ञान आधारित समाज के निर्माण की बजाय डिग्रीधारी बेरोजगारों की लंबी कतार खड़ी कर रही है। उन्होंने शिक्षा के निजीकरण, केंद्रीकरण और भगवाकरण के विरुद्ध देशव्यापी छात्र आंदोलन की आवश्यकता पर जोर देते हुए छात्रों से एकजुट होने की अपील की।
कन्वेंशन सत्र को भाकपा समस्तीपुर जिला सचिव कामरेड सुरेंद्र कुमार सिंह मुन्ना, एआईएसएफ जिला प्रभारी मोहित पासवान,एआईएसएफ वैशाली जिलाध्यक्ष प्रकाश कुमार समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए छात्रों से लोकतांत्रिक अधिकारों और सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा के लिए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। कन्वेंशन के दूसरे सत्र की अध्यक्षता तीन सदस्यीय अध्यक्षमंडल – दीपक कुमार धीरज, गौरव शर्मा एवं अविनाश कुमार – ने की। इस सत्र में निवर्तमान जिला सचिव गौरव कुमार द्वारा सांगठनिक प्रतिवेदन तथा जिला संयुक्त सचिव अभिषेक आनंद द्वारा राजनीतिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इन प्रतिवेदनों पर जिले भर से आए प्रतिनिधियों ने विस्तार से चर्चा की और संगठन की भावी दिशा तय करने हेतु महत्वपूर्ण सुझाव एवं प्रस्ताव पारित किए।इसके पश्चात चुनाव प्रक्रिया आरंभ की गई, जिसमें सर्वसम्मति से 25 सदस्यीय जिला परिषद तथा 8 सदस्यीय सचिव मंडल का गठन किया गया। नए पदाधिकारियों का चयन प्रतिनिधियों की एकमत सहमति से किया गया।नवगठित जिला कमिटी में दीपक कुमार धीरज को अध्यक्ष, अजय निराला और श्याम किशोर को उपाध्यक्ष, गौरव शर्मा को सचिव तथा अभिषेक आनंद और दुर्गेश कुमार को संयुक्त सचिव के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया है। अर्जुन कुमार को कोषाध्यक्ष तथा अजय आडवाणी को मीडिया संयोजक की जिम्मेदारी सर्वसम्मति से सौंपी गई है।
एआईएसएफ समस्तीपुर ने कन्वेंशन में भाग लेने वाले सभी छात्र प्रतिनिधियों, अतिथियों, वक्ताओं एवं कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करते हुए यह दृढ़ संकल्प लिया कि संगठन न केवल शिक्षा के निजीकरण के विरुद्ध संघर्ष करेगा, बल्कि युवाओं के रोज़गार, संविधानिक अधिकारों एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए भी जनांदोलन को व्यापक स्तर पर खड़ा करेगा। कन्वेंशन ने यह संदेश दिया कि एआईएसएफ आने वाले समय में छात्र-युवाओं की आवाज को और सशक्त रूप में सामने लाएगा।

