दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन
जेटी न्यूज़ मधेपुरा

भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित “Next Generation Chemistry Innovations Driving the Future” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज भव्य और सफल समापन हुआ। यह आयोजन विभाग की ओर से शोध, नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। दो दिनों तक चले इस शैक्षणिक पर्व में देशभर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान से आए विद्वानों, शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया।
दूसरे दिन की मुख्य गतिविधियाँ
सम्मेलन के अंतिम दिन शोध एवं नवाचार की झड़ी लग गई। कुल 80 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें विभिन्न शोधार्थियों ने रसायन विज्ञान के नवीन आयामों, हरित रसायन , जैव-रसायन , नैनोमैटेरियल्स, औषधीय रसायन, डेटा साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर आधारित अध्ययन साझा किए।
कार्यक्रम के दौरान विशेष रूप से ओरल प्रजेंटेशन और पोस्टर प्रजेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इन प्रस्तुतियों में शोधार्थियों ने अपने कार्य को अत्यंत रचनात्मक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल ने शोध की मौलिकता, शोध-पद्धति, प्रस्तुति कौशल और भावी उपयोगिता को आधार मानकर मूल्यांकन किया।
पुरस्कार वितरण
सम्मेलन का एक विशेष आकर्षण रहा रसायन शास्त्र विभाग द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित पुरस्कारों का वितरण में ओरल एवं पोस्टर प्रजेंटेशन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा जिसमें सम्मेलन की पृष्ठभूमि, आयोजन की झलक, तकनीकी सत्रों की चर्चा, पुरस्कार वितरण और समापन समारोह का विवरण सम्मिलित रहेगा।
—
दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के रसायन शास्त्र विभाग द्वारा आयोजित “Next Generation Chemistry Innovations Driving the Future” विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज भव्य और सफल समापन हुआ। यह आयोजन विभाग की ओर से शोध, नवाचार और शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। दो दिनों तक चले इस शैक्षणिक पर्व में देशभर के कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) से आए विद्वानों, शिक्षकों, शोधार्थियों और छात्रों ने भाग लिया।
दूसरे दिन की मुख्य गतिविधियाँ
सम्मेलन के अंतिम दिन शोध एवं नवाचार की झड़ी लग गई। कुल 80 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए, जिनमें विभिन्न शोधार्थियों ने रसायन विज्ञान के नवीन आयामों, हरित रसायन,
सम्मेलन का एक विशेष आकर्षण रहा रसायन शास्त्र विभाग द्वारा प्रदत्त प्रतिष्ठित पुरस्कारों का वितरण। ओरल एवं पोस्टर प्रजेंटेशन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को निम्नलिखित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया—
डॉ. योगेन्द्र प्रसाद यादव पुरस्कार – राजकुमार सरदार
डॉ. आर.के. मल्लिक पुरस्कार – प्रवीर घोष
डॉ. चंद्रकान्त यादव पुरस्कार – जयंत गांगुली
डॉ. कामेश्वर कुमार पुरस्कार – धर्मेंद्र कुमार और धैर्य (संयुक्त रूप से)
प्रो. अशोक कुमार यादव पुरस्कार – पवन कुमार
इन पुरस्कारों के वितरण का उद्देश्य युवा शोधार्थियों को प्रोत्साहित करना और रसायन शास्त्र के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को सामने लाना है।
तकनीकी सत्र
सम्मेलन में तीन समानांतर तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें देशभर के प्रतिष्ठित संसाधन व्यक्तियों (Resource Persons) ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
जादवपुर विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल से पधारे प्रोफेसर सचिदानंद सिन्हा ने रसायन विज्ञान में नवीन शोध प्रवृत्तियों पर केंद्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार नई प्रौद्योगिकियों, डेटा-विश्लेषण और बहु-विषयी दृष्टिकोण से भविष्य की रसायन शास्त्र अधिक उपयोगी और व्यावहारिक बनती जा रही है।
आईआईटी कानपुर, आईआईटी (ISM) धनबाद, पुणे और अहमदाबाद से आए संसाधन व्यक्तियों ने भी अपने-अपने क्षेत्र की विशिष्टताओं पर प्रकाश डाला। उनके व्याख्यानों में हरित ऊर्जा, सतत विकास, फार्मास्युटिकल शोध, उन्नत सामग्रियों का उपयोग और उद्योग-शैक्षणिक सहयोग जैसे बिंदु प्रमुख रहे।
सभी वक्ताओं ने छात्रों और शोधार्थियों से आग्रह किया कि वे केवल शोध-प्रकाशन तक सीमित न रहें, बल्कि समाज और पर्यावरण को लाभान्वित करने वाले शोध पर ध्यान दें।
समापन समारोह
सम्मेलन का समापन सत्र अत्यंत गरिमामय और उत्साहपूर्ण रहा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिमलेंदु शेखर झा ने कहा कि यह आयोजन रसायन शास्त्र विभाग की बढ़ती शैक्षणिक क्षमता और अनुसंधान-उन्मुख दृष्टिकोण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगी और भविष्य में और भी बड़े शैक्षणिक आयोजन की राह प्रशस्त होगी।
कार्यक्रम के पेट्रोन एवं विभाग के वरिष्ठ शिक्षकों ने भी अपनी शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि दो दिनों तक चले इस सम्मेलन ने प्रतिभागियों को शोध, संवाद और नवाचार का अद्वितीय मंच उपलब्ध कराया।
समापन अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. नरेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों, संसाधन व्यक्तियों और आयोजन समिति के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की सफलता विभागीय टीम वर्क का परिणाम है और आने वाले समय में विभाग और भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन करेगा।
कार्यक्रम के संयोजक अनिल कुमार, कार्यक्रम सचिव डॉ. अरूणव सेनगुप्ता तथा सह सचिव डॉ. अक्षि त्यागी ने सम्मेलन की रूपरेखा को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनकी मेहनत और नेतृत्व के कारण यह आयोजन सुव्यवस्थित और यादगार बन सका।
सम्मेलन की विशेषताएँ
देशभर से आए लगभग 10 से अधिक संस्थानों के रिसोर्स पर्सन विद्वानों की सक्रिय भागीदारी।
100 से अधिक शोध पत्रों की प्रस्तुति, जिनमें से 80 अंतिम दिन हुई।
हरित रसायन और स्थिरता पर केंद्रित शोध कार्य।
युवा शोधार्थियों को सम्मानित कर Innovation-driven Research को प्रोत्साहन।
संसाधन व्यक्तियों द्वारा Cutting-edge Research पर आधारित व्याख्यान।
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में आयोजित इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भविष्य की रसायन विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवता और पर्यावरण की भलाई से गहराई से जुड़ी हुई है।
सम्मेलन का यह सफल आयोजन विभाग और विश्वविद्यालय दोनों के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है, जो आने वाले समय में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शोध और नवाचार की नई राह खोलेगा।



