मानू में उर्दू पत्रकारों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन

मानू में उर्दू पत्रकारों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन

जे टी न्यूज, अदनान आलमप
हैदराबाद:
मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (मानू) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में कार्यरत उर्दू पत्रकारों के लिए क्षमता निर्माण विषयक तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ आज सी.पी.डी.यू.एम.टी. ऑडिटोरियम, मानू, हैदराबाद में हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की मैगज़ीन “अल-कलाम” का लोकार्पण भी माननीय कुलपति प्रो. सैयद ऐनुल हसन द्वारा किया गया।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रो. हसन ने कहा कि भारत की आज़ादी की लड़ाई में मौलाना बाकिर जैसे पत्रकारों का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पत्रकार समाज को दिशा देने की क्षमता रखता है, इसलिए उसे जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।

स्वागत भाषण में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद के निदेशक डॉ. मोहम्मद शम्स इक़बाल ने बताया कि परिषद देशभर में उर्दू भाषा के विकास के लिए निरंतर कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उन्होंने कहा कि मानू देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो उच्च एवं तकनीकी शिक्षा उर्दू माध्यम से उपलब्ध कराता है

इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के डीन एवं हेड प्रो. मोहम्मद फरियाद ने कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि उद्देश्य यह है कि उर्दू पत्रकार अपने समकक्ष अन्य भाषाओं के पत्रकारों की तरह प्रतिस्पर्धी बनें। साथ ही विद्यार्थियों को भी इस क्षेत्र में रोज़गार के अवसर तलाशने का मार्ग प्रशस्त हो।

उद्घाटन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार एम. ए. माजिद, एन.सी.पी.यू.एल. के सदस्य मो. अब्दुल सत्तार, डॉ. यामीन अंसारी और दैनिक सियासत के प्रबंध संपादक अमीर अली खान ने भी विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने उर्दू पत्रकारिता की चुनौतियों, जिम्मेदारियों और समाज में उसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला

मुख्य अतिथि भारत न्यूज़ नेटवर्क के सी.ई.ओ. डॉ. सरफराज सैफी ने कहा कि पत्रकारिता का अर्थ है चुनौतियों को स्वीकार करना और समाज में सकारात्मक संदेश पहुँचाना। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को अपनी प्रतिबद्धता साबित करनी होगी कि वह किसी से कम नहीं है।

धन्यवाद ज्ञापन प्रो. एहतेशाम अहमद खान ने किया। उन्होंने वर्तमान मीडिया परिदृश्य की आलोचना करते हुए कहा कि आज कई चैनल समाज में विभाजन और गलत धारणाएँ फैलाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि पत्रकारिता का उद्देश्य समाज में सद्भाव और शांति स्थापित करना होना चाहिए।

इस अवसर पर देशभर से आए उर्दू पत्रकारों और शिक्षाविदों के साथ मानू के प्रोफेसर, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

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