ये पब्लिक है सब जानती है ये पब्लिक है, मंत्री और एनडीए नेताओं की फजीहत दिखा रही लोकतंत्र का आईना

ये पब्लिक है सब जानती है ये पब्लिक है, मंत्री और एनडीए नेताओं की फजीहत दिखा रही लोकतंत्र का आईना

समस्तीपुर। बिहार विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ऐसे में लोक लुभावन वादों और घोषणाओं के साथ साथ चुनाव प्रचार और प्रत्याशियों का जनसंपर्क भी चरम पर है।
इस चुनाव में विभिन्न दलों के मंत्री व नेता, मतदाताओं को रिझाने मानने और पटाने में लगे हैं। इसी बीच एक गाना भी खूब बज रहा है हमारे बलमा बेईमान हमें पटियाने आए हैं। वहीं आम मतदाता मंद मंद मुस्कान के साथ सबको विजयी होने का आशीर्वाद और उनको ही वोट देने का आश्वासन देने से नहीं हिचक रहे।
इसी बीच बिहार में डबल इंजन वाली सरकार के विकास से बौखलाए लोगों ने जगह-जगह पर मंत्री–संत्री, संसद–विधायक और उनके चमचों को लाठी–डंडे, ईट–पत्थर से स्वागत करते और गाली–गर्दननिया देकर उल्टे पांव क्षेत्र से बाहर है भगाने में भी जुटे हैं। चाहे जदयू के मंत्री श्रवण कुमार, हों, या भाजपा के मंगल पांडे, हम पार्टी के विधायक अनिल शर्मा हों या कोई और, दर्जनों एनडीए नेताओं को उल्टे पांव क्षेत्र से भागना पड़ा है।
दूसरी तरफ दरभंगा में मैथिली ठाकुर के टिकट दिए जाने के कारण भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी आक्रोश है जिसका खामियाजा प्रधानमंत्री के सभा में कुर्सी युद्ध, गृह मंत्री अमित शाह के सभा में आधी से ज्यादा कुर्सियों का खाली रह जाना भाजपा सहित एनडीए में व्याप्त असंतोष और अंतर्कलह और असंतोष दर्शाता है।
केंद्र सरकार और बिहार सरकार द्वारा जनता को व्यापक स्तर पर ठगे जाने का परिणाम है कि पीएम से सीएम तक सभी एक बार फिर बेरोजगारी, बेकारी, भुखमरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात नहीं कर रहे।

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