राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय परिसर में कला ने शिक्षा को और शिक्षा ने कला को किया समृद्ध
राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय परिसर में कला ने शिक्षा को और शिक्षा ने कला को किया समृद्ध

जे टी न्यूज, सहरसा :
राजेन्द्र मिश्र महाविद्यालय परिसर बुधवार को एक हाई-टेक विज़ुअल आर्ट महोत्सव में बदल गया, जहाँ बीएनएमयू की 2025–26 की अन्तर-महाविद्यालय दृश्य कला प्रतियोगिता का भव्य उद्घाटन हुआ। कैंपस की दीवारें, गलियारे, हॉल और ग्राउंड—हर स्थान छात्रों की रचनात्मक प्रयोगशाला बन चुका था। आधुनिक तकनीक, डिजिटल कलर बोर्ड और पारंपरिक कला—तीनों का अनूठा मिश्रण पूरे आयोजन में दिखाई दिया।
उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलन के साथ क्रीड़ा एवं संस्कृति परिषद् के निदेशक डॉ. मो. अबूल फ़ज़ल, उपनिदेशक डॉ. जैनेन्द्र कुमार, प्राचार्य प्रो. डॉ. गुलरेज रौशन रहमान, तथा पूर्व प्राचार्य डॉ. ललित नारायण मिश्र ने संयुक्त रूप से किया।
*प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. गुलरेज रौशन रहमान ने कहा*
“आज भाग ले रहे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी कलात्मक पहचान स्थापित करेंगे। यह प्रतियोगिता उनके आत्मविश्वास, कौशल और दृष्टि को एक नई उड़ान देती है।”
*डॉ. मो. अबूल फ़ज़ल (निदेशक)*
“छात्र कला के माध्यम से अपनी भावनाओं और विचारों को गहराई से व्यक्त कर रहे हैं। यह देखना सुखद है कि रचनात्मकता अब उनकी स्वाभाविक भाषा बनती जा रही है।”
*डॉ. जैनेन्द्र कुमार (उपनिदेशक)*
“बीएनएमयू के विद्यार्थियों ने पिछले वर्षों में कई राष्ट्रीय वर्कशॉप, प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। यह आयोजन उनकी आगे की यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है।”
*डॉ. ललित नारायण मिश्र (पूर्व प्राचार्य)*
“कला मनुष्य को संवेदनशील बनाती है और विविध संस्कृतियों को समझने की दृष्टि देती है। यह आयोजन शिक्षा और कला का सुंदर संगम है।”

*नौ प्रतियोगिताओं में हाई-टेक हुनर का प्रदर्शन*
बीएनएमयू द्वारा निर्धारित कुल 9 विज़ुअल आर्ट श्रेणियों में सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया—
*ऑन-द-स्पॉट पेंटिंग*
– ग्रामीण जीवन | महिला जागरूकता
*कार्टून*
– चुनाव महापर्व | स्वच्छता जागरूकता
*कोलाज*
– पर्यावरण संरक्षण | प्राकृतिक दृश्य
*पोस्टर*
– स्वच्छ भारत | पर्यावरण
*मूर्तिकला*
– आदमी के साथ जानवर
– छठ पूजा (रिलीफ वर्क)
*अन्य कलाएँ*
– रंगोली, मेंहदी, इंस्टालेशन आर्ट, फोटोग्राफी
कैंपस में डिजिटल स्केच पैड, प्रोजेक्शन डिस्प्ले और मॉडल-आर्ट इंस्टालेशन ने कार्यक्रम को आधुनिक स्वरूप दिया।
*विशेषज्ञ मूल्यांकन और सफल संयोजन*
आरा से आए कला विशेषज्ञ जितेन्द्र मोहन कुमार ने सभी प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया।
मंच संचालन डॉ. अक्षय कुमार चौधरी ने किया तथा संपूर्ण संयोजन खेल पदाधिकारी डॉ. अमित कुमार ने संभाला।
*उपस्थित प्राध्यापक और शिक्षकेतर कर्मी*
डॉ. राजीव कुमार झा, डॉ. अरुण कुमार झा, डॉ. इन्द्रकांत झा, डॉ. आशुतोष कुमार,डॉ. कविता कुमारी, डॉ. रीणा कुमारी, डॉ. अभय कुमार यादव, डॉ. लक्ष्मी कुमार कर्ण,डॉ. प्रतिभा कपाही, डॉ. मंसूर आलम, डॉ. अपर्णा, डॉ. पिंकी, डॉ. गोपाल कुमार,
डॉ. नागेन्द्र राय, डॉ. विनय कुमार सिंह, डॉ. सुमंत राव, डॉ.आलोक कुमार झा,डॉ. कमलाकांत झा,डॉ.रूद्र किंकर वर्मा, डॉ. हनी, डॉ. संजय कुमार, डॉ. प्रीति, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. पूनम कुमारी,
डॉ. मनोज कुमार, डॉ. सतीश राज, डॉ. लक्ष्मण कुमार, डॉ. रामकेवल प्रसाद सिंह यादव,
डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. सुमित कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी
नंद किशोर झा, हिफाजत, रणधीर झा,सुमित मिश्रा, सोहराव, महानंद मिश्रा।
*कुल मिलाकर—कैंपस में रंग, तकनीक और रचनात्मकता का अनूठा मेल*
पूरे परिसर में कला ने शिक्षा को और शिक्षा ने कला को समृद्ध किया।छात्रों की प्रतिभा, शिक्षकों का मार्गदर्शन और तकनीक के उपयोग ने इस आयोजन को
सहरसा का अब तक का सबसे आकर्षक हाई-टेक आर्ट इवेंट बना दिया।

