एसडीएम नें दिये निर्देश जांच के बाद जल्द गरीबों को मिलेगा राशन कार्ड9431406262

 

जेटी न्यूज

मधुबनी::-बेनिपट्टी एसडीएम मुकेश रंजन की अध्यक्षता में टीपीसी भवन के सभागार में सभी पंचायत सचिव, जीविका एवं विकासमित्र के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में एसडीएम के निर्देश पर नये राशन कार्ड के लिए जमा किए गये आवेदन की जांच के लिए प्रत्येक पंचायत में तीन सदस्य टीम का गठन किया गया है।

जांच के लिए गठित टीम में पंचायत सचिव, जीविका व विकासमित्र को शामिल किया गया है।तथा 26 मई तक हर हाल में पारदर्शिता के साथ आवेदन का जांच कर अनुमंडल कार्यालय में जमा कर देने का निर्देश दी ताकि जरुरतमंदो तक जल्द राशन कार्ड पहुंच सके और उन्हें खाद्य सामग्रियों का लाभ मिल सकें।

इसके बाद एसडीएम ने बीडीओ प्रकोष्ठ में पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कई अहम निर्देश दी।मौके पर बीडीओ अरुणा कुमारी चौधरी,सीओ शशीभूषण प्रसाद सिंह, बीइओ सुनील कुमार तिवारी,प्रमुख राजेश कुमार पाण्डेय उर्फ बालाजी, बीआरपी फुल ठाकुर,जितेन्द्र किशोर, समेत अन्य मौजूद थे।

हरलाखी में प्रवासियों का मेडिकल जांच भगवान भरोसे ,3 हजार से उपर प्रवासियों में एक का भी नहीं गया सेंपल प्रखंड एवं पंचायतों के विभिन्न क्वारेंटिन सेंटर में तीन हजार से अधिक प्रवासी मजदूर को रखे गये है।इधर हर रोज दर्जनों प्रवासी विभिन्न राज्यों से आ रहे है और क्वारेंटिन हो रहे है।

इसमें अधिकांश प्रवासी रेड जोन से आ रहे है बावजूद स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण करीब दो माह से एक भी प्रवासियों का सेंपल जांच के लिए नहीं भेजा जा रहा है, जिससे प्रवासियों तथा उनके परिजनों में भय व्याप्त है।ऐसे मे एपीएचसी का खाना पुरी कहना कही से गुरहेज नही कहा जा सकता है।

सिर्फ़ दिखावा कहे या कागजी खाना पुरी के लिए कभी कभाल स्पताल के कर्मी सेन्टरों पर घुम कर अपना फर्ज निभा लेते है। जानकारी के अनुसार लाॅकडाउन के पहले चरण में कुछ सेंपल भेजा गया था, तब जिला में एक भी संक्रमित नहीं पाया गया था, लेकिन जबसे प्रवासियों को आने का छुट दे दिया गया तब से मधुबनी जिला के कई प्रखंड में संक्रमित मरीजो की संख्या में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है।

ईसके बाबजूद अभी तक हरलाखी प्रखंड में प्रवासियों का सेम्पल जांच के लिए नही भेजना अपने आपका एपीएचसी पर कई सावालिया निशाना बन रहा है।इस समस्या को लेकर कई क्वारेंटिन सेंटर में रह रहे प्रवासियों ने तो हंगामा भी किया, सड़क जाम करने तक का नौबत आ गया ,फिर भी स्पताल की निंद नही खुली।

ताकी प्रवासीयो का सही से स्वास्थ्य का जांच हो बावजूद इन प्रवासियों के जांच के नाम पर महज खानापूरी हो रही है।कई क्वारेंटिन सेंटर पर तो दस दिनों से प्रवासी ठहरे हुए है लेकिन मेडिकल टीम का दर्शन तक नहीं हुआ है।यदि किसी क्वोरंटिन सेंटरों पर मेडिकल टीम पंहुचती भी है तो केवल अनुमानों के आईने में ही स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

इसे संसाधनो की कमी कहे या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही।सुत्रो की माने तो तीन हजार प्रवासियों में करीब एक हजार प्रवासी रेड जोन से आए हुए है,ऐसे में यदि सेंटर से एक भी संक्रमित गांव में निकले तो अनुमान लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी भयावह हो सकती है।इधर सेंटरों पर जांच नही होने से प्रवाशियो के परिजनों में भारी रोष देखा जारहा है।

ताते चले की हरलाखी बिधायक सुधांशु शेखर द्वारा कई क्वारंटाइन सेंटरों पर प्रवासी मजदूरों का हाल चाल जाना तो प्रवासियों ने विधायक जी स्वास्थ्य विभाग की लापारवाही की गुहार लगाया था।बताया की स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक जांच के लिए नहीं पहुंची है ।ऐसे में स्थानीय विधायक का असर स्वास्थ्य विभाग की टीम पर को असर भी नहीं दिखा। इस बावत बीडीओ अरुणा कुमारी चौधरी ने बताया की करीब एक माह पूर्व कुछ प्रवासियों का लीस्ट पीएचसी को सौंपा गया था लेकिन अबतक सेंपल के लिए जिला से टीम नहीं आई है।

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