खेल से मांसपेशियों का निर्माण, प्रदर्शन में वृद्धि, समन्वय में सुधार, आत्म अनुशासन व एकाग्रता का होता है विकास – के.एस L

विष्णुदेव यादव। मधुबनी। जेटी न्यूज

खेल के समय खेलकूद और पढ़ने के समय सिर्फ पढ़ाई सहित दोनों में तालमेल से मिलने वाली मंजिलों जैसे कहावतों को चरितार्थ करने की दिशा में जेएनवी मधुबनी परिवर्तित हो चुका है। जहां छात्रों के उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण में अब खेल को भी प्राथमिकता के दायरे में लाने की शुरूआत हो चुकी है। बताते चले कि जेएनवी मधुबनी के छात्रों व शिक्षकों के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। जिसमें सीनियर-जूनियर छात्रों सहित शिक्षकों ने भी भाग लिया। खेल शुरुआत से पूर्व विधिवत रूप से विद्यालय के प्राचार्य ए.के द्विवेदी ने कतारबद्ध छात्रों को हौंसला अफजाई कर उदघाटन किया। वहीं खेल के कर्मठ शिक्षक आशीष तिवारी ने क्रिक्रेट से जुड़े नियमों के अधीन सबों को बीच – बीच मे मार्गदर्शित भी करते रहें।

श्री तिवारी ने छात्रों में प्रायोगिक कला से उन्नत स्वस्थ स्वास्थ्य से विशेष लाभान्वित होने की बात कही। आयोजित मैच में वरीय सदन के छात्रों ने जीत को अपने पक्ष में कर खासे उत्सुक देखे गए। वहीं जीत के बाद वरीय छात्र सौरभ कुमार, प्रिंस कुमार व हरेकृष्ण कुमार ने बताया कि इतिहास में प्रथम बार प्राचार्य के. एस द्विवेदी के अतुलनीय पहल का परिणाम है कि विद्यालय परिसर में खेल को प्राथमिकता के दायरे में रख हम छात्रों को कुशल शैक्षणिक प्रबंधन के साथ- साथ मानिसक रूप से स्वस्थ रहने को आवश्यक खेल को प्रतियोगी रूपी प्रदर्शित करने का मौका दिया गया है। जिससे शरीर स्वस्थ रहेगा तो पढ़ाई में भी मन लगेगा। भविष्य की नींव ऐसे ही शिक्षा के मंदिरों में पड़ती है। छात्रों ने कहा कि पढ़ाई में अध्यापक की और खेल में प्रशिक्षक की बातों पर विशेष महत्व व अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता ही हम छात्रों की पहली प्राथमिकता होगी।

वहीं प्राचार्य श्री द्विवेदी ने कहा कि खेल से मांसपेशियों का निर्माण, प्रदर्शन में वृद्धि, समन्वय में सुधार, आत्म अनुशासन और एकाग्रता का विकास करता है। उप प्राचार्य डॉ पी.मिश्रा ने कहा कि बच्चे की सोच को विस्तृत तथा विकसित करते हैं। इनसे बच्चे में सामूहिक रूप से काम करने की भावना का संचार होता है। बच्चे में प्रतिस्पर्धा तथा प्रतियोगिता हेतु आगे बढ़ने की होड़ और दौड़ में भाग लेने की इच्छा पैदा होती
वहीं शिक्षक अनिल कुमार, के.सी चौधरी, वैद्यनाथ , सीएस मिश्रा, सीबी यादव व जेपी यादव ने सँयुक्त रूप से कहा कि आज के आधुनिक दौर में भले मैदानों में खेले जाने वाले खेल कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप पर खेले जा रहे हैं। इन उपकरणों पर खेलों के खेलने से बच्चों का मानसिक विकास भले होता हो, लेकिन सामाजिक और नैतिकता का पाठ वे नहीं सीख पाते और न ही उनका ठीक से शारीरिक विकास हो पाता है।

 

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