1 माह 11 दिन बीते अब तक अमरेश हत्या कांड के नामजद अभियुक्त पुलिस गिरफ्त से बाहर।

अमरदीप नारायण प्रसाद

समस्तीपुर/कल्याणपुर :- थाना क्षेत्र में हुई पिछले महीने हत्या का नामजद अभियुक्त पकड़ से बाहर।विधवा पत्नी रूबी का अब तक रोते-रोते बुरा हाल। बेटा बेटी पूछती है माँ पापा कब आएंगे तो माँ स्तब्ध हो जाती वहीं दूसरी ओर दीपक हत्याकांड के नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी 16 दिन बीतने के बावजूद भी पुलिस विफल रही।दीपक की माँ सहित परिजनों का भी रोते-रोते बुरा हाल कल्याणपुर पुलिस को अमरेश हत्या कांड के नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने में 1 महीने 16 दिन बीत जाने के बावजूद भी पुलिस विफल रही है हत्या के दिन से अब तक मृतक अमरेश की पत्नी रूबी कुमारी की अश्रु धारा अब तक बंद नहीं हो पाई उनके दो-दो नादान बच्चों हमेशा मां से पूछते हैं कि मम्मी पापा कब आएंगे। मां आंसू बहा कर जवाब देने में असमर्थ हो जाती है अब तक बच्चों को यह पता नहीं चला कि मेरे पिता की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी पुत्री और पुत्र दोनों अब तक आस लगाकर बैठे हैं कि मेरे पापा जितवारपुर प्रखंड से अब लौट कल घर आएंगे हमें ट्रॉफी बिस्कुट देंगे। बता दें कि 6 मई के सवेरे अमरेश उर्फ मून चुन अपनी बाइक से अपने पैतृक निवास डढिया से जितवारपुर को चले थे । गांव से थोड़ी दूरी पर सिंघिया गाछी के समीप खरंजा सड़क के बगल में घात लगाए बैठे अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतार दिया इस बाबत पर पीड़ित पत्नी रूबी कुमारी ने स्थानीय थाने में अपने पति की हत्या को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई। आधा दर्जन नामजद अभियुक्त बनाए गए दो चार अज्ञात अभियुक्त बने। बार-बार पुलिस अधीक्षक से लेकर थाना अध्यक्ष को पीड़िता द्वारा गुहार लगाने के बावजूद भी नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने से प्रखंड माले सचिव दिनेश कुमार पूसा प्रखंड माले सचिव अमित कुमार आदि ने पीड़िता के घर जाकर ढाढस दिलाते हुए आश्वासन दिया कि हम लोग पुलिस पर दबाव बनाकर अभिलंब अभियुक्तों की गिरफ्तारी करा कर न्याय दिलाने की दिशा में कार्रवाई करेंगे। अब तक कुछ नहीं हो पाया। पीड़ित पत्नी का कहना है कि हम गरीबों को कौन देखेगा सत्ताधारी पार्टी के संबंधी या परिजन की हत्या होती है तो पुलिस सप्ताह भर के भीतर ही हत्या आरोपियों की गिरफ्तारी कर लेती यह कहां की न्याय है हम गरीबों को देखने वाला कोई नहीं अब मैं महिला आयोग मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाउगी। हमें नए थाना प्रभारी पर पूरा भरोसा था कि उनके द्वारा अपराधी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा लेकिन थानाध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के बावजूद भी 15 दिन से अधिक बीते किसी भी नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई अब मैं किस पर भरोसा करूं। पिता की हत्या के बाद ऊपर वाले की विडंबना है ऐसी निकली जो मेरे बच्चे का भी पैर टूट गया। मेरे ससुर अवकाश प्राप्त शिक्षक को भी मेरी या मेरे बच्चों की कोई परवाह नहीं है मैं जिस घर में रहती हूं बरसात में वह रहने लायक नहीं। मुझे पुलिस पर पूरा भरोसा है पुलिस को मेरे ऊपर रहम करनी चाहिए। उक्त बातें रो-रो कर समाचार संकलनकर्ता के समक्ष रूबी कह रही थी वहीं दूसरी ओर बरहता गांव में 2 जून कि सवेरे गांव के ही दीपक कुमार देव की हत्या अपराधियों ने कर गांव के ही सड़क पर फेंक डाली थी 16 दिन बीत जाने के बावजूद भी नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है स्थानीय पुलिस नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने में विफल रहे। दीपक के माता का भी रोते-रोते बुरा हाल देखा गया उनका कहना था कि हमारा बेटा के अपराधी सब फोन पर बुला लिया और हत्या कर दिया।

मेरा बेटा अपने फूफू के यहां सिलौट मनियारी में था। वहां से अपनी बाइक से घर आने को सोच ही रहा था कि उसकी हत्या हो गई। मैं भी अब निराश हो चुकी हूं कितना न्याय के लिए दर-दर भटकती रहो कौन सुनता है हम गरीबों की एक जवान बेटी अभी हमारी शादी के लायक हो गई है किस पर भरोसा करूं। हमें भी नए थाना प्रभारी से उम्मीद थी कि अपराधियों की गिरफ्तारी अविलंब हो जाएगी जो अब तक नहीं हो पाई। पूरे प्रखंड क्षेत्र के लोग दोनों थाना क्षेत्र के पुलिसिया व्यवस्था से असंतुष्ट है।

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