काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान घोषित राकेश धर द्विवेदी, ख्याति,जितेंद्र,सुगंधि,सुजाता और राहुल होंगें सम्मानित – हेमलाता म्हस्के
काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान घोषित राकेश धर द्विवेदी, ख्याति,जितेंद्र,सुगंधि,सुजाता और राहुल होंगें सम्मानित – हेमलाता म्हस्के

जे टी न्यूज़ , नई दिल्ली : काका साहब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान pकी घोषणा कर दी गई है। साहित्य के लिए कथाकार-कवि-गीतकार राकेश धर द्विवेदी को यह सम्मान दिया जा रहा है। गुजरात की गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता सुजाता शाह को समाज सेवा के लिए यह सम्मान मिलेगा। वहीं गुजरात की ही स्वतंत्र पत्रकार डॉ. ख्याति पुरोहित को पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दिया जाएगा। पर्यावरणविद् जितेंद्र नागर को जन शिक्षण के लिए यह राष्ट्रीय सम्मान दिया जा रहा है। जबकि कला के लिए डॉ. राहुल स्वर्णकार को यह राष्ट्रीय सम्मान मिलेगा एक विशेष सम्मान भाषा के लिए श्रीलंका की सुगंधि को भी दिया जायेगा। यह सम्मान हरेक साल काका साहेब कालेलकर की जयंती पर दिया जाता है। पिछले दस साल में पचास युवाओं को सम्मानित किया जा चुका है।

इस पुरस्कार के लिए एक चयन समिति ने कई रचनाकारों के नाम पर विचार किया। समिति की बैठक में गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा की अध्यक्ष कुसुम शाह, विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के महामंत्री अतुल प्रभाकर उपस्थित थे। उनके अलावा साहित्यकार सदानंद कविश्वर, अंजू खरबंदा, पुष्प शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार प्रसून लतांत भी इस चयन समिति में शामिल थे। यह सम्मान नौ दिसंबर को राजघाट के पास गांधी हिंदुस्तानी साहित्य सभा के सभागार में प्रदान किया जाएगा।

सम्मानित रचनाकारों में राकेश धर द्विवेदी केंद्र सरकार में उच्चाधिकारी हैं। उनकी कविताओं में आम आदमी की चिंता मुखरित हुई है, वहीं राष्ट्रीयता के प्रति भी गहरा सरोकार दिखता है। पर्यावरण, जल संरक्षण और गौरेया पर लिखी कविताएं खासी चर्चित हुई हैं। उनके लिखे गीतों को यूट्यूब पर लाखों लोगों ने सुना है। डॉ. ख्याति पुरोहित पत्रकारिता के साथ साहित्य में भी सक्रिय हैं। हिंदी और गुजराती भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। पर्यावरणविद् जितेंद्र नागर पर्यावरण वैज्ञानिक हैं। उन्होंने गंगा नदी परियोजनाओं के लिए कार्य किया है। वे कई कई अभियानों से भी जुड़े हैं। जबकि राहुल स्वर्णकार आकाशवाणी और दूरदर्शन के जाने-माने कलाकार हैं। वे तबला वादन में विख्यात हैं। तालों के सौंदर्य पर वे यूजीसी के लिए पाठ्यक्रम तैयार चुके हैं। सुश्री सुगंधि का हिंदी प्रेम अदभुत है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से हिंदी में एम ए कर के इन दिनों दिल्ली विश्व विद्यालय में पी एच डी कर रही है। उर्दू की भी पढ़ाई की हैं। हिंदी में कविता लिखती हैं। अपने देश की सिंहली भाषा के साहित्य का हिंदी में अनुवाद करती है। यूट्यूब के जरिए सिंहली भाषियों को हिंदी लिखना पढ़ना और बोलना सीखा रही है। इस तरह सुगंधि ने हजारों लोगों को हिंदी सिखाई है। इसके लिए उनका हिंदी प्रेम बहुत अद्भुत है।

सुगंधि को खूब बधाई। हिंदी की सेवा करने के लिए केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा ने उनको सम्मानित भी किया है। जितेन्द्र नागर शिक्षा के लिए काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय अवार्ड, स्वर्णकार को कला के लिए काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय अवार्ड, राकेश धर को साहित्य के लिए काका साहब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान, सुजाता शाह को समाजसेवा के लिए काका साहब राष्ट्रीय सम्मान, लंका की सुगंधि को हिंदी भाषा के लिए काका साहेब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान
, डा ख्याति पुरोहित को पत्रकारिता के लिए काका साहब कालेलकर राष्ट्रीय सम्मान
