अखिल भारतीय किसान काउंसिल की बैठक करनूल आंध्र प्रदेश में प्रारंभ – प्रभुराज नारायण राव

अखिल भारतीय किसान काउंसिल की बैठक करनूल आंध्र प्रदेश में प्रारंभ – प्रभुराज नारायण राव

करनूल आंध्र प्रदेश:अखिल भारतीय किसान सभा की राष्ट्रीय कौंसिल की बैठक का. अशोक ढवले की अध्यक्षता में हुई।सर्व प्रथम झंडोत्तोलन का. हन्नान मौला ने किया तथा शहीद वेदी पर माल्यार्पण किया। बैठक में एम विजय कुमार ने शोक प्रस्ताव को रखा।जिसपर दो मिनट तक मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई। अपने अध्यक्षीय भाषण में का. अशोक ढवले ने कहा कि त्रिचूर सम्मेलन के एक साल बाद यह बैठक हो रहा है । चार महत्वपूर्ण घटना के बाद हम यहां मिल रहे हैं। 5 अप्रैल को दिल्ली रैली, 24 अगस्त दिल्ली मजदूर किसान सम्मेलन, 26 से 28 नवम्बर का ऐतिहासिक पूरे देश में महापड़ाव तथा तमिलनाडु मजदूरों की हत्या पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला ।

अमेरिकी साम्राज्यवाद के सह पर इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर हमला । जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए । इसके विरोध में दुनिया भर में लाखों लोग सड़क पर उतरे । भारत की सरकार का रुख फिलिस्तीन के खिलाफ रहा है। जो निंदनीय है। 5 राज्यों में हुए चुनावों में कांग्रेस की अड़ियल रुख तथा सांप्रदायिकता की राह पर चलना भी भाजपा को बढ़ावा दिया है । अन्य दलों से समझौता न करना भी एक कारण है।केन्द्र सरकार द्वारा सभी सरकारी खुफिया विभागों का सी बी आई, ई डी आदि का सहारा लेकर चुनाव जितने का काम किया है। अभी 19 दिसम्बर को फिर विपक्ष की इण्डिया की बैठक होने जा रहा है। हमें विश्वास है कि ये लोग कोई ठोस निर्णय भाजपा को हराने का लेंगे। हमारा किसान सभा तथा संयुक्त किसान मोर्चा की स्पष्ट समझ है कि किसानों की बेहतरी के लिए मोदी सरकार को हराना ही होगा।हम संयुक्त आंदोलन को और मजबूत बनाने पर जोर देंगे। हमारा आंदोलन लगातार हो रहा है। हमने संघर्ष के बल पर अनेक लड़ाईयां जीती है।लेकिन वह संतोष जनक नहीं है। हमें संगठन को और मजबूत बनाना होगा। का. लेनिन ने कहा था कि सर्वहारा वर्ग के सबसे मजबूत हथियार का नाम है संगठन बैठक को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव का. बीजू कृष्णन ने कहा कि त्रिचूर राष्ट्रीय सम्मेलन के एक साल बाद हम अखिल भारतीय किसान काउंसिल की बैठक करनूल आंध्र प्रदेश में हो रहा है। इस बीच हम बड़े बड़े आंदोलन किए हैं। अभी 26 से 28 नवम्बर तक चले किसान मजदूरों का तीन दिवसीय महापड़ाव देश के हर जिले में प्रभावशाली महापड़ाव रहा। इस आंदोलन से किसान मजदूरों का उत्साह बढ़ा । बल्कि मोदी सरकार तथा भाजपा सरकारों के अंदर भय भी पैदा कर दिया।

उन्होंने कहा कि बजट में ग्रामीण क्षेत्र के रोजगार में 52 हजार करोड़ रुपए की कटौती किया है। मनरेगा में 33 % की कटौती की गई है। यह मोदी सरकार घोर मजदूर किसान विरोधी सरकार बन गई है। फसल में लागत का डेढ़ गुना दाम देने का वादा किया । लेकिन किसानों को नहीं मिल रहा है। नैनो यूरिया और नैनों खाद सही दाम पर नहीं मिल रहा है।बल्कि आपूर्ति भी कम है। आज भी लाखों एकड़ जमीनें सामंतो और पूंजीपतियों के कब्जे में है। का. कृष्णन ने कहा कि नाटो के बढ़ावे पर यूक्रेन ने रूस पर हमला किया और उसके समर्थन में सारे साम्राज्यवादी देश खड़े ही नहीं । बल्कि उसे हथियार और सेना भी दे रहे हैं। अमरीकी साम्राज्यवाद 1998 से अभी तक 470 बार अनेक देशों पर हमले किए हैं।इस तरह देखा जाय तो रूस और फिलिस्तीन पर हो रहे हमले उसी के द्वारा हो रहा है और दूसरी तरफ फिलिस्तीन को मदद का भी ऐलान कर रहा है। लेकिन उसके युद्ध विरोधी नीतियों के खिलाफ अमेरिका में भी अमेरिकी शांति प्रिय जनता संयुक्त राष्ट्र संघ और व्हाइट हाउस पर भी युद्ध रोकने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा में नासिर और जुनैद को सांप्रदायिक ताकतों ने मारा।नुहूं में बजरंग दल तथा संघ द्वारा मुसलमानों पर प्रायोजित हमले हुए। उनके हागरों और दुकानों को जला दिए गए। मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा सुप्रीमकोर्ट के न्यायधीश को कमिटी से हटाने को कोशिश हो रहा है और मोदी सरकार द्वारा चुनाव आयोग चलाने का प्रयास हो रहा है। बाबा राम रहीम को चुनाव के समय लम्बे दिनों के लिए पैरोल पर छोड़ा जा रहा है।जबकि सब जानते हैं कि वह अनेक हत्या तथा अपराधिक मामलों में मुख्य आरोपी है। बिल्किस बानो के बलात्कारियों को भाजपा सरकारों द्वारा जेल से छुड़ा कर भाजपा कार्यालय में ब्लातकारियों को मिठाई खिला कर माला पहनाया जा रहा है। इस तरह सांप्रदायिकता को पूरा बढ़ावा दिया जा रहा है।

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