मोदी जी हद कर दी आपने

मोदी जी हद कर दी आपने

आलेख – प्रभुराज नारायण राव

 

जे टी न्यूज

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में भगवान राम का मंदिर अयोध्या में बनना प्रारंभ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बावरी मस्जिद के लिए एक दूसरा स्थान निर्धारित कर दिया और भगवान राम का मंदिर इस स्थान पर मस्जिद हटाने के बाद एक बड़े आकार में बनाने का फैसला दे दिया। तब से मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है ।

मंदिर निर्माण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निहित स्वार्थी तत्व जो हिंदू धर्म के एक आदत अपने को ठेकेदार घोषित कर चुके हैं और मंदिर निर्माण के लिए प्राप्त श्रद्धालुओं के द्वारा राशि में भी भारी घोटाला इन लोगों के द्वारा किया जा रहा है ।कई बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी अयोध्या पहुंच गए और कभी दिवाली ,कभी दशहरा , कभी रामनवमी के मौके पर पूजा पाठ करने के नाम पर अयोध्या में जाकर अपने दल और अपने कार्यकर्ताओं के बल पर मानो मंदिर निर्माण करा रहे हैं ,का एहसास कराते रहे हैं । कभी लाखों लाख दिए जलाने की बात ,कभी फूलों से अयोध्या को सजाने की बात , यह हमेशा अपनी वाह वाही करते रहे हैं । अब तो स्थिति यहां पहुंच गई है कि मंदिर निर्माण अभी चल ही रहा है। लेकिन 22 जनवरी को भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा करने का ऐलान भारतीय जनता पार्टी द्वारा कर दिया गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी करेंगे ।

 

इस एक तरफा घोषणा का बड़े ही आक्रोशपूर्ण विरोध धर्माचार्य , साधु संतों , पुजारियों के द्वारा किया जा रहा है । सही है की धर्म के मामले में हमारे धर्म के सही जवाब देह धर्मगुरु ही होते हैं । धर्माचार्य ही होते हैं।इसलिए तो उन्हें यह उपाधि दी गई है कि वह हमारे धर्म के संचालन करने का एक अदद जिम्मेदार कहलाते हैं ।

अब सत्ता की लोलुपता ने भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के जवाब देही से धर्मगुरु और धर्माचार्य को वंचित कर स्वयं नरेंद्र मोदी इसके अधिकृत उम्मीदवार बन गए हैं । जिसकी आलोचना जितनी भी की जाए वह कम है ।

 

पहली बात तो यह कि सत्ता की राजनीति में धर्म का इस्तेमाल करने का हमारा संविधान इजाजत नहीं देता। हम एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हैं। हमारे यहां सभी धर्म का समान रूप से आदर है और सरकार सभी धर्म को समान रूप से फल में फूलने का इजाजत देती है । लेकिन आज सत्ता की लालच सारी संवैधानिक मर्यादाओं , लोकतांत्रिक अधिकारों , धमावलंबियों के दायित्वों को ताक पर रख कर धर्म की ठेकेदारी संघ और भाजपा अपने हाथों में लेकर लोगों के अंदर राम भक्ति का लाभ लेने का काम कर रही है।

जबकि सुप्रीम कोर्ट और धर्म गुरुओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्तव्य और अधिकार का बोध करा दिया है। फिर भी इनके द्वारा निमंत्रण बांटा जा रहा है। जो संविधान के दायरे में बात कर रहे हैं। उनको धर्म विरोधी साबित किया जा रहा है।

अजीब विडंबना है जो राज सत्ता के लिए धर्म को भुना रहे हैं। वहीं लोग धर्मालु भक्तों की उपेक्षा कर रहे हैं और उन्हें राम भक्त नहीं होने का प्रमाण पत्र भी बांट रहे हैं।

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