गाधी मैदान में प्रभारी मंत्री ने किया झंडारोहण 

गाधी मैदान में प्रभारी मंत्री ने किया झंडारोहण

जे टी न्यूज़, गया : गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर गांधी मैदान में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में माननीय मंत्री, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग सह प्रभारी मंत्री गया जिला मो० इसराइल मंसूरी द्वारा झंडोत्तोलन करते हुए जिलावासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामना दिया गया है।मंत्री ने जिलावासियों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान, आध्यात्म एवं मोक्ष की पावन भूमि गया को नमन करते हुए गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज सभी जिलावासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। देश के अमर शहीदों,

 

देश के महापुरूषों, कर्णधारों एवं देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने वाले महापुरुषों को शत-शत नमन है। गणतंत्र दिवस के पावन दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, पं० जवाहरलाल नेहरू, डॉ० भीमराव अंबेडकर, डॉ० राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, स्व० अनुग्रह नारायण सिंह, जगदेव प्रसाद, सुखदेव प्रसाद वर्मा, सरदार मतुफुर रहमान, राय बागेश्वरी प्रसाद, भट्टू महतो, स्वतंत्रता सेनानियों, विशेषकर इस जिले के महान विभूतियों तथा अपने प्राणों की आहुति देकर स्वतंत्रता दिलाने वाले अन्य सभी अमर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।जिन्होंने अपने बलिदान एवं अथक परिश्रम के बल पर देश को आजाद कराया तथा भारत के संविधान का निर्माण किया गया है। भारत का संविधान विश्व का अनूठा संविधान है, जिसमें लचीलापन तथा लोक कल्याणकारी एवं समानता का सिद्धांत निहित है।जिलावासियों, आपको बताते हुए हमे प्रसन्नता हो रही है कि गया जिला के जिला पदाधिकारी डाॅ॰ त्यागराजन एस॰एस॰ के नेतृत्व में जिले में एक विशेष पहल श्रवण श्रुति कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, जिसमें अब तक जिले के 0-6 वर्ष तक के कुल 3 लाख 25 हजार 911 बच्चों का बहरापन की स्क्रीनिंग की गई है। जिसमें से कुल 739 बच्चों का बेरा जाँच की गयी है। इसमें से 87 बच्चे बेरा पाॅजीटिव पाये गये। जिसमें से 39 बच्चों का सफल कोकलियर ईम्पलान्ट किया गया है एवं 652 बच्चे जो अस्थायी बहरापान नुकसान था, उन्हें दवा देकर ठीक किया जा चुका है। सफल ऑपरेशन के बाद निःशुल्क स्पीच थेरेपी दिया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग द्वारा आसमा कार्यक्रम के तहत मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से 9g/डीस्मील से कम हीमोग्लोबिन वाली गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त आयरनयुक्त आहार, IFA गोली के सेवन एवं खान-पान में व्यवहारगत परिवर्तन लाकर स्वास्थ्य विभाग, आई॰सी॰डी॰एस॰ एवं जीविका के सहयोग से जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम चलाया गया है। जिले के तीन प्रखंडों यथा कोंच, मानपुर एवं बोधगया के 500 गर्भवती महिलाओं को लक्षित कर तीन महीने तक अभियान चलाकर प्रगति पायी गयी है।

जिलेवासियों, गया जिले के 30 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 446 स्वास्थ्य उपकेन्द्र एवं 8 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कुल 484 हेल्थ वेलनेस सेंटर शुरू किया गया है।जिले के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में E-Telemedicine की सुविधा शुरू की गई है, जिसके माध्यम से में सी॰एच॰ओ॰,ए॰एन॰एम॰ द्वारा अपने क्षेत्र के मरीजों का बेहतर ईलाज हेतु चिकित्सक से परामर्श E-Telemedicine के माध्यम से करायी जा रही है। यह सुविधा प्रत्येक सोमवार से शनिवार को दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 02 लाख 95 हजार 2 सौ 97 परामर्श दिया गया है।जिलेवासियों, राज्य सरकार द्वारा पर्यटक को बढ़ावा देने के उद्देश्य तथा धार्मिक दृष्टिकोण से गया जी डैम के अभिन्न कार्य अंतर्गत 700 मीटर लंबी माँ सीता पथ सहित चहारदीवारी का निर्माण कार्य सम्पन्न कराया गया है। इसके अलावा फल्गु नदी के दोनों तट पर 50 मीटर का दो अदद् तथा बाएँ तट पर अवशेष 185 मीटर लंबी सीढ़ी घाट का निर्माण कराया गया है। साथ ही दाएँ तट के अन्दर दूषित जल निकास हेतु लगभग 750 मीटर लंबी एकीकृत दूषित जल निकासी का कार्य सम्पन्न किया गया है। इसके अलावा माँ सीता पथ के संरक्षित 700 मीटर लंबी दिवार पर माँ सीता के जीवन पर आधारित भारत के सबसे लंबी मिथिला पेन्टिंग का कार्य आसन्न पितृपक्ष मेला को दृष्टिगत रखते हुए पूर्ण कराया गया है, जो की पर्यटन दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है।महात्मा गाँधी नरेगा अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में रिकाॅर्ड 97 लाख 59 हजार मानव दिवस सृजित किया गया है। इसके तहत् 02 लाख 64 हजार 424 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए इसमें लगभग 56 प्रतिषत महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत मनरेगा से 9.52 लाख पौधे लगाये गये हैं। जल संचय को बढ़ावा देने हेतु इस वर्ष मनरेगा अंतर्गत 264 तालाब, 809 आहर एवं 818 पईनों का जीर्णाद्धार कराया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत् सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना की सूची के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाता है। इस योजना अंतर्गत लाभुक को 03 किश्तो में 1 लाख 30 हजार रूपये दिया जाता है। वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक 2 लाख 06 हजार 97 इकाई लक्ष्य के विरूद्ध 99.99 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत् द्वितीय चरण में ‘‘सक्षम बिहार स्वावलंबी बिहार‘‘ अंतर्गत सात निश्चय -2 में लक्षित स्वच्छ गांव समृद्ध गांव के उद्देश्य से प्राप्ति के लिए ग्राम पंचायतों में खुले में शौच से मुक्ति का स्थायित्व सहित ठोस एवं तरल अपषिष्ट प्रबंधन बनाया गया है,श। जिसमें प्रत्येक घरों में कुड़ेदान वितरण, कचरे का उठाव कर अपषिष्ट प्रसंस्करण इकाई में निष्पादन करना एवं तरल अपषिष्ट प्रबंधन अंतर्गत सोख्ता, चैंबर एवं नाली आउटलेट का निर्माण कर धूसर जल का उचित प्रबंधन किया जा रहा है।

जिलावासियों, हमे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि गया जिला को आकांक्षी जिला घोषित किया गया है।जिसका तात्पर्य है कि गया जिला में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सहित विभिन्न जनोपयोगी योजनाओं का क्रियान्वयन त्वरित गति से किया जाए। जिला प्रशासन द्वारा इन योजनाओं में अच्छी उपलब्धि प्राप्त करने हेतु अग्रेसर है। जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्वागिण विकास हेतु विषेष केन्द्रीय सहायता योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2022-23 तक कुल-121 योजनाओं को विभिन्न प्रक्षेत्रों में विकास हेतु कार्य किया जाना है, जिसमें 81 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष योजना क्रियान्वित की जा रही है। मुख्यमंत्री निश्चय योजना पार्ट -2 के अन्तर्गत गया जिला में पंचायती राज विभाग द्वारा चयनित एजेन्सियों द्वारा 89 पंचायतों के 346 वार्डों में कुल 3 हजार 4 सौ 11 सोलर स्ट्रीट लाईट का अधिष्ठापन किया जा चुका है। शेष पंचायतों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य प्रगति पर है। 90 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है। साथ ही सभी पंचायत सरकार भवन में आरटीपीएस सेवाऐं दी जा रही है। सभी ग्राम पंचायतों में पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत पंचायत सचिव, कार्यपालक सहायक एवं डाटा इन्ट्री ऑपरेटरों द्वारा आरटीपीएस काउंटर के माध्यम से सरकारी कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं।

इस वर्ष पहली बार जिला पदाधिकारी, गया द्वारा बौद्ध महोत्सव 2024 के अवसर पर कालचक्र मैदान में ग्राम पंचायत दर्षन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत 51 पंचायतों के कार्यों का प्रस्तुति किया गया है।

राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही है। इसके अंतर्गत अनुसूचित जाति,जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति,जनजाति छात्रावास अनुदान योजना, छात्रावास खाद्यान्न आपूर्ति योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति उद्यमी योजना, सिविल सेवा योजना, महादलित सामुदायिक भवन का निर्माण इत्यादि। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के अंतर्गत इस वित्तीय वर्ष में लगभग 4 करोड़ रूपये का वितरण कुल-593 पीड़ितों के बीच किया गया है।

गया जिले में 3 हजार 2 सौ 37 हे० कृषि योग्य बंजर भूमि है। जिला प्रषासन के द्वारा की गयी पहल से लगभग 100 एकड़ में लेमनग्रास लगायी गयी थी। किसानों को लेमनग्रास के उत्पादन से अच्छी आय हो रही है। जिला प्रषासन, गया जिले के 500 एकड़ भूमि में लेमनग्रास की खेती कराने के लिये प्रयासरत है। इसी कड़ी में बाराचट्टी में 20, बाॅकेबाजार में 80 तथा गुरुआ में 40 एकड़ कुल 140 एकड़ भूमि पर वर्ष 2023-24 में लेमनग्रास लगाया गया है।तिल की खेती – गया जिले का तिलकूट पूरे भारतवर्ष में मषहूर है। पर विडम्बना है कि तिलकूट निर्माण हेतु तिल बाहर के राज्यों से क्रय करना पड़ता है। कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की पहल पर इस वर्ष गर्मी के मौसम में गया जिले के प्रत्येक प्रखंड में तिल की खेती प्रारम्भ की गयी। चयनित किसानों को उच्च गुणवत्ता के तिल बीज का प्रभेद GJT 5 उपलब्ध कराया गया है। आत्मा, गया से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये है। जिले में 600 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में तिल की बुआई की गयी है। तिल का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। किसानों को तिल फसल के रुप में एक अच्छा विकल्प मिला है। आनेवाले दिनों में गया जिले में तिल क्रांति आयेगी। इससे किसानों के आर्थिक स्थिति अच्छी होगी।जीविका गया जिले के सभी 24 प्रखंडों के प्रत्येक पंचायतों में सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। वर्तमान समय में जिले में 5 लाख 48 हजार 9 सौ 43 परिवार जीविका दीदियों के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़े हुए है। विभिन्न बैंकों में जीविका दीदियों के 45 हजार 6 सौ 59 स्वयं सहायता समूहों का बचत खाता खुल चुका है, जिसके माध्यम से 25 करोड़ रुपये से अधिक राशि की बचत की है। इनमे से 42 हजार 4 सौ 97 समूहों को कुल 65 करोड़ रुपए से अधिक की परिक्रमा निधि उपलब्ध करवायी गयी है। जीविका दीदियों का वित्तीय समावेशन होने से बैंको तक उनकी पहुँच बढ़ी है। साथ ही स्वयं सहायता से सरला ऋण की सुविधा से उनके लिए स्वरोजगार के अवसर बढे हैं। आज अनगिनत जीविका दीदियाँ आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते हुए दीदियाँ गरीबी के दुष्चक्र से बहार निकलना दूसरों को प्रेरणा दे रही हैं। जिले में 9 हजार 5 सौ 37 परिवारों को अतिनिर्धन परिवारों जिसमें पूर्व में पारंपरिक रूप से ताड़ी एवं शराब के उत्पादन एवं बिक्री से जुड़े शामिल हैं, को सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से वैकल्पिक जीविकोपार्जन गतिविधियों से जोड़ लाभ पहुँचाया जा रहा है, इसमें बकरी पालन, मुर्गी पालन, किराना एवं श्रृंगार दुकान, नाश्ता दुकान एवं अन्य लघु व्यवसाय शामिल है। इन दीदियों में ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों की संख्या 4 हजार 746 है। जीविकोपार्जन के साथ अपना आवास, पेयजल, बच्चों की शिक्षा, बैंको से जुड़ाव, सामाजिक सुरक्षा बीमा, आदि विभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुँच द्वारा जीविका-एसजेवाई दीदियों को स्वावलंबी किया जा रहा है। स्वरोजगार की विभिन्न गतिविधियां द्वारा इन परिवारों को अपना जीवन बेहतर करने में मदद मिल रही है।जिले में अल्पसंख्यक कल्याणकारी योजनाओं का तेजी से क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके तहत् मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना अंतर्गत बिहार विद्यालय परीक्षा समिति उच्चतर माध्यमिक पटना से इंटरमीडिएट प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण अल्पसंख्यक मुस्लिम छात्राओं को 15 हजार तथा मौलवी के छात्र,छात्राओं को 10 हजार एवं 15 हजार की राशी प्रति छात्र,छात्रा की दर से प्रोत्साहन राशी दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 02 करोड़ 99 लाख 10 हजार की राशी छात्रों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किया जा रहा है।

जिले में सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष कुल 04 लाख 29 हजार 976 पेंशनधारियों को विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ माह दिसम्बर, 2023 दिया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना के तहत् 205 कृत्रिम अंग उपकरण का वितरण किया गया है। बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना के तहत् 493 लाभार्थियों को 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से दिसम्बर, 2023 तक DBT द्वारा भुगतान किया गया है।बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 बिहार राज्य में जून, 2016 से लागू है। इसके तहत् गया में जिला स्तर पर एवं सभी अनुमण्डल स्तर पर लोक शिकायत निवारण का कार्यालय अलग से कार्यरत है। इस अधिनियम के तहत् बिहार के सभी निवासी को अपनी शिकायतें का निवारण कराने का अधिकार प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत् बच्चे के जन्म पर 2,000 रूपये एवं कन्या के एक वर्ष पूर्ण होने तथा आधार पंजीकरण कराने पर 1,000 रूपये की राशि मुहैया करायी जाती है। इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 13 हजार 8 सौ 67 लाभुकों को पंजीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को 3 किस्तों में 5,000 रूपये की राशि उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत् वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 हजार 07 सौ 74 लाभुकांे को पंजीकृत किया गया है।उन्होंने जिलावासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज आवश्यकता है कि आपस में प्रेम, भाईचारा, एकता एवं सदभाव कायम रहे। देश के लोग एक दूसरे के धर्मो, भावनाओं तथा कामों का आदर करें तथा सहयोग करें। हमारे युवाओं, किसानो, श्रमिकों, वैज्ञानिकों, पदाधिकारियों, व्यवसायीवर्ग, जनप्रतिनिधियों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं, खिलाड़ियों पुरूषों सभी को एक दूसरे को सहयोग करते हुए काम करना होगा तभी हम एक विकसित राष्ट्र बना सकेंगे। इसके पूर्व मंत्री द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया है। परेड में शामिल एएसपी, बीएमपी, डीएपी (पुरुष), डीएपी महिला, सीआरपीएफ, एसएसबी, दंगा निरोधी दस्ता, गृह रक्षक, एनसीसी सीनियर विंग, अग्नि दस्ता तथा क्रेन स्कूल के बैंड पार्टी के छात्र-छात्राएं थे। झंडोत्तोलन के समाप्ति के उपरांत विभिन्न विभागों द्वारा शिक्षाप्रद जनसरोकार से जुड़े आकर्षक झांकी का प्रदर्शन किया गया, जो मुख्य मंच से होते हुए गया शहरी क्षेत्र में घुमाया गया, जिनमें आईoसीoडीoएसo, डीoआरoडीoएo, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग, जीविका, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सामाजिक सुरक्षा, प्राण संस्था तथा स्वास्थ्य विभाग की झांकियां शामिल है।

इस अवसर पर परेड में अच्छे प्रदर्शन करने वाले पलाटून्स के लीडर को सम्मानित मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया है।

इस पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन रचना मिश्रा और शिवेंद्र कुमार मालवीय द्वारा किया गया है।

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