कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने विश्वविद्यालय की ओर से एक शोक-संदेश पढ़ा

कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने विश्वविद्यालय की ओर से एक शोक-संदेश पढ़ा

जे टी न्यूज़, मधेपुरा(डा. रूद्र किंकर वर्मा) : प्रो. अमरनाथ के निधन से हमने एक विद्वान प्राध्यापक, कर्मठ प्रशासक और शिखर समालोचक को खो दिया है यह न केवल हमारे विश्वविद्यालय के लिए, वरन् संपूर्ण बदेश एवं राष्ट्र को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। वे आज सशरीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार एवं कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालूनगर, मधेपुरा के ग्यारहवें कुलपति प्रो. (डॉ.) अमरनाथ सिन्हा की आत्मा की शांति हेतु मंगलवार को अपराह्न 3 बजे से कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में कुलपति कार्यालय के सामने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है।

इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने विश्वविद्यालय की ओर से एक शोक-संदेश पढ़ा।‌ उन्होंने बताया कि प्रो. सिन्हा का 18 फरवरी, 2024 (रविवार) को मुबंई में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। एकमात्र पुत्र शिशिर रंजन सहित भरापूरा परिवार और हजारों प्रशंसक छोड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रो. अमरनाथ 02 अगस्त, 2001 से 01 अगस्त, 2004 तक बीएनएमयू के कुलपति रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय को यूजीसी के 2 (एफ) एवं 12 (बी) से मान्यता दिलाने में महती भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा है कि प्रो. अमरनाथ के निधन से हमने एक विद्वान प्राध्यापक, कर्मठ प्रशासक और शिखर समालोचक को खो दिया है। यह न केवल हमारे विश्वविद्यालय के लिए, वरन् संपूर्ण बदेश एवं राष्ट्र को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। वे आज सशरीर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार एवं कार्य हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। कार्यक्रम के अंत में सबों ने दो मिनट का मौन रखकर प्रो. सिन्हा की आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना  और कार्यक्रम के उपरांत उनके सम्मान में सभी कार्यालयों में छुट्टी दे दी गई।

उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि प्रो. सिन्हा के एकमात्र पुत्र शिशिर रंजन को डाक से विश्वविद्यालय का शोक-संदेश भेजा जाएगा। ‌इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. नवीन कुमार, कुलानुशासक डॉ. बी. एन. विवेका, प्रो. उषा सिन्हा, डॉ. राणा सुनील सिंह, सहित कई शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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