यादवों के गढ़ निवासी प्रो.अखिलेश कुमार पर आरजेडी की नजर अररिया लोकसभा क्षेत्र से लड़ेंगे पूर्व डीएसपी सह पटना साइन्स कॉलेज के
यादवों के गढ़ निवासी प्रो.अखिलेश कुमार पर आरजेडी की नजर
अररिया लोकसभा क्षेत्र से लड़ेंगे पूर्व डीएसपी सह पटना साइन्स कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अखिलेश कुमार
जे टी न्यूज़, पटना(डा. रूद्र किंकर वर्मा) : अररिया सीट इंडी गठबंधन में राजद के कोटे में गया है। यहां भाजपा अपने निवर्तमान सासंद प्रदीप कुमार सिंह को टिकट देकर उनके ऊपर दाव खेला है। इस बार बैरिस्टर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम यहां अपना उम्मीदवार नहीं देगी। ऐसे में इस सीट को निकालने के लिए राजद सोच समझकर जानबूझ कर सिंबल वितरण करने में देर कर रहा है। राजद को मालूम है कि यहां अच्छा उम्मीदवार दिया जाए तो माय/बाप समीकरण की बदौलत भाजपा की यह सीट छीना जा सके। यूं तो इस सीट के लिए राजद परिवार से हीं कई दावेदार राजद सिंबल पाने के लिए बेचैन नजर आ रहे हैं जिनमें पूर्व सांसद सरफराज आलम, पूर्व मंत्री सह जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के विधायक शाहनवाज आलम, युवा राजद नेता मंजर खान, अति पिछड़ा अररिया जिला से आने वाले वंचित मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सिकटी से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रहे राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. शत्रुघ्न मंडल आदि का नाम लोगों की जुबां पर है।
मुस्लिम और यादव मत की बहुलता को देखते हुए राजद की नजर पूर्व डीएसपी सह पटना साइन्स कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अखिलेश कुमार पर भी है। सूत्र बताते हैं कि नरपतगंज सीट से यादव का थोक में मत भाजपा को अभी भी मिलता है। यदि राजद यादव से उम्मीदवार दे तो सिर्फ़ माय वोट से हीं सीट पर विजय पा लेगा और बाप वाला वोट रिकॉर्ड बढ़ाने में मददगार साबित होगा। ऐसे में यादवों के गढ़ नरपतगंज के भंगही पंचायत के मिल्की डुमरिया निवासी प्रो.अखिलेश कुमार पर भी राजद नेतृत्व की नजर है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की पूर्व डिप्टी सीएम सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मालूम है कि अररिया सीट पर संसदीय चुनाव के वक्त हिन्दू मुस्लिम की राजनीति हो जाती है।
बहरहाल राजद यदि मुस्लिम कार्ड पर भरोसा किया तो मुस्लिम कैंडिडेट अन्यथा अति पिछड़ा या यादव उम्मीदवार पर भरोसा जताएगा। राजद थोड़ी लेट से उम्मीदवार का घोषणा करेगी। नरपतगंज से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विगत विधानसभा चुनाव लड़ने वाले पूर्व डीएसपी डॉ अखिलेश कुमार ने भंगही पंचायत के मिल्की डुमरिया स्थित अपने पैतृक निवास पर चुनाव उपरांत अपने समर्थकों के साथ एक समीक्षा
से वह घबराने वाले नही है और ना ही वह मैदान छोड़ने वाले हैं बल्कि वह पूरे शिद्दत के साथ क्षेत्र में रहकर क्षेत्र के विकास के लिए प्रयत्नशील एवं लोगों की समस्या को अपने सामर्थ्य के अनुसार दूर करने का प्रयास करेंगे। वहीं मौके पर उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में अररिया से चुनाव लड़ने की घोषणा करते हए हम सिर्फ चुनाव नहीं लड़ रहे बल्कि यह हमारा पूंजीवादी राजनीति के खिलाफ बड़ा संग्राम भी है
डॉ. अखिलेश कुमार सहायक प्रोफेसर, पटना साइन्स कॉलेज (पूर्व डी. एस. पी.)