ऐ फ़ोन वाला बाबू रे ऐ फ़ोन वाला बाबू

ऐ फ़ोन वाला बाबू रे ऐ फ़ोन वाला बाबू

जे टी न्यूज, रायपुर ( छत्तीसगढ़ ):
मैंने उसे जब भी देखा मोबाईल पर बात करते ही देखा है | स्कूटर भी चलाता है तो फ़ोन पर बात करते हुए चलाता है | एक हाथ से गाड़ी संभालता है एक हाथ से फ़ोन संभालता है | कभी एक्सीडेंट नहीं हुआ क्योकि ऐसे लोगो को आता देख लोग खुद रास्ते से हट जाते है | अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह स्कूटर चलाते हुए फ़ोन पर बात करता है या फ़ोन पर बात करते हुए स्कूटर चलाता है | वह दोनों काम सफ़लतापूर्वक कर लेता है | बात करना ज़्यादा ज़रूरी था तो फ़ोन पर बात कर लेता फिर स्कूटर पर जा सकता था या जाना ज़रूरी था तो स्कूटर पर चले जाता और वहां पहुच कर भी बात कर सकता था | शायद उसका बात करना और जाना दोनों बराबर का ज़रूरी होता होगा | वह जाने के लिए बात नही छोड़ सकता होगा और बात के लिए जाना नहीं छोड़ सकता होगा |

स्कूटर चलाते चलाते यह फ़ोन पर बात भी कर लेता है , किसी का नम्बर भी सर्च कर लेता है , व्हाट्सअप भी चला लेता है , फ़ेसबुक पर कमेंट भी कर लेता है , फूल पत्ती वाली फ़ोटो को लाईक भी कर लेता है | देखने वालो के लिए यह चलता फिरता सर्कस है |
इसको नाम से कोई नहीं जानता सब उसे फ़ोन वाले भय्या के नाम से ही संबोधित करते है | उसका फ़ोन प्रेम जगत भर में मशहूर है | बच्चे उसे फ़ोन चाचा और फ़ोन मामू कहते है | कोई किसी को अपने घर का पता बताते हुए कहता है फ़ोन वाले भय्या का घर पूछ लेना उनके बाजू में ही रहता हूं | किराना वाला उनका उधारी खाता फ़ोन अंकल के नाम से बनाया है |
उसका एक हाथ और एक कान फ़ोन के लिए आरक्षित है | वह जिस हाथ से फ़ोन पकड़ता है उस हाथ से फिर कोई काम नहीं करता | मोहल्ले में कोई कांड हो जाये तो कोई इस पर रत्ती भर भी शक नहीं करता कि कही इस कांड में इसका हाथ तो नहीं है ? क्योकि इसका हाथ तो फ़ोन में व्यस्त रहता है | जब फ़ोन नहीं कर रहा होता है तब भी उस हाथ का इस्तेमाल दिगर काम के लिए नहीं करता मानो उसको यह हाथ दिया ही इसलिए गया है | यह इसका उसूल है , क्योकि सियासत से इसका दूर दूर का भी संबंध नहीं है इसलिए उसूल पर कायम भी रहता है | इसका फ़ोन वाला हाथ कोई और काम कर ले इसने उसे इतनी छूट दी ही नहीं है |
एक हाथ फ़ोन के लिये महफ़ूज़ है इसका यह मतलब नहीं कि दूसरे हाथ से बहुत काम करता है | जब बात नहीं कर रहा होता है तब भी फ़ोन पकड़ा ही रहता है | वह खाना भी खाता है तो फ़ोन पर बात करते करते ही खाता है | खाने में एक ही हाथ का इस्तेमाल करता है | सरकारी महकमे का आला अफ़सर तो है नहीं जो दोनों हाथ से खाते है |
दफ्तर के कागज़ात पर दस्तखत भी फ़ोन पर बात करते करते ही करता है | धनियां , मिर्ची , आलू गोभी फ़ोन पर बात करते हुए ही खरीदता है | पत्नी कहती है दो प्यार की बाते मेरे से भी कर लो तो कहता है आफ़िस पहुच कर करता हूं | दबी दबी आवाज़ में तो यह भी सुना गया है कि सुहागरात में इसने दुल्हन का घुंघट भी एक ही हाथ से उठाया था फोन पर किसी से बात करते करते | इसकी सुहागरात में बहुत गड़बड़ झाला हुआ था | यह फ़ोन पर कुछ कहता तो दुल्हन समझती मेरे को बोल रहे है और दुल्हन को कुछ बोलता तो जो फ़ोन पर है वह समझता मेरे को बोल रहा है |


जब भी सड़क से फ़ोन पर बात करते हुए गुज़रता है टेंशन में ही रहता है | किसी को डांटता ही रहता है | लाखो की ही बात करता है , फ़ार्म हाउस की बात करता है , कार के नये माँडल की ही बात करता है | खरी खरी सुनाता है | फ़ोन पर यह कंगना रनौत हो जाता है | उसको फ़ोन पर बात करते हुए देखने के लोग इस कदर आदि हो गए है कि कभी बिना फ़ोन के सामने आ जाता है तो कोई उसको पहचान नहीं पाता है | रोज़ मिलने वाले भी ध्यान से देखते हुए पूछते है – आप कौन ? तब वह फ़ोन निकाल कर कान पर लगाता है तब सामने वाले कहता है अरे आप है | एक बार फ़ोन ख़राब हो गया था तो उस दिन एक हाथ गाल पर रख कर एक हाथ से स्कूटर चला रहा था | कहता है दोनों हाथो से गाड़ी चलाना जमता ही नहीं है |
इसका फ़ोन वाला हाथ हमेशा विघटनकारी शक्तियों की तरह सक्रिय और दूसरा हाथ लोक कलाकारों की तरह उपेक्षित रहता है | ये बाबू साहब उन कामो को बहुत कम करते है जिसमें दोनों हाथो की ज़रूरत होती है | जब तक मोबाईल चार्ज रहता है तब तक ये जनाब शेविंग , कटिंग और नहाने जैसे कामो को अंजाम नहीं देते है |
घर में मेहमान आते है तो ये उनसे ज़रा भी बात नहीं करते है | हां हूं से ज्यादा कुछ नही बोलते | सारी बाते पत्नी ही करती है | मेहमान के चले जाने के बाद उनसे फ़ोन पर घंटो बतियाते है | ये बच्चो की वही डिमांड़ पूरी करते है जो बच्चे फ़ोन पर करते है | फ़ोन को कान पर लगाये सड़क पर ऐसे चलते है मानो फ़ोन ही इन्हें रास्ता बता रहा हो |
इनकी पत्नी ने अपनी सहेली को बताया कि मेरे पति तो चौबीस घंटे फ़ोन पर ही बात करते है तो यह सुन कर सहेली ने आश्चर्य से पूछा – तो फिर लड़ते कब हो ? घर वाले फ़ोन पर कम बात करने की बात कहते तो ये घरेलू हिंसा पर उतर आता | मियां बीवी में कितना भी झगड़ा हो जाए बीवी को इस बात का इत्मीनान रहता था कि जब तक इनके एक हाथ में फ़ोन है ये दोनों हाथ से मेरा गला नहीं दबा सकते |


फ़ोन ही इसके जीने का सहारा है | एक बार सख्त बीमार हुए और इन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा तो डाक्टर ने कहा – अभी कुछ दिन फ़ोन से दूर रहिये | यह सुनते ही ये अस्पताल से यह कहते हुए निकल गए कि जिस अस्पताल में फ़ोन का परहेज़ बताया जाए मेरे को वहां अपना ईलाज नहीं करवाना है |
सिर्फ़ और सिर्फ़ फ़ोन रोग के कारण ये वो काम जो दोनों हाथो के बिना हो ही नहीं सकता उसको भी एक हाथ से करते है | ये अल्लाह से एक ही हाथ उठा कर दुआ मांगते है कि या अल्लाह कब तक एक डिज़ाईन का आदमी बनाता रहेगा ? अब ढांचे में बदलाव कर और नये आदमी को तीन हाथ और तीन कान लगा कर भेज ताकि दुनियां के काम बदस्तूर चलते

Back to top button