आम आदमी की जान लेने का सरकारी षडयंत्र जारी है – अप्पन पार्टी
आम आदमी की जान लेने का सरकारी षडयंत्र जारी है – अप्पन पार्टी

जे टी न्यूज, नई दिल्ली: बंगाल में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ बर्बरता और नृशंस हत्या के विरोध में जारी चिकित्सकों के हड़ताल के कारण देश भर में चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मगर सरकार के उच्चकोटि की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा का दावा भी जुमला ही सिद्ध हो रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है देश की राजधानी स्थित सुप्रसिद्ध राम मनोहर अस्पताल एवं कॉलेज। जहां न्यूरो मेडिसिन के डॉक्टर समय पर आकर मरीज को देखना शुरू तो कर देते हैं, लेकिन अस्पताल के सहायक कर्मी जो डॉक्टरों के एडवाइस की पर्ची बनाते हैं, वे ही समय पर नहीं आते। इसके कारण मरीजों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं जगह-जगह पर तैनात किए गए सुरक्षाकर्मी और अन्य अस्पताल कर्मी दूर दराज से ईलाज केलिए आये मरीजों व उनके परिजनों को सही-सही नहीं बता पाते हैं कि उन्हें कहां और किधर जाना है। इसका मुख्य कारण है कि उनका ड्यूटी प्रत्येक दिन इधर से उधर होते रहता है। फलत: घंटो घंटो मरीज व उनके परिजनों को इधर से उधर भटकना पड़ता है। एक तरफ सरकार द्वारा दवाओं के मुल्य नियंत्रण संबंधित कोई कठोर कानून या सक्षम नियामक नहीं होने से महंगी दवा नहीं खरीद पाने के कारण सैकड़ो मरीज काल कवलित हो जाते हैं, दूसरी तरफ शेष मरीज कर्मचारियों के असहयोग के कारण भटकते रहते हैं।
इतना ही नहीं केंद्र सरकार द्वारा संचालित देश की नामचीन चिकित्सा संस्थान ऑल इंडिया इन्स्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) में भी इन दिनों हड़ताल के कारण किसी प्रकार का पर्चा नहीं कट रहा है। चाहे मरीज आम आदमी हो, या लोकसभा, राज्यसभा सदस्य के अनुशंसा पर आया हुआ हो। बीमारी से परेशान मरीजों के पास किसी चमत्कार या मौत का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। यह तो सरकार की हठधर्मीता ही है कि, चिकित्सकों को सुरक्षा की गारंटी और दोषी को कठोर दंड देने का मार्ग प्रशस्त कर उन्हें मनाने के बजाय टी एमसी सरकार को घेरने में व्यस्त है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अप्रत्यक्ष रूप से आम लोगों को जान मारने का सरकरी षडयंत्र है चिकित्सको का हड़ताल जो विगत 12 दिनों से जारी है।


