बच्चों को शिक्षा के महत्व व लाभ की जानकारी दी गई किशोर किशोरी में भेद-भाव नही करनी चाहिए

किशोर -किशोरी को समान रूप से शिक्षा देने अभिभावकों का कर्तव्य -

बच्चों को शिक्षा के महत्व व लाभ की जानकारी दी गई

किशोर किशोरी में भेद-भाव नही करनी चाहिए

किशोर -किशोरी को समान रूप से शिक्षा देने अभिभावकों का कर्तव्य –

जे टी न्यूज, खगड़िया :गोगरी प्रखंड के पसराहा पंचायत अंतर्गत लक्ष्मीनिया ग्राम में उप सरपंच अंशु भारती व पंच डब्लू कुमार के उपस्थिति में व गौछारी पंचायत के गौछारी ग्राम में आँगनवाड़ी सेविका नूतन कुमारी व प्रेमलता कुमारी के उपस्थिति में ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड जागृति प्रोजेक्ट के तहत अक्षरा सेशन में अभिभावकों व समुदाय को 10 से 19 वर्ष के किशोर- किशोरियो को शिक्षा जारी रखने के महत्व, लाभ, शिक्षा प्राप्त करने में चुनौतिया, स्कूल छोड़ने के कारण, बाल विवाह रोकथाम, शारीरिक – मानसिक वृद्धि, सामाजिक विकास, नेतृत्वशिप, लिंग भेदभाव, जीवन कौशल, सरकारी योजनाओं की जानकारी, अनुशासन, किशोरियो को माहवारी प्रबंधन और बदलाव पर विस्तारित रूप से प्रेरक पाण्डव कुमार द्वारा पसराहा पंचायत में व चम्पा रॉय द्वारा गौछारी में प्रशिक्षण दी गई।
पांडव कुमार ने अभिभावक व समुदाय से सेशन के माध्यम से अपील किये की बच्चों की शिक्षा कम से कम 19 वर्ष तक अवश्य जारी रखे। विधालय जाने के मार्ग मे सभी अवरोध व चुनौतीयों को मिलकर सामना करने का प्रयास करे। जब बच्चे पढ़ेंगे तभी परिवार विकास करेगा। हम बच्चों मे शिक्षा के साथ साथ सामाजिक ज्ञान भी देने का काम करे। बेटियां पढ़ेगी तो आत्म निर्भर बन सकती हैं।

 

वही उप सरपंच प्रतिनिधि अंशु भारती ने कहा किशोर व किशोरी का शिक्षा न रुके इसके लिए अक्षरा सेशन विधालय में किशोर किशोरियो व शिक्षकों के बिच व गाव में अभिभावक व समुदाय के बिच प्रेरक के द्वारा दी जा रही है। सेशन में शिक्षा के लाभ, महत्व और रूकावट कैसे दूर कि जाए प्रशिक्षण दी गई है और आगे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि किशोर किशोरी के शिक्षा में अधिक रूकावटी संसाधनों का निदान समुदाय व अभिभावक कर सकते है। इसलिए उन्हे जागरूक करने के उदेश्य से उनके बिच भी सेशन किया जा रहा है। किशोर किशोरी में भेदभाव न कर समान अवसर देकर शिक्षा में बढ़ावा देनी चाहिए। जब बेटी पढ़ेगी तभी परिवार का सम्पूर्ण विकास होगा।

चम्पा रॉय ने बताया की बच्चों का प्रथम गुरु अभिभावक व समुदाय होते है। इसलिए हमारी जिमेदारी है की बच्चों में अच्छी शिक्षा के साथ साथ व्यवहारिक व सामाजिक ज्ञान भी देनी चाहिए। बिना लिंग भेद किये। बाल विवाह रोकथाम करनी है इससे महिलाओ का विकास अवरुद्ध होता है।

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