विकसित राष्ट्र के निर्माण में छात्रों की भूमिका अहम – कुलपति छात्रों द्वारा रामेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय में गुरुसम्मानोउत्सब कार्यक्रम का हुआ आयोजन

विकसित राष्ट्र के निर्माण में छात्रों की भूमिका अहम – कुलपति
छात्रों द्वारा रामेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय में गुरुसम्मानोउत्सब कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जे टी न्यूज, मधुबनी(विष्णुदेव सिंह यादव) : शिक्षकों के समर्पण,उनके योगदान और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी महती भूमिका को सम्मान देने का अवसर है यह शिक्षक दिवस। विकसित राष्ट्र के निर्माण तभी संभव है जब भारत के युवाओं का सर्वांगीण विकास होगा। यह तभी संभव जब हम उत्तम शिक्षा का प्रबंध कर उन्हें आचरणवान बनाएंगे। ये बातें महरानी अधिरानी रमेश्वलता संस्कृत महाविद्यालय, दरभंगा के सभागार में छात्रों द्वारा आयोजित गुरुसम्मानोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केएसडीएसयू के कुलपति प्रो.लक्ष्मीनिवास पाण्डेय ने कही। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा अपने गुरु के सम्मान में इस तरह का ऐतिहासिक कार्यक्रम के आयोजन से अभिभूत हूं। प्रो.पाण्डेय ने शिक्षक दिवस की आवश्यकता, उपयोगिता एवं वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता को वर्णन करते हुए छात्रों के समक्ष शास्त्रीय शब्दों का उपस्थापन कर परस्पर संवाद स्थापित किये। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि केएसडीएसयू के कुलसचिव डॉ.ब्रजेशपति त्रिपाठी ने कहा कि आज का यह सम्मान गुरु शिष्य संबंध को और दृढ़ता प्रदान करेगा। इन्होंने छात्रों से कहा कि अपने जीवन काल में नैतिक एवं चारित्रिक क्षरण कभी नहीं हो यह हमेशा याद रखना चाहिए। सच्चरित्र के द्वारा ही समाज में हम अपना कीर्ति ध्वज स्थापित कर सकते हैं। अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डा.दिनेश झा ने कहा शिक्षा के माध्यम से ही सामाजिक परिवर्तन सम्भव हो सकेगा। इसके लिए जीवन में अनुशासन की महत्ता है। आज का यह गुरुसम्मानोत्सव अग्रिम पीढ़ियों के लिए पाथेय होगा। महाविद्यालय के व्याकरण प्राध्यापक डॉ.रामसेवक झा ने कहा कि प्राचीन काल से ही गुरुओं का शिष्यों के जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है । गुरुओं से मिला ज्ञान एवं मार्गदर्शन से ही उन्हें चरमोत्कर्ष तक पहुंचाता है। आवश्यकता है श्रद्धा,निष्ठा एवं समर्पण की भावना से उसे ग्रहण करने की ।

महाविद्यालय के छात्रों के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत राधारमण झा एवं जयंत कुमार झा के वैदिक मंगलाचरण से हुआ। मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन हुआ। रोहित कुमार झा, चंदन कुमार झा एवं  अमित कुमार झा के लौकिक मंगलाचरण के बाद गुरु पूजन आयोजित की गई। जिसमें छात्रों ने सभी शिक्षकों को क्रमशः अक्षत,चन्दन पुष्प आदि से पूजन कर मिथिला के पाग चादर , पुष्पगुच्छ एवं शिक्षक सम्मान स्मृति चिन्ह से राधारमण झा, सत्यम कुमार, जयंत कुमार झा, रोहित कुमार झा, अमित कुमार झा,चन्दन कुमार झा,मुकुन्द तिवारी, काजल कुमारी ने प्राध्यापकों को सम्मानित किये । आगत अतिथियों के सम्मान में स्वागत गान अंकित कुमार झा ने प्रस्तुत किया। इसके बाद जयंत कुमार झा आदित्य कुमार झा, आयुष मिश्र,अमित शाह कुमार, सौरभ कुमार झा आदि छात्रों ने शिक्षक दिवस के महत्व पर अपने अपने विचार प्रकट किये। कार्यक्रम में प्राध्यापक डॉ.पवन कुमार झा, डॉ.ममता पाण्डेय, डॉ.रामसेवक झा, डॉ.मैथिली कुमारी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ.मुकेश प्रसाद निराला, प्रियंका तिवारी के अलावा दर्जनों छात्र -छात्राएं उपस्थित थे।


कार्यक्रम का संचालन संचालन छात्र मदन मोहन झा एवं धन्यवाद ज्ञापन राधारमण झा ने किया। कार्यक्रम के अन्त में रमेश्वरलता संस्कृत महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ.शिवाकांत पाठक के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित दी गई। राष्ट्रगान से कार्यक्रम की समाप्ति हुई।

 

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