आरोग्य सेतु एप के माध्यम से आप कर सकते हैं अपना सेल्फ एसेसमेंट:- वैज्ञानिक डॉ० सुनीता।

राजेश कुमार

खोदावंदपुर/बेगूसराय:- भारत सरकार के द्वारा बनाये गये आरोग्य सेतु एप के माध्यम से आप अपना सेल्फ एसेसमेंट कर सकते हैं. इससे आप कोविड-19 से संक्रमित हैं या नहीं, की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसकी जानकारी देते हुये कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के वरिय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सुनीता कुशवाहा ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के तत्कालिक कुछ लक्षणों मिल सकते हैं. इसमें पहले आपको ऐप में जाकर रजिस्टर्ड करना होगा. तत्पश्चात आपसे कुछ प्रश्न पूछे जायेगें. जिसके माध्यम से आपको कोविड-19 जैसी संक्रमण से फैलने वाली बीमारी से कैसे अपना बचाव और किस प्रकार से अन्य लोगों को भी बचा सकते हैं. स्मार्टफोन में ऐप डाउनलोड करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि किस प्रकार सोशल दूरी और फसल की कटाई तथा कई गुड़ाई सब्जी में सिंचाई करते समय किस तरीके से आपको मेंटेन करना है. वैज्ञानिक डॉ कुशवाहा ने कोविड-19 पर किसानों के अलावे आम जनों को भी विशेष ध्यान रखने की बात कहीं, ताकि यह बीमारी एक दूसरे से नहीं फैले. भारत सरकार ने पूरे देश में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.तथा वैज्ञानिक विनिता कश्यप, विवेक कुमार खरे, डॉ मुकेश कुमार आदि ने भी अपने स्तर से वाट्सएप ग्रुप या मोबाइल के जरिये प्रचार- प्रसार कर किसानों को जागरूक करने में जुट गये हैं।

बारिश की संभावना नहीं, किसान सब्जी की फसल में करें सिंचाई।
खोदावंदपुर। अगले चार दिनों तक बारिश होने की कोई संभावना नहीं है. किसान अपने खेतों में लगाये गरमा भिंडी की फसल का सिंचाई कर सकते हैं. इसके अलावे जो किसान गरमा लतर वाली फसल जैसे नेनुआ, परवल, कद्दू, खीरा आदि फसलों में भी आवश्यकतानुसार सिंचाई करें. इसकी जानकारी कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर की वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ सुनीता कुशवाहा ने दी.उन्होंने कहा कि इस मौसम में भिंडी रोपाई के लिये भी उपयुक्त समय है, तो किसानों अपने खेतों में भिंडी की रोपाई कर सकते हैं.तथा उक्त भिंडी की फसल मई- जून में तैयार हो जायेगी.उन्होंने बताया कि जो किसान फरवरी माह में भिंडी का रोपाई किये थे. उसमें निकायी कुड़ायी कर दें. वैज्ञानिक डॉ कुशवाहा ने कहा कि आम के पोधों में भी अब मटर साइज का टिकोला आ चुका है. किसान आम के टिकोला पर प्लेनोफिक्स नामक दवा 1 मिली 4 लीटर पानी में घोल का छिड़काव कर दें, इससे टिकोला नीचे नहीं गिरेगा. इसके साथ ही रस चूसक कीट से बचाव के लिये पानी में इमिडाक्लोप्रिड 1 मिली प्रति 3- 4 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव कर दें. अमरूद के बगीचे में नये किल्ले निकल रहे हैं. साथ में फूल भी आ रहा है.इस मौसम में अमरुद के बगीचे में भी सिंचाई कर देने की बात कहीं।

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