सेंट पाल टीचर्स ट्रेनिंग कालेज बिरसिंहपुर में बसन्त कला महोत्सव का आयोजन
सेंट पाल टीचर्स ट्रेनिंग कालेज बिरसिंहपुर में बसन्त कला महोत्सव का आयोजन

जे टी न्यूज, समस्तीपुर: बिरसिंहपुर स्थित संत पाल टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में बसंत उत्सव 25 फरवरी मंगलवार को धूमधाम से मनाया गया। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम के गीत व नृत्य के सप्तरंगी रंगों से सम्पूर्ण परिसर गुलजार रहा। वसंतोत्सव के इस आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रम में बीएड और डीएलएड के सभी प्राध्यापकों के साथ समस्त प्रशिक्षुगण उपस्थित रहे।

इस समारोह की औपचारिक शुरुआत प्राचार्या के साथ
कल्चरल कमेटी के सदस्यों ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्राचार्या डॉ रोली द्विवेदी ने आएल रितुपति राज बसंत, छाओल अलिकुल माछवि पंथ। दिनकर किरन भेल पौगड़, केसर कुसुम घएल हेमदंड’ कवि विद्यापति की प्रसिद्ध उक्ति के साथ अपने सम्बोधन की शुरुआत की और उन्होंने कहा कि जब शक्ति का विस्तार होता है तो ज्ञान की आवश्यकता और अधिक बढ़ जाती है। कल्चरल कमेटी के प्रभारी असि प्रो नरेंद्र कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि वसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा कहा गया है इस समय पीले पीले सरसों और पपीहे कि गूंज और कोयल की कुक चाहूं दिशा में गुंजायमान होने लगती है मानों प्रकृति नई नवेली दुल्हन की तरह सिंगार करती दिखती है हमारा देश उत्सवों का देश है लोक कलाओं से उत्प्रोत जो कि हमें अपनी सभ्यता संस्कृति को दर्शाती है।

डीएलएड विभागाध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस आधुनिक दौर में जहां हम अपनी विरासत को भूलते जा रहे हैं नई पीढ़ी हमारे सभ्यता संस्कृति से बहुत दूर होती जा रही है तो हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उस विरासत को फिर से जीवित करें और यह नई पीढी को प्रोत्साहित करें।इस अवसर पर संगीत प्राध्यापक रोहित कुमार के निर्देशन में प्रशिक्षुओं ने क्षेत्रीय और विभिन्न संस्कृतियों के गीत और नृत्य प्रस्तुत किये। छात्राओं की प्रस्तुति ने पूरे वातावरण को संगीतमय बना दिया। इस कार्यक्रम का संचालन श्रुति सुमन ने किया। तकनीकी सहायता नंदकिशोर कुमार ने किया। कनकप्रिया, रजनिशा, खुशी, सुषमा, शबनम, अंजली, अनिशा, ऋचा, मंजीत और अभिनव ने बढ़चढ़ कर कार्यक्रम में सहभागिता दिखाई। जिससे सभी प्रशिक्षुगण अपनी संस्कृति और भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रति आकर्षित होने का बेहतरीन माहौल बन सके।


