*बिहार का छात्र आंदोलन और बेतिया में सुशील कुमार मोदी-प्रभुराज नारायण राव*

*बिहार का छात्र आंदोलन और बेतिया में सुशील कुमार मोदी-प्रभुराज नारायण राव*

ठाकुर वरुण कुमार।

पटना::- भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के बिहार सचिव मंडल सदस्य प्रभु राज नारायण राव ने बताया है कि 16 मार्च 1974 को छात्र आंदोलन की शुरुआत बेतिया से हुई थी। एसएफआई के नेतृत्व में संयुक्त छात्र युवा संघर्ष मोर्चा, पश्चिम चम्पारण के बैनर तले हुए इस आंदोलन पर तत्कालीन एसपी राम विलास पासवान के आदेश पर 22 राउंड गोलियां चली।

इस बर्बर गोली कांड में 7 छात्र शहादत के जाम पीने को मजबुर हो गए। इस घटना के बाद लगा कर्फ्यू की समाप्ति के बाद 9 अप्रैल से निरंकुश कांग्रेस शासन के खिलाफ बेतिया में छात्र युवा संघर्ष समिति (SFI, DYF, PSU, DSO, SRC)
आदि तथा छात्र संघर्ष समिति (ABVP, SYS, NSUIO) आदि के बैनर तले महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, शिक्षा में आमूल परिवर्तन के लिए निरंकुश कांग्रेस हुकूमत को खत्म कर देश में व्यवस्था परिवर्तन के लिए धरना शुरु किया गया।

एसएफआई का स्पष्ट समझ था की जेपी के नेतृत्व में चल रहा आंदोलन मात्र सत्ता परिवर्तन का आंदोलन है। जो संगठन इस विचार से सहमत था। वे सब छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर तले थे। 18 अप्रैल तक पूरे बिहार सहित पश्चिम चम्पारण के चनपटिया, नरकटियागंज, बगहा आदि में इस धरना का विस्तार हो चुका था। उस दिन बेतिया में छात्र युवा संघर्ष समिति की तरफ से 6 स्थान तथा छात्र संघर्ष समिति की ओर से 5 स्थान पर धरना चल रहा था।

18 अप्रैल को करीब 6 बजे संध्या छात्र संघर्ष समिति के नेताओं द्वारा रात्री 8 बजे पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महासचिव सुशील कुमार मोदी की बेतिया में होने वाली बैठक में मोदी जी के आदेश पर बुलाया गया। मैं उस समय छात्र युवा संघर्ष समिति का जिला संयोजक तथा राज्य संघर्ष संचालन समिति का सदस्य भी था।

मैं एसएफआई के 17 सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ बेतिया चर्च के सामने होने वाली बैठक में भाग लेने पहुंचा। मोदी जी छात्रों को संबोधित कर रहे थे। धीरेन्द्र जी ने उनसे कहा कि एसएफआई के लोग आ गये हैं। मोदी जी अपने प्रवाह को बदलते हुए कहा कि पूरे बिहार में छात्र संघर्ष समिति के एक बैनर पर छात्र आंदोलन चल रहा है तो बेतिया में छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर पर आंदोलन चलाकर फुट क्यों डाला जा रहा है। एसएफआई भी छात्र संघर्ष समिति में ही है।

इतना सुन बीच में खड़ा हो कर बोला कि मोदी जी आप झूठ बोल रहे हैं। छात्रों को गुमराह कर रहे हैं। यह सुन दोनों संगठनों के बीच टकराव हुआ, मोदी जी को बैठ जाना पड़ा और मैं अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मोदी जी मैं आपसे बी एन कॉलेज पटना में मिल चुका हूं। उस समय आप के एक हाथ में गोगल्स और दूसरे हाथ में डायरी था। उस समय आप बेलबट्स पहने हुए थे। अभी तो आप उजला खादी का कुर्ता व पाजामा पहने हुए हैं।

बाल भी कटा हुआ है। आपसे मुझे एस एफ आई बिहार सचिव अख्तर हुसैन ने परिचय कराया था कि प्रभुराज जी हमारे पश्चिम चम्पारण के जिला मंत्री हैं और आप मुझसे हाथ भी मिलाया था। मोदी साहब ने सबके सामने स्वीकार किया। मैंने कहा कि मोदी जी रोज बिहार आकाशवाणी एवं समाचार पत्रो में आपको सब लोग सुनते रहते हैं। आप की सभी बातों को बेतिया के लोग सही मानेगे। क्योंकि यह छोटा सा जगह है। कृपया गलत नहीं बोलें।

यह कहते हुए मोदी जी के बैठक का वहिष्कार कर हमलोग वहाँ से चल दिये। दूसरे दिन मोदी को लताड़ने की खबर छात्रों में आग की तरह फ़ैल गई और छात्रों के मिलने का तांता लगा रहा।

 

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