माकपा एवं किसान सभा ने बुंडू में शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी का शहादत दिवस मनाया
माकपा एवं किसान सभा ने बुंडू में शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी का शहादत दिवस मनाया
जनमुद्दों पर संघर्ष का लिया गया शपथ शहीद कभी दफ़न नहीं होते,बीज की तरह फलते-फूलते हैं – सुफल महतो जे टी न्यूज, झारखंड: माकपा पूर्वी जिला कमिटी एवं झारखंड राज्य किसान सभा के तत्वावधान में पांचपरगना के सबसे बड़े शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी का 39 वां शहादत दिवस शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी प्रतिमा स्थल बुंडू में सम्मान पूर्वक मनाया गया एवं जनमुद्दों पर संघर्ष तेज करने का शपथ लिया गया। शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी के प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात शहीद सभा को संबोधित करते हुए माकपा झारखंड राज्य सचिव मंडल सदस्य सह झारखंड राज्य किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो ने विस्तृत रूप में उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी का किसान – मजदूरों के लिए संघर्ष एवं योगदान कभी भूलाया नहीं जा सकता, प्रख्यात किसान नेता के रूप में पांचपरगना क्षेत्र में चल रहे बड़े-बड़े किसान आन्दोलन,ठेला – परिवहन मजदूरों एवं लाह मजदूरों का शानदार संघर्षों के कारण किसान – मजदूरों में व्यापक लोकप्रियता के कारण प्रतिकृयावादियों ने होली के दिन बम मार कर हत्या कर दिया था, बुंडू में एतिहासिक शवयात्रा बुंडू कभी भूला नहीं सकता।श्री महतो ने कहां न्याय, भाईचारा केलिए, शोषण के खिलाफ हर संघर्षों से इंकलाब के रूप में शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी जिंदा रहेंगे, शहीद कभी दफ़न नहीं होते, बीज की तरह फलते-फूलते हैं। माकपा राज्य कमिटी सदस्य सह झारखंड राज्य जनवादी महिला समिति के राज्य उपाध्यक्ष रंगोवती देवी ने कहा शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी किसान मजदूरों दिलों में सदैव जिंदा रहेंगे, उनके रास्ते किसान – मजदूर आन्दोलन तेज होंगा। माकपा जिला सचिव दिवाकर सिंह मुंडा ने कहा शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी पांचपरगना किसान आन्दोलन के स्तंभ थे।इस अवसर पर जिला कमिटी सदस्य रामधन मछुवा, मंगल सिंह मुंडा, रीता स्वासी,,अंजू देवी,सोमरा मुंडा,गौराचाद मुंडा, गुरू दयाल मुंडा, गणेश बड़ाइक,लेलिन यादव,गुरूवारी देवी, बागेश्वरी देवी,बिसौला देवी, सुन्दर मनी देवी,रंभा देवी,लखी देवी,बिरसी देवी,चुडांमनी देवी, सुमित्रा देवी, पंचमी देवी, राधिका देवी,छटन देवी,जितन देवी,सरू देवी, आंजना देवी, सरिता देवी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। अध्यक्षता मंगल सिंह मुंडा ने किया। शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी अमर रहे, शहीद लक्ष्मीकांत सवांसी हम तुम्हें भूलें है न भूलेंगे, शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे आदि नारे लग रहे थे।


