आयरन और एनिमल प्रोटीन से भरपूर डाइट से हीमोफीलिया के रोगी की सेहत होगी ठीक
आयरन और एनिमल प्रोटीन से भरपूर डाइट से हीमोफीलिया के रोगी की सेहत होगी ठीक जे टी न्यूज, पटना : हीमोफीलिया के रोगी की सेहत को उचित बनाए रखने के लिए आयरन और एनिमल प्रोटीन से भरपूर डाइट लेनी चाहिए। इन्हें अपनी मील्स में चर्बी रहित लाल मांस शामिल करना चाहिए, जो रक्त क्लॉटिंग फैक्टर में मददगार साबित होता है। इसके अलावा उनके भोजन मे सी फूड और हरी पत्तेदार सब्जियों को सम्मिलित करना चाहिए। ये बातें यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन आफ इंडिया,पटना यूनिट द्वारा हीमोफीलिया विशेष विद्यालय मे आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता मे वक्ताओं ने कही। उन्होंने कहा कि हीमोफीलिया यानि एक ऐसा ब्लीडिंग डिसऑर्डर, जिसमें खून के थक्के न बन पाने के कारण ब्लीडिंग रूकने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। जिसकी समय पर देखभाल न होने पर जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। हीमोफीलिया एक दुर्लभ आनुवंशिक रक्त विकार है जो शरीर की रक्त के थक्के बनाने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह स्थिति तब होती है जब रक्त में पर्याप्त थक्का बनाने वाले प्रोटीन की कमी होती है। सीडीसी के रिसर्च के अनुसार भारत में जन्मे प्रत्येक 5,000 पुरुषों में से 1 पुरुष हीमोफीलिया से ग्रस्त है। यानि कि हमारे देश में हर साल लगभग 1300 बच्चे हीमोफीलिया के साथ जन्म लेते हैं। ये ज्यादातर पुरूषों को प्रभावित करती है। आमतौर पर लोग हीमोफीलिया ए और बी से ग्रस्त पाए जाते हैं, जो जेनेटिक डिसऑर्डर है।
वक्ताओं ने कहा कि हीमोफीलिया को इसकी आनुवंशिक प्रकृति के कारण रोका नहीं जा सकता, फिर भी उचित निवारक उपायों से रक्तस्राव की घटनाओं और जटिलताओं को कम करने में मदद मिल सकती है। हीमोफीलिया को रोकने मे है कुछ पोषक तत्व समग्र रक्त स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। आयरन,प्रोटीन, विटामिन के और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ स्वस्थ रक्त कार्य को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। इनमें पत्तेदार साग,दुबला मांस,
खट्टे फल,साबुत अनाज शामिल हैं।
यूथ हॉस्टल्स एसोसिएशन आफ इंडिया,पटना यूनिट के अध्यक्ष अभिजीत पाणडेय ने प्रतियोगिता मे शामिल बच्चों को ड्राइंग कापी, रंग बाक्स व अल्पाहार आदि प्रदान किया। पेंटिंग प्रतियोगिता के अवसर पर वन्डर विंग्स प्री स्कुल के निदेशक अम्बरीष मधुर,प्राचार्या श्रीमती अर्चना सिन्हा, शिक्षिका प्रियंका राय,बरखा व मनीषा आदि उपस्थित रहे।