“जिस नाम से कांपते थे अपराधी, अब वही नाम राजनीति में मचाएगा भूचाल”

“जिस नाम से कांपते थे अपराधी, अब वही नाम राजनीति में मचाएगा भूचाल” जे टी न्यूज, अररिया:
कभी अपराधियों के लिए खौफ और आम जनता के लिए उम्मीद की पहचान रहे पूर्व आईपीएस शिवदीप वामन राव लांडे अब वर्दी छोड़ सियासत के मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने हाल ही में सरकारी सेवा से इस्तीफा देकर अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘हिंद सेना’ की औपचारिक घोषणा की है, और इसी क्रम में वे मंगलवार को अपने सीमांचल दौरे के तहत अररिया पहुंचे।

जैसे ही उनका काफिला अररिया की सरज़मीं पर उतरा, युवाओं और समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। “हिंद सेना ज़िंदाबाद” और “शिवदीप लांडे आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं” जैसे नारों से सड़कों का माहौल जोशीला हो गया।

“अब वर्दी नहीं, जनशक्ति से होगा बदलाव” — लांडे

पत्रकारों से बातचीत में शिवदीप लांडे ने कहा, “मैंने वर्दी में रहते हुए कानून के तहत लड़ाई लड़ी। अब राजनीति के मंच से वही लड़ाई जनता के सहयोग से लड़ूंगा। ‘हिंद सेना’ न किसी जाति की है, न किसी धर्म की – ये जनता की सेना है, जनता के न्याय के लिए।”

उन्होंने कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन का वक्त आ गया है।” उनके मुताबिक हिंद सेना का विजन है —

न्याय आधारित शासन व्यवस्था

युवाओं को रोज़गार और नेतृत्व में भागीदारी

महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान

भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति

जनसंवाद से जनआंदोलन की ओर

श्री लांडे ने जानकारी दी कि ‘हिंद सेना’ आने वाले दिनों में बिहार के हर जिले में जनसंवाद यात्रा निकालेगी। इसका उद्देश्य है जनता से सीधा संवाद और उनकी समस्याओं को समझते हुए पार्टी की नीति और एजेंडा को जनआधार देना। अररिया में दिखी राजनीतिक भूचाल की झलक

अररिया में शिवदीप लांडे का जोरदार स्वागत किसी राजनीतिक लहर का संकेत माना जा रहा है। युवाओं में उन्हें लेकर खासा जोश देखा गया। विश्लेषकों का मानना है कि सीमांचल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में लांडे की छवि कठोर प्रशासक और बेदाग अफसर की रही है, जिसका असर सियासी जमीन पर भी दिख सकता है।

शिवदीप लांडे अब एक आंदोलन के नाम पर मैदान में हैं। सवाल है — क्या उनका यह अवतार बिहार की राजनीति में नई दिशा देगा, या पुरानी सियासत की दीवारें लांघने के लिए उन्हें और जनबल जुटाना होगा? लेकिन इतना तय है कि उनकी उपस्थिति अब सिर्फ पुलिस डायरी तक सीमित नहीं रहने वाली।

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