तेजस्वी यादव ने वीर कुंवर सिंह की विरासत को याद कर नीतीश सरकार पर बोला हमला नई पीढ़ी को प्रेरणा लेने की अपील

तेजस्वी यादव ने वीर कुंवर सिंह की विरासत को याद कर नीतीश सरकार पर बोला हमला नई पीढ़ी को प्रेरणा लेने की अपील जे टी न्यूज, पटना: जहानाबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने 80 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा और देश-समाज के लिए जो मिसाल पेश की, वह आज की नई पीढ़ी को प्रेरणा देती है। तेजस्वी ने कहा कि वीर कुंवर सिंह की स्मृति में 80 फीट ऊंचे घोड़े पर सवार प्रतिमा की मांग की जा रही है और यदि मौका मिला तो वे स्वयं उसका उद्घाटन करना चाहेंगे। तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि उस समय आरा यूनिवर्सिटी का नाम वीर कुंवर सिंह के नाम पर रखा गया, और कई स्मारकों का निर्माण भी कराया गया था। नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने जब 2020 में 10 लाख नौकरियों का वादा किया था तो चाचा (नीतीश कुमार) और अन्य लोग सवाल उठाते थे कि पैसे कहां से आएंगे, लेकिन सत्ता में आने पर उन्होंने लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। उन्होंने दावा किया कि गांधी मैदान में एक ही दिन में 5 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देने का काम उनकी सरकार ने किया – जो देशभर में एक मिसाल है। तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “सीएम हाउस से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर गोली चलती है, गोपालगंज में बलात्कार होता है, और सरकार कहती है कि 20 साल पहले क्या था?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि थाना, ब्लॉक या किसी मंत्री के पास काम कराने के लिए बिना घूस के कोई काम नहीं होता। बालिका गृह और सृजन घोटाले जैसे मामलों पर सरकार चुप्पी साधे रहती है।उन्होंने कहा कि “बिहार के युवा पढ़ लिख कर बेरोजगार घूमते हैं। कोई भी मुख्यमंत्री विदेश जाकर निवेश लाते हैं, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री बिहार में निवेशकों को बुलाने पर भी मीटिंग में नहीं जाते।”अपने अनुभवों को साझा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि वे 36 साल की उम्र में दो बार डिप्टी सीएम बने, दो बार नेता प्रतिपक्ष रहे, और राजनीति में आने के बाद से जोड़ने का काम करते रहे हैं, तोड़ने का नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कभी भी पांच साल तक स्वतंत्र रूप से काम करने का मौका नहीं मिला। अपने भाषण के अंत में तेजस्वी ने लोगों से अपील की कि “नई सरकार जब बने तो वह ‘नई फसल वाली सरकार’ हो जो सभी वर्गों के साथ न्याय करे।”

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