लोकनायक की पुण्य तिथि पर विनम्र श्रद्धांजल जे टी न्यूज़
लोकनायक की पुण्य तिथि पर विनम्र श्रद्धांजल
जे टी न्यूज़ : सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता जिनके नेतृत्व में दूसरी आजादी की लड़ाई लड़ी गई।इसी दरम्यान इन्हे ” लोकनायक ” कीउपाधि से अलंकृत किया गया था । आज उनकी पुण्य तिथि एवं 11 अक्तूबर जन्म तिथि है। मेरी ओर से शव्द सुमनों के द्वारा विनम्र श्रद्धांजलअर्पित
युग के नव निर्माण की
वापू के वरदान की।
जयप्रकाश केअरमानों की
यह धरती वलिदानों की ।।
इस अखंड भारतकोतुमने
खंडित होते देखा।
सोने की धरती के सुत को
वे घर होते देखा
भारत माता की आजादी
तुमने सब कुछ वार दिया।
शत -शत कोटि देशवासीके
सपनों को साकार किया ।।
तू जनता के जननायक हो
भारत माँ के परम सपूत ।
भूखे नंगे शोषित जन के
उद्धारक आकांक्षा दूत।।
ओ बिहार के परम लाड़ले!
भारत माँ के मुकुट महान।
श्रद्धा के सौ सुमन चरण में
अर्पित करता सकल जहान।।
पराधीनता की बेड़ी में
जकड़ी थी भारत- माता ।
तब तुमने नेतृत्व सम्भाला
जन-जन से जोड़ा नाता ।
मत तेरा सम्पूर्ण क्रांति
कैसे हो पूरा अरमान?
तेरे सपनों के भारत का
कैसे होगा नव निर्माण?
भोली भाली जनता से
जो मत लेकर अब ऐंठेहैं।
तेरे आदर्शो को भूले
वे अब शासक बन बैठे हैं।।
जाति-पाति सम्बन्धवाद यह
अब भी पग-पग पर छाया।
धनी-दीन के दो वर्गों में
बटी हुई मानव- काया ।।
उसी सभ्यता के रंगों मे
दिन-दिन ये ढलते जाते
भूला दिया आदर्श तुम्हारा
कुछ करते क्यों शर्माते।।
अपना उल्लू सीधा कर लें
आज सभी की चाह यही ।
फ़िर क्या अन्तर उसमें इसमें
जब परिवर्त्तन हुए नही ?
लोकनायक!अबजन्मोत्सव
आज मनना है हमको।
जयप्रकाश के ही प्रकाशसे
हमें मिटाना है तम को।।
हमें आज खंडित भारत को
फ़िर आर्यावर्त्त बनाना है।
आपके सब सपनों को तो
हमको साकार बनाना है।।
सम्पूर्ण क्रांति के प्रणेता
आज तेरा जन्म दिन प्यारा।
तानाशाह से बचाके तुम
बने सबके आँख कातारा।।
सादा जीवन सरल विचारों
का तेरे जीवन का विधान ।
जगा दिया था तरुणाई को
बनी अन्तर्राष्ट्रिय पहचान ।।
तेरा कर अनुकरण देशयह
अब महाभर्ग बन जायेगा।
इसमे तो है संदेह नहीं
देशस्वर्ण-विहगबनजायगा।।
समाप्त
रवींद्र कुमार रतन
स्वतंत्र लेखन ‘सेनानी सदन ।

