शिक्षाकर्मी वेतन-पेंशन को लेकर करेंगे विधानमंडल पर महाधरना

शिक्षाकर्मी वेतन-पेंशन को लेकर करेंगे विधानमंडल पर महाधरना जे टी न्यूज़, पटना : बिहार राज्य के 220 अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत लगभग 25 हजार शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी अब आंदोलन के निर्णायक चरण में पहुँच चुके हैं। फैक्टनेब (बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ) ने ऐलान किया है कि वे 22 जुलाई को बिहार विधानमंडल के समक्ष महाधरना देंगे और “वेतन-पेंशन भुगतान करो संकल्प सभा” का आयोजन करेंगे।

मुख्य माँगें:

पटना हाईकोर्ट के LPA NO. 683/2023 एवं CWJC NO. 808/2019 के आलोक में वेतन व पेंशन का शीघ्र भुगतान।

2015-18 तक के आठ सत्रों का बकाया अनुदान सीधे शिक्षकों के खातों में एकमुश्त भुगतान।

कतिपय विश्वविद्यालयों को लंबित अनुदान राशि शीघ्र भेजना और महाविद्यालयों तक उसका हस्तांतरण।

आंदोलन का कार्यक्रम:

5 जुलाई: सभी महाविद्यालयों में काला बिल्ला लगाकर शिक्षाकर्मियों का धरना।

15 जुलाई: राज्य के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन।

22 जुलाई: पटना में विधानमंडल के समक्ष महाधरना व संकल्प सभा।

नेतृत्व की ओर से चेतावनी:
फैक्टनेब के अध्यक्ष डॉ. शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित कोर कमेटी बैठक में आंदोलन का रोडमैप तय किया गया। महासचिव प्रो. राजीव रंजन और मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता ने शिक्षाकर्मियों को विवश कर दिया है।

कोर कमेटी की बैठक में प्रमुख उपस्थिति:
डॉ. रविन्द्र कुमार, प्रो. श्रवण कुमार, प्रो. सुशील झा, डॉ. रविकांत सिंह, डॉ. मणिन्द्र कुमार, डॉ. अरविन्द पाण्डेय, डॉ. शिवकुमार सिंह, प्रो. शिवजी गोस्वामी, प्रो. मिथिलेश कुमार, प्रो. अजय प्रसाद सिंह, डॉ. संतोष चौधरी, प्रो. एम.एन.जी. सिद्दीकी सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

सरकार यदि अब भी नहीं जागी तो यह आंदोलन शिक्षा व्यवस्था के साथ प्रशासनिक तंत्र पर भी भारी पड़ेगा, फैक्टनेब पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है।

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