विकास हेतु वर्तमान सरकार भी रही है सतत प्रयास में : डी एम

सासाराम में हुआ फरोग-ए-उर्दू सेमिनार-सह-मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन

विकास हेतु वर्तमान सरकार भी रही है सतत प्रयास में : डी एम/ सासाराम में हुआ फरोग-ए-उर्दू सेमिनार-सह-मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन जे टी न्यूज, सासाराम (रोहतास) बिहार उर्दू निदेशालय पटना के सौजन्य से एवं रोहतास ज़िला उर्दू भाषा कोषांग की ओर से ज़िला मुख्यालय सासाराम के मल्टीपरपस हॉल में बुधवार को आयोजित हुए फरोग-ए-उर्दू सेमिनार-सह-मुशायरा एवं कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए ज़िला अधिकारी रोहतास श्रीमती उदिता सिंह ने कहा कि आजाद भारत में समस्त भारतीय भाषाओं के बीच उर्दू का अपना एक अलग स्थान है। उर्दू ग़ज़लों की लोकप्रियता ने उर्दू भाषा को एक नया मोड़ और नया बल दिया है। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा का विकास एक सतत प्रक्रिया है और आज भी यह भाषा साहित्य, संगीत तथा फिल्म-उद्योगों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। इस भाषा के विकास के लिए सरकारी-स्तर पर हर तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आए उप विकास आयुक्त विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि उर्दू भाषा हिंदुस्तानी भाषा का एक मानकीकृत रूप है जो संस्कृत से विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे तो इस भाषा में अनेक साहित्य लिखे जा रहे हैं, लेकिन ख़ासकर यह गीत-ग़ज़लों के लिए जानी जाती है। उर्दू भाषा की अपनी एक समृद्ध परम्परा रही है। कार्यक्रम दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। प्रथम सत्र के कार्यक्रम में विद्वान वक्ताओं में ज़नाब ए0के0 अल्वी, डॉ0 एस. जमशेद आलम, डॉ0 फरज़ाना परवीन, डॉ0 गुरुचरण सिंह तथा मतीन सासारामी द्वारा उर्दू की तरक्की पर अपना विचार विचार व्यक्त किया गया। जबकि दूसरे सत्र में मुशायरा का कार्यक्रम हुआ, जिसमें पटना से आए शायर असर फरीदी, औरंगाबाद से आई अंजुम आरा, सासाराम से वरिष्ठ शेयर अख्तर इमाम अंजुम, आलम प्रवेज, सरोज कुमार पंकज, शब्बीर सासारामी, अनवर जावेद शादा، बृजिश आरजू, तनवीर अख्तर तथा शकील हासमी ने अपनी शायरी से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत जिला उर्दू भाषा कोषांग के उच्चवर्गीय लिपिक इज़हार आलम, शाकिब अहमद, मोहन कुमार करण ने किया। कार्यक्रम के समापन के दौरान आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए जिला उर्दू भाषा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी इजहार आलम ने कहा कि उर्दू की मिठास और खूबसूरती ने इसे तहजीब के पैमाने में बदल दिया। उन्होंने कहा कि इसकी मिठास और इसके हुस्न ने न सिर्फ इसे शायरों की ज़ुबान बनाया बल्कि हकीकत में इसे मोहब्बतों की आशिकों की ज़ुबान बना दिया, उन्होंने कार्यक्रम में आए अपने अतिथियों को हृदय-तल से धन्यवाद दिया और कहा कि आपके सहयोग से ही यह कार्यक्रम बहुत बेहतरीन बन सका। पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्वान कवि तथा एसपी जैन महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ गुरुचरण सिंह ने की और संचालन डॉ0 एस.जमशेद आलम तथा विख्यात शायर मतीन सासारामी ने किया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी मदन राय, अनुमंडल पदाधिकारी आशुतोष रंजन, अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी किशोर कुमार आनंद तथा प्रभारी डीपीआरओ आशीष रंजन की गरिमामयी उपस्थिति रही, जहां भारी संख्या में उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक, जिला भर के कई स्कूलों के उर्दू शिक्षक शिक्षिका एवं जिला भर के ही कई मदरसों, तालीमी मर्केजों के लोगों के साथ ज़िला भर के कई गणमान्य लोगों की भीड़ देखी गई।

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