मनाई गई राजेन्द्र प्रसाद जयंती
मनाई गई राजेन्द्र प्रसाद जयंती

सासाराम (रोहतास): प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती मंगलवार को आईसीएसई मान्यता प्राप्त राजेन्द्र विद्याालय में गरिमा और उत्साह के साथ मनाई गई। विद्यालय के नाम से ही जुड़े इस महान व्यक्तित्व के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम और भी महत्त्वपूर्ण व प्रेरक बन गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के चित्र पर माला अर्पण, दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि के साथ हुई। विद्यालय परिसर में उपस्थित विद्यार्थियों, शिक्षकों और अतिथियों ने उनके आदर्शों को याद करते हुए राष्ट्रनिर्माण में शिक्षा और नैतिक मूल्यों की भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद विद्यालय की अध्यक्ष श्रीमती गीता सिन्हा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि
“डॉ. राजेन्द्र प्रसाद सत्य, सरलता और सेवा के प्रतीक थे। हर विद्यार्थी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर कर्म, विनम्रता और ईमानदारी के मार्ग पर चलना चाहिए। उन्हें आगे प्रधानाचार्य श्री नवेंदु विश्वास ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद न सिर्फ भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे, बल्कि वे भारतीय संस्कृति, शिक्षा और लोकतंत्र की आत्मा थे। उनका जीवन विद्यार्थियों के लिए आदर्श का स्रोत है। बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई। अभिश्री और आदिति ने प्रभावी भाषण देकर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के संघर्ष, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका और उनकी विनम्रता पर प्रकाश डाला। अंकिता और खुशबू ने भावपूर्ण कविता प्रस्तुत की, जिसकी पंक्तियों में देशभक्ति और आदर्शों की सुगंध समाई थी।

आदिति और आराध्या द्वारा आयोजित क्विज़ प्रतियोगिता में बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रश्नोत्तर का दौर ज्ञानवर्धक और रोचक रहा। कार्यक्रम की विशेष आकर्षण रही विद्यार्थियों की प्रस्तुतनुक्कड़ नाटक। कलायनी, सौरव, सूर्या प्रताप, कृष्ण, आयुष, अमन, कृष्णा, आयुष राय, सोनाक्
राजेन्द्र विद्यालया में आयोजित यह जयंती समारोह न केवल एक महान नेता को श्रद्धांजलि था, बल्कि बच्चों में राष्ट्रप्रेम, कर्तव्यबोध और नैतिक मूल्यों को जगाने वाला प्रेरक आयोजन भी रहा।




