प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मी भुखमरी के कगार पर

सरकार के कथनी एवं करनी में फर्क के कारण 2012 से आजतक नहीं मिला कोई अनुदान

 


पूरे प्रदेश में करीब 250 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय की संख्या हैं मौजूद

वर्त्तमान में 250 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय में शिक्षक एवं कर्मी की संख्या करीब 25000 तक है

प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण आजतक संबद्ध डिग्री महाविद्यालय कॉलेज अनुदान से रहा वंचित

क्या प्रदेश सरकार भुखमरी के कगार पर पहुचे शिक्षकों व कर्मियों को देंगे अनुदान ?

सूत्रों की माने तो बिहार के तमाम कॉलेज सत्ता पक्ष के सांसद विधायक मंत्री के द्वारा हो रहे संचालित

जेटी टाइम्स
संजीव मिश्रा

*बिहार :* प्रदेश सरकार के बेरुखी के कारण संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मी भुखमरी के कगार पर पहुच चुके हैं । इसकी ज़िम्मेदारी प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार पर है ।

बिहार के 225 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के 2012 से 2020 तक की अनुदान की राशि भुगतान नहीं किए जाने से शिक्षक एवं शिक्षक कर्मचारियों ने तबाही का आलम बना हुआ है।
बिहार के तमाम कॉलेज सत्ता पक्ष के सांसद विधायक मंत्री के द्वारा संचालित है ।
बिहार के घोषणा के बाद भी अनुदान उपलब्ध नहीं होने के कारण कई शिक्षक कर्मचारी दवा के अभाव में दर्जन से अधिक लोग चल बसे ।
अधिकांश कर्मचारी के बाल बच्चे की शादी भी गर्दिश में पड़ा हुआ है ।
सरकार के चेतावनी के बाद भी कॉलेज प्रशासन विश्वविद्यालय नियम को पालन नहीं करने के कारण शिक्षक और कर्मचारी के भविष्य अंधकार में है ।

  1. जानकारी के मुताबिक इन कॉलेजों से कॉलेज संचालक को प्रति वर्ष 5000000 से अधिक रुपए अवैध राशि का लाभ होता हैं , जिस कारण सरकार के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हैं और आम कर्मचारी पैसे के अभाव में प्रताड़ित होते रहते हैं।
    ऐसे भी कॉलेज संचालक हैं जो अपने खानदान को ही प्राचार्य बनाकर कॉलेज के बंटाधार कर रहे हैं ।
    उल्लेखनीय है कि बिहार के तमाम उनकी कॉलेज से अधिक छात्रों के रिजल्ट अच्छे होते हैं उसके बावजूद संबंध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षकों को अनुदान या वेतन समय पर नहीं दिया जाना आखिर बिहार सरकार के किस मानसिकता को दर्शाता है ।
    ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी समय पर अनुदान या वेतन नहीं दिया जाना सुशासन के विफलता को ही दर्शाता है ।
  2. सबसे बड़ी बात यह है कि अंगी भूत महाविद्यालय में ऐसे भी शिक्षक हैं जिन के विषय में एक भी छात्र नहीं होने के बावजूद देर से ₹200000 प्रतिमाह वेतन के रूप में लिया जाता है ।
    जबकि प्राइवेट कॉलेज में छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक की कमी आज भी है ।

इस मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री से तुरंत अनुदान की राशि निर्गत करने की मांग रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश उपाध्यक्ष रामनाथ यादव के अलावे डिग्री महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक सीता कुमारी ने भी मुख्यमंत्री से अपील किया है कि अनुदान की राशि भुगतान करने की दिशा में आवश्यक ठोस कदम उठाये ताकि शिक्षक एवं कर्मचारियों का भविष्य खराब ना हो सके।

राष्ट्रीय जनता दल के दलित प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सत्यवीनपासवान ने भी मुख्यमंत्री को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाने का अपील किया है । अब देखना है कि प्रदेश की नीतीश सरकार शिक्षकों व कर्मियों के उज्वल भविष्य को बनाने का कार्य करते हैं या उनकी जिंदगी को बर्बाद करने का कार्य करते है। ये तो आनेवाला समय ही तय करेगा ।

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