रेलवे में टक्कर रोधक कवच पर विशेष प्रशिक्षण — विवेक चक्रवर्ती
रेलवे में टक्कर रोधक कवच पर विशेष प्रशिक्षण — विवेक चक्रवर्ती
जे टी न्यूज/संजय कुमार तिवारी

सासाराम (रोहतास) भारतीय रेल के सबसे प्रतिष्ठित प्रशिक्षण केंद्र भारतीय रेल सिंगनल इंजीनियरिंग एंव दूरसंचार संस्थान सिकंदराबाद के सहायक प्रोफेसर ट्रेनिंग विवेक चक्रवर्ती ने देशभर के कोने -कोने से आए इंजीनियर को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारतीय रेलवे का मुख्य फोकस ट्रेन की गति बढाने पर है जिसे पुरा करने के लिए टक्कर रोधक तकनीक की अवधारणा को मूर्त रुप देने लिए भारतीय रेलवे कृत संकल्प है। जिसके अंतर्गत एमपीएलएस, एलटीई, भीओआईपी एवं मोबाइल तकनीक पर प्रशिक्षण के दौरान विशेष जोर दिया जा रहा है।

चक्रवर्ती ने भीओआईपी को भारतीय रेल का भविष्य बताते हुए आईटीआई बैच को प्रशिक्षण देने के क्रम में कहा कि भीवीओआईपी तथा आईपीएमपीएलएस जैसी तकनीक दूरसंचार का भविष्य है, इसी पर आधारित जीएसएम की विकसित तकनीक एलटीई को लाया जा रहा है। विदित हो कि भारतीय रेलवे ने गति सीमा 160 किमी प्रघं करने के लिए अपने आधार व्यवस्था निर्माण पर कार्य प्रारंभ कर दिया है। विवेक चक्रवर्ती ने कहा कि गति सीमा बढने के साथ साथ ड्राइवरों को चलती ट्रेन से सिग्नल का आकलन कर पाना एक कठिन कार्य होता है। अत: टक्कर विरोधी तकनीक कवच तथा कैब सिग्निंग की अधोसंरचना निर्मित करने पर रेलवे मुख्य जोर दे रही है। यह तकनीक पुरी तरह वायरलेस एलटीई मोबाइल तकनीक पर आधारित रहती है ताकि सिग्नल की तत्काल स्थिति चलती ट्रेन के इंजन में ड्राइवर केबिन तक पहुचाया जा सके।

इस अवसर पर इंडियन रेलवे एसएंडटी मेंटेनर यूनियन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रबोध श्रीवास्तव, ईसीआरकेयू डेहरीऑन सोन अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद, बैच परफेक्ट मनोज कुमार प्रभात, आलोक करकटे, शिव कुमार, तेजस्वी इनकोलू, हैदर खान, निशांत कुमार, गौतम कुमार, शैलेन्द्र कुमार विमल, कुमार रंजन, पप्पू कुमार, अशोक यादव,अमन कुमार, संदीप कुमार, विजय कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सुशांत कुमार, सुबोध कुमार आदि जूनियर इंजीनियर उपस्थित थे।



