सोशल मीडिया का छलावा ज़माना
सोशल मीडिया का छलावा ज़माना
जे टी न्यूज़

जी हाँ, आज कल सोशल मीडिया का ज़माना है, जिसके बिना सायद इंसान जी नहीं सकता है। पानी के बिना भले ही जी लें, मगर इंटरनेट या सोशल मीडिया के बिना जीना बड़ा ही दूभर है। ये भी नहीं कहा जा सकता की, सोशल मीडिया ज़रूरी नहीं है, मगर ज़रूरी से जब ज़रुरत बन जाए और ज़रुरत से आदत तो ये सिर्फ़ क्षति ही पहुंचाता है। और तन, मन पर निर्भर करता है, मन अशांत तो तन भी बिगड़ने लगता है।
~ कुल मिलाके ज़्यादा से ज़्यादा 16 लाख साइबर क्राइम केसेस, भारत में होते देखा गया था 2020 में , और उसमे से 32,000 FIRs है।
~ और अब 33 अरब लोग हर दिन साइबर क्राइम के शिकार होते हैं। साइबर क्राइम हर साल बढ़ती ही जा रही है, सतर्क रहे, ये बहुत हानिकारक है। 4 जून में राजस्थान, में देखा गया है, की एक अपराधी, एक अंतबस्त्र के कंपनी से, 15 लाख लड़कियों के निजी जानकारी को निकालता है, जिसमें ईमेल था, पता था और लड़कियों के अंतबस्त्र के माप थे। कुछ दिन तक कारवाही चलती रही कुछ जानकारी भी मिली उसे, वह पकड़ा गया। मगर सतर्क रहना बेहद ज़रूरी है। और हमारे सरकार को भी इसके लिए कड़ी से कड़ी नियम बनाने की आवश्यकता है। ताकि लड़कियां हर क्षेत्र में सुरक्षित रहें।

आज कल सोशल मीडिया के ज़रिये रिश्ता रखा जाता है। रिश्तों का मोल अब सोशल मीडिया में बंधके रह गया है। दिखावा करना और रिश्तों का प्रेम सिर्फ़ चैट्स तक रहना आज कल का फैशन हो गया है। न कभी हालचाल पूछते हैं, न ही कभी याद करते हैं, अब अपने बेगाने होते जा रहे हैं और पराये अपनो का फर्ज़ -अदा पूरा कर रहे हैं। धर्म का प्रचार कर, ग़लत राय बनाके, ग़लत आरोप लगाके, बदनाम करने की कोशिश करते हैं। जिसको अपना मानते हो वही आखिर में आपको डस्ते हैं। धर्म का प्रचार वही करते हैं, जिन्हे अपने पर या अपने ईश्वर पर बिश्वास नहीं, धर्म तो बहाना है, निजी दुश्मनी जो निकालना है। ऐसे लोगों से, ऐसे ज़हरपन से कोसों दूर रहना चाहिए, इसलिए नहीं की हम डर रहे हैं, बल्कि इसलिए क्यों की बिता समय वापस नहीं लौटता है। और ऐसे लोगों के साथ ऐसे बातों पर वक़्त जाया करना फिसूल है।
आचरण और चरित्र गंगा पानी सा रखो की कोई और पानी भी आए तो वह भी साथ में घुल जाए। बहुत लोग ऐसे भी हैं, जो खुदको अपना बताके आपसे जलते रहते हैं, और योजना बनाते हैं, कैसे इसका नाम खराप किया जाए। तब समझियेगा की सही माईने में आप कामयाब हुए हैं, तभी कोई आपसे जल रहा है। रिश्ता अगर दिखावे से बढ़के दिल से हो तो, उसे ज़्यादा खूबसूरत और कुछ भी नहीं और रिश्ता अगर दिल से न होके नाम और काम से हो तो वह सिर्फ़ ज़रुरत तक ही आपको पूछते हैं।
” सोशल मीडिया ज़रूरी है, ज़रुरत नहीं। “
~ जानभी चौधुरी
बालेश्वर, ओड़िशा।

