क्षतिग्रस्त रसोईघर में खाना बनाने को मजबूर है विद्यालय की रसोईया जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन में पढ़ने को मजबूर है छात्र-छात्राएं
क्षतिग्रस्त रसोईघर में खाना बनाने को मजबूर है विद्यालय की रसोईया जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन में पढ़ने को मजबूर है छात्र-छात्राएं

जे टी न्यूज, खजौली : भले ही शिक्षा विभाग के आला अधिकारी विद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने एवं विद्यालय में गुणात्मक सुधार का भरसक प्रयास कर रहे हो लेकिन विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ विद्यालय की बुनियादी ढांचा का मजबूत करने आवश्यकता है। विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं को घोर अभाव है। प्रखंड के कई ऐसे विद्यालय है जहां विद्यालय में नामांकित छात्रों को न तो पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध है और न ही शौच के लिए शौचालय। कही पेड़ के नीचे तो कहीं जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन में जान जोखिम में डालकर पढ़ने को छात्र-छात्राएं मजबूर है । बतादें की प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय इनरवा पश्चिम में 139 छात्र-छात्रएं नाममित है।

प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक पदस्थापित है। विद्यालय का संचालन जर्जर व क्षतिग्रस्त भवन में हो रहा हैं। बरसात के समय छत से पानी का रिसाव होता है। वर्ग के छत से प्लास्टर गिरकर बच्चों की शरीर पर गिर जाता है। इतना ही नहीं विद्यालय में मध्यान्ह भोजन बनाने को तैयार हुए रसोईघर की छत से सीधे खुला आसमान दिख रहा है। छत में जगह-जगह बड़ी बड़ी छेद है। छत का पूरा सरिया बाहर दिख रहा है। रसोईया समुद्री देवी एवं शितली देवी ने कहा कि खाना बनाते समय छत का प्लास्टर कई बार शरीर पर गिर गया है। बरसात के दौरान रसोईघर में पानी भर जाता है। चुल्हा भींग जाता है। ऐसी स्थिति रही तो वे लोग विद्यालय में मघ्यान्ह भोजन बनाना बंद कर देने की चेतावनी दी। इस संबंध में एचएम शेराजुल हक, सहायक शिक्षक रामकिशुन राम, सतीश कुमार पाल ने कहा कि विद्यालय निरीक्षण को आये डीपीओ एमडीएम सहित अधिकारियों को कई बार विद्यालय की मूल समस्याओं से अवगत कराया गया है, समस्या समाधान की ओर पहल करने का अनुरोध किया गया है। लेकिन अबतक इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। दूसरी ओर प्रखंड के मध्य विद्यालय कन्हौली मल्लिक टोल में भवन का घोर अभाव है। छात्र खुले आसमान व पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर है।

क्या कहते है बीईओ
बीईओ योगेंद्र चैधरी ने कहा कि इसके संबंध में अबतक कोई आवेदन प्राप्त नहीं है। आपके माध्यम से इसकी सूचना मिली है। जेई से विद्यालय की भौतिक स्थिति की आंकलन करवा ली जायेगी। जांच प्रतिवेदन के अवलोकन के बाद विभाग को समाधान के लिए पत्राचार किया जायेगा।



